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Chai Peene Ke Nuksan: आपकी सुबह की चाय कहीं आपको मौत के करीब तो नहीं ले जा रही?
Chai Peene Ke Nuksan: आपकी रोज की चाय किडनी पर दबाव डाल सकती है। खासकर तब जब आप ज्यादा मात्रा में चाय पीते हैं या पहले से किडनी की कोई परेशानी है।
Chai Peene Ke Nuksan (social media)
Chai Peene Ke Nuksan: हममें से ज्यादातर लोग सुबह की शुरुआत एक गर्मागर्म चाय के प्याले के बिना सोच भी नहीं सकते। चाहे दिन की थकान दूर करनी हो या अखबार पढ़ते हुए पहला घूंट लेना हो, चाय हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चाय किडनी के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है... जी हां... आपकी रोज की चाय किडनी पर दबाव डाल सकती है। खासकर तब जब आप ज्यादा मात्रा में चाय पीते हैं या पहले से किडनी की कोई परेशानी है।
चाय पीने की समस्या क्या है?
चाय में ऑक्सलेट्स होता है। ये एक प्रकार का प्राकृतिक रसायन है, जो कई पौधों और उनके उत्पादों में पाया जाता है, जैसे कि चाय की पत्तियों में। जब हम ज्यादा मात्रा में ऑक्सलेट्स खाते-पीते हैं, तो शरीर इन्हें पूरी तरह बाहर नहीं निकाल पाता। ये ऑक्सलेट्स हमारे पेशाब में मौजूद कैल्शियम से मिलकर किडनी स्टोन बना सकते हैं। बता दें कि काली चाय में ऑक्सलेट्स की मात्रा ज्यादा होती है। कुछ रिसर्च में यह पाया गया है कि अगर आप 6–8 कप चाय रोज पीते हैं, तो किडनी में स्टोन बनने की संभावना बढ़ सकती है। हर्बल और ग्रीन टी में ऑक्सलेट्स कम होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इन्हें बेफिक्र होकर पी सकते हैं।
क्या भारतीय मसाला चाय भी नुकसान करती है?
हमारी पारंपरिक मसाला चाय में काली चाय होती है, इसलिए उसमें भी ऑक्सलेट्स होते हैं, लेकिन एक अच्छी बात ये है कि हम चाय को दूध के साथ बनाते हैं, और दूध में कैल्शियम होता है। यह कैल्शियम पेट में ही ऑक्सलेट्स से जुड़ जाता है और इन्हें किडनी तक पहुंचने से पहले ही रोक देता है। यानी दूध वाली चाय थोड़ा सुरक्षित विकल्प हो सकती है। फिर भी अगर आपको पहले कभी किडनी स्टोन हुआ है, या परिवार में किसी को हुआ है, तो चाय की मात्रा 2-3 कप तक सीमित रखना बेहतर होगा।
ग्रीन टी कितनी सुरक्षित है?
ग्रीन टी में ऑक्सलेट्स कम होते हैं और यह एंटीऑक्सीडेंट्स के लिए जानी जाती है, लेकिन अगर आप इसे ज्यादा मात्रा में पीते हैं या इसके सप्लीमेंट्स लेते हैं, तो इससे किडनी और लीवर को नुकसान हो सकता है। यानी यहां भी संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
प्रोसेस्ड या इंस्टेंट चाय से सावधान
आजकल बाजार में मिलने वाली इंस्टेंट चाय, फ्लेवर वाली चाय में कई तरह के केमिकल्स, फॉस्फोरस और सोडियम की मात्रा होती है। ये सभी चीजें क्रॉनिक किडनी डिजीज वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं। इसलिए अगर आप ऐसे रेडीमेड प्रोडक्ट्स का सेवन करते हैं, तो उन्हें कम करने की सलाह दी जाती है।
नतीजा क्या निकला?
चाय या ग्रीन टी को पूरी तरह छोड़ने की जरूरत नहीं है। बल्कि कम मात्रा में चाय पीना फायदेमंद है। जैसे कि बेहतर फोकस, कम कोलेस्ट्रॉल आदि, लेकिन जरूरत से ज्यादा कुछ भी नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप पहले से किडनी स्टोन से पीड़ित रह चुके हैं, क्रॉनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे हैं या फिर रोज 5–6 कप से ज्यादा चाय पीते हैं…तो आपको अपनी चाय पीने की आदतों पर दोबारा सोचने की जरूरत है। हर्बल चाय को विकल्प के तौर पर अपनाएं, ज्यादा पानी पिएं, ताकि ऑक्सलेट्स शरीर से निकल सकें और अपने शरीर के संकेतों को समझें। आपकी किडनी आपके शरीर में चुपचाप बहुत काम करती है उसे चाय से न थकाएं।
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