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Corona Virus On Thyroid: एक साल बाद भी रहता है थायरॉयड पर कोरोना वायरस का शिकंजा

एक लेटेस्ट रिसर्च में पता चला है कि कोरोना वायरस का थायरॉयड ग्रंथि पर असर एक साल तक बना रह सकता है। ये असर थायरॉयड ग्रंथि को सुस्त कर देता है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 1 July 2022 2:03 AM GMT
Corona Virus On Thyroid
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Corona Virus On Thyroid। (Social Media)

Corona Virus On Thyroid: कोरोना वायरस (Coronacvirus) बेहद खतरनाक और रहस्यमय है। ये वायरस एक बार शरीर में घुस जाए तो मरीज को कोई न कोई गहरा निशान दे ही जाता है। वायरस किसी भी अंग को बहुत लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है। अब एक लेटेस्ट रिसर्च में पता चला है कि कोरोना वायरस का थायरॉयड ग्रंथि (Corona vVrus On Thyroid) पर असर एक साल तक बना रह सकता है। ये असर थायरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) को सुस्त कर देता है। इस अवस्था के दीर्घकालिक परिणाम क्या क्या हो सकते हैं, ये अभी पता नहीं चल पाया है।

कोरोना के माध्यम से थायरॉयड को प्रभावित करता: शोधकर्ता

इटली में मिलान विश्वविद्यालय (University of Milan in Italy) के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना का गंभीर संक्रमण विभिन्न तंत्रों के माध्यम से थायरॉयड को प्रभावित करता है। शोधकर्ताओं ने थायराइड पर कोरोना के असर को बेहतर ढंग से समझने और समय के साथ इसकी प्रगति को ट्रैक करने के लिए कोरोना संक्रमित लोगों की एक साल तक निगरानी की और उनमें थायराइड की शिथिलता को ट्रैक किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना के मध्यम से गंभीर संक्रमण के दौरान थायरॉयड ग्रंथि की सूजन यानी थायरॉयडिटिस की घटना, थायरॉयड की शिथिलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मिलान में 24वीं यूरोपियन कांग्रेस ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी (24th European Congress of Endocrinology in Milan) के दौरान प्रस्तुत किए गए अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण से हार्मोन असंतुलन आमतौर पर हल्का होता है लेकिन कोरोना के गंभीर मामलों में ये काफी बढ़ जाता है। मिलान विश्वविद्यालय के इलारिया मुलर ने कहा कि, थायरॉइड डिसफंक्शन और कोरोना बीमारी के बीच एक स्पष्ट संबंध है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या कोरोना रोग की गंभीरता के कारण थायराइड हार्मोन प्रभावित है। ये ध्यान में रखा जाना चाहिए कि थायरॉयड ग्रंथि सीधे कोरोना वायरल संक्रमण में शामिल है।

मानव शरीर के वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण थायराइड फंक्शन

बता दें कि थायराइड फंक्शन मानव शरीर के चयापचय, वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। थायराइड ग्रंथि शरीर के खून में हार्मोन की एक स्थिर मात्रा को लगातार रिलीज़ करती है जिससे यह शरीर के कई कार्यों को रेगुलेट करने में सहायता करता है। थायरॉयड ग्रंथि उस समय अतिरिक्त हार्मोन उत्पन्न करती है जब शरीर को विशेष परिस्थितियों में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है जैसे जब शरीर का डेवलपमेंट होता है, प्रेग्नेंसी होती है या ठंड होती है।

कोरोना रोगियों में अक्सर थायरॉयडिटिस होता है: अध्ययन

अध्ययन में गंभीर कोरोना के साथ अस्पताल में भर्ती 100 से अधिक रोगियों को उनके थायराइड-उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) और अन्य संकेतकों का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना रोगियों में अक्सर थायरॉयडिटिस होता है लेकिन कोरोना बीमारी ठीक होने के तुरंत बाद लगभग मामलों में थायरॉयड के संकेतक सामान्य हो जाते हैं।

लेकिन शोध के अनुसार, कोरोना बीमारी ठीक होने के 12 महीनों के बाद मरीजों के थायरॉइड अल्ट्रासाउंड में दिखा कि आधे मरीजों में थाइरोइडाइटिस के क्षेत्र दिखाई देते रहे, भले ही वे आकार में कम थे। थायरॉइड फ़ंक्शन का एक संकेतक टेक्नेटियम या आयोडीन होता है। मरीजों में हुई जांच से पता चला कि नौ महीनों में छह में से चार व्यक्तियों में अब भी आयोडीन अपटेक कम था, हालांकि यह ज्यादातर में 12 महीनों के बाद ठीक हो गया था। शोधकर्ताओं के अनुसार इस अवस्था का दीर्घकालिक नैदानिक ​​परिणाम फिलहालअज्ञात है।

कोरोना मरीजों में देखी जा रही कई दिक्कतें

कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित हुए लोगों में विभिन्न प्रकार की दिक्कतें देखी जा रही हैं। लोग संक्रमण से ठीक हो जाने के बाद भी बहुत लंबे समय तक अलग अलग लक्षणों से ग्रसित रहते हैं। अमेरिका में तो पाया गया है कि कुल कोरोना संक्रमितों में से एक तिहाई "लॉन्ग कोविड" से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों में संक्रमण होने के साल भर बाद भी कोरोना जैसे लक्षण बने रहते हैं। बहुत से लोगों में मानसिक परेशानी भी पाई जाती है। सबसे बड़ी बात ये है कि लॉन्ग कोविड पर कोई व्यापक रिसर्च अभी तक नहीं हुई है। चूंकि एक ही पीड़ित में कई तरह के लक्षण बने रहते हैं सो कोई एक इलाज भी नहीं है।

Deepak Kumar

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