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सावधान! सेक्स से जुड़ी ये बीमारियां बिना लक्षण के कर रही आपका शरीर खोखला, जरूर करवाएं ये टेस्ट
STI Test : अगर आप यौन संबंध को लेकर एक्टिव हैं, तो STI टेस्ट करवाना आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। कई बार ये संक्रमण बिना लक्षण के होते हैं, लेकिन शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
STI tests for healthy life (social media)
STI Tests For Healthy Life: आज की बदलती लाइफस्टाइल में, जहां लोग पहले से ज्यादा जागरूक रहे हैं, वहीं यौन संबंध हेल्थ को लेकर अब भी कई लोगों में जानकारी की कमी है। खासकर STI को लेकर समाज में झिझक और शर्म अब भी बड़ी समस्या है। बहुत से लोग बिना किसी लक्षण के STI की चपेट में आ जाते हैं और उन्हें इसका अंदाजा तक नहीं होता। ऐसे में आइए समझते हैं इसके बारे में विस्तार से।
STI टेस्ट की जरूरत क्यों है?
STI के कई प्रकार ऐसे होते हैं, जिनमें शुरुआती लक्षण नजर नहीं आता। व्यक्ति को लगता है कि वह पूरी तरह स्वस्थ है, लेकिन शरीर के अंदर एक गंभीर संक्रमण पनप रहा होता है। अगर समय रहते इनका इलाज न किया जाए, तो ये इनफर्टिलिटी, लिवर डैमेज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं, इसलिए STI की जांच करवाना खुद के साथ-साथ अपने पार्टनर की सुरक्षा भी है।
STI टेस्ट में क्या होता है?
STI की जांच में डॉक्टर आपकी यौन संबंध हिस्ट्री के बारे में सवाल करते हैं। फिर कुछ जरूरी टेस्ट किए जाते हैं।
- ब्लड टेस्ट: HIV, सिफिलिस और हेपेटाइटिस B और C की पहचान के लिए।
- यूरिन टेस्ट: गोनोरिया और क्लेमाइडिया जैसी बीमारियों की पहचान के लिए।
- स्वैब टेस्ट: गले, गुदा या वजाइना से सैंपल लेकर इंफेक्शन की जांच।
अगर किसी के प्राइवेट पार्ट्स पर घाव या दाने दिखाई दें तो डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन भी कर सकते हैं।
किन लोगों को कराना चाहिए STI टेस्ट?
अगर आप यौन संबंध को लेकर एक्टिव हैं, तो STI टेस्ट करवाना आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। कई बार ये संक्रमण बिना लक्षण के होते हैं, लेकिन शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। 13 से 64 साल के लोग हर साल कम से कम एक बार HIV टेस्ट जरूर करवाएं। 25 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं, जिनके नए या एक से ज्यादा पार्टनर हों, उन्हें भी ये जांच करवानी चाहिए। प्रेग्नेंट महिलाएं प्रेग्नेंसी के शुरुआती चरण में HIV, सिफिलिस, हेपेटाइटिस B और C की जांच जरूर करवाएं और वो पुरुष जो दूसरे पुरुषों के साथ संबंध बनाते हैं उन्हें HIV, सिफिलिस, क्लेमाइडिया और गोनोरिया की साल में एक बार टेस्ट करवा लेना चाहिए।
STI के संक्रमण
- HIV: इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जिससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इलाज न हो तो AIDS में बदल सकता है।
- गोनोरिया: पेशाब में जलन और जननांगों से रिसाव इसके सामान्य लक्षण हैं।
- क्लेमाइडिया: अक्सर लक्षणहीन होता है, लेकिन भविष्य में प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है।
- सिफिलिस: चार चरणों में शरीर को प्रभावित करता है; समय पर इलाज न हो तो दिमाग और दिल तक को नुकसान पहुंचा सकता है।
- हेपेटाइटिस B और C: लीवर को प्रभावित करते हैं। हेपेटाइटिस B की वैक्सीन है, लेकिन C का इलाज दवाओं से होता है।
- HPV: महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का एक बड़ा कारण है।
आज भी बहुत से लोग STI टेस्ट करवाने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह शर्म की बात है। बता दें कि अपनी सेहत को लेकर सचेत रहना कोई शर्म की बात नहीं, बल्कि समझदारी की बात है। स्वस्थ समाज के लिए जरूरी है कि लोग STI को लेकर खुलकर बात करें, जानकारी फैलाएं और खुद को और अपने पार्टनर को सुरक्षित रखें।
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