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अंदर ही अंदर लिवर को खत्म कर रही है ये बीमारी, जा सकती है जान

Chronic liver disease: यह हमारे शरीर की सबसे बड़ा ग्रंथि होता है, जो कई जरूरी काम करता है, लेकिन जब यह लिवर लंबे समय तक खराब हो जाता है या ठीक से काम नहीं करता, तो उसे क्रॉनिक लिवर डिजीज कहा जाता है।

Ragini Sinha
Published on: 8 Jun 2025 11:06 AM IST
What is Chronic liver disease
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What is Chronic liver disease (social media) 

Chronic liver disease: जैसे हमारा दिल और दिमाग हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं, वैसे ही लिवर भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे शरीर की सबसे बड़ा ग्रंथि होता है, जो कई जरूरी काम करता है, लेकिन जब यह लिवर लंबे समय तक खराब हो जाता है या ठीक से काम नहीं करता, तो उसे क्रॉनिक लिवर डिजीज कहा जाता है।

क्रॉनिक लिवर डिजीज क्या है?

क्रॉनिक लिवर डिजीज का मतलब होता है लंबे समय तक चलने वाली बीमारी इसलिए, क्रॉनिक लिवर डिजीड का मतलब है ऐसी बीमारी, जो लिवर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाती है और यह महीनों या सालों तक बनी रहती है। इस बीमारी में लिवर की कोशिकाएं धीरे-धीरे खराब होने लगती हैं, जिससे लिवर का काम प्रभावित होता है। यदि समय पर इलाज न हो, तो यह स्थिति लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis) या लिवर फेल्योर (liver failure) तक पहुंच सकती है, जो जानलेवा भी हो सकती है।


लिवर हमारे शरीर में क्या काम करता है?

लिवर हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे खून से हानिकारक पदार्थों को साफ करता है, ताकि हम बीमार न हों। साथ ही, यह भोजन से मिले पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलता है, जिससे हमें ताकत मिलती है। लिवर विटामिन और खून जमाने वाले जरूरी पदार्थ भी बनाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। यह शरीर में जमा फैट को भी कंट्रोल करता है, ताकि शरीर सही तरीके से काम करे। इसके अलावा, लिवर दवाइयों को तोड़कर उन्हें शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करता है। इसलिए लिवर की देखभाल बहुत जरूरी है।

क्रॉनिक लिवर डिजीज के कारण

लिवर की बीमारी के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम है हेपेटाइटिस वायरस (Hepatitis B और C) जो लिवर में सूजन और नुकसान करते हैं। लगातार ज्यादा शराब पीना भी लिवर की कोशिकाओं को खराब कर देता है, जिससे शराबी लिवर डिजीज होती है। फैटी लिवर डिजीज तब होती है, जब लिवर में ज्यादा चर्बी जमा हो जाती है, जो मोटापा, डायबिटीज और गलत खान-पान की वजह से होती है। कुछ दवाइयां और जहरीले पदार्थ भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा ऑटोइम्यून बीमारी और कुछ अनुवांशिक बीमारियां भी लिवर को प्रभावित करती हैं।


क्रॉनिक लिवर डिजीज के लक्षण

शुरुआत में यह बीमारी बहुत धीरे-धीरे बढ़ती है और अक्सर कोई खास लक्षण नहीं दिखते, लेकिन धीरे-धीरे जब लिवर का नुकसान बढ़ता है तो ये लक्षण आ सकते हैं पेट में सूजन या दर्द, थकान और कमजोरी महसूस होना, भूख कम लगना, त्वचा और आंखों का पीला पड़ जाना (जैसे पीलिया), पेशाब का रंग गहरा होना, कब्ज या दस्त, त्वचा पर सूजन या खुजली, वजन कम होना, ब्लीडिंग या आसानी से चोट लगना आदि शामिल है।

क्रॉनिक लिवर डिजीज का निदान कैसे होता है?

अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको लिवर की कोई समस्या हो सकती है, तो वह कुछ जरूरी टेस्ट करवाता है। सबसे पहले खून की जांच होती है, जिसे Liver Function Test कहते हैं। इससे पता चलता है कि लिवर सही काम कर रहा है या नहीं। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन से लिवर की स्थिति और आकार का पता लगाया जाता है। कभी-कभी लिवर बायोप्सी भी की जाती है, जिसमें लिवर की थोड़ी सी कोशिका लेकर माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है। ये टेस्ट लिवर की बीमारी का सही पता लगाने में मदद करते हैं।


क्रॉनिक लिवर डिजीज का इलाज

इस बीमारी का कोई सीधा इलाज नहीं है, लेकिन समय पर सही देखभाल और जीवनशैली में बदलाव से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

  • शराब पूरी तरह छोड़ दें।
  • डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाइयाँ लें।
  • सही खान-पान अपनाएं, जैसे तैलीय और जंक फूड से बचें।
  • नियमित व्यायाम करें और वजन नियंत्रण में रखें।
  • अगर हेपेटाइटिस है तो उसका इलाज जरूर करवाएं।
  • अपने शरीर को हाइड्रेट रखें और पर्याप्त आराम करें।
  • लिवर की देखभाल के लिए नियमित डॉक्टर से जांच कराते रहें।

क्रॉनिक लिवर डिजीज से बचाव के उपाय

  • स्वच्छता का ध्यान रखें और संक्रमित सुई, ब्लेड आदि से बचें।
  • सुरक्षित यौन संबंध बनाएं।
  • हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
  • शराब का सेवन न करें या बहुत कम करें।
  • सही समय पर टीकाकरण (vaccination) करवाएं, खासकर हेपेटाइटिस बी के लिए।
  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें।

क्रॉनिक लिवर डिजीज एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही जानकारी और जीवनशैली के बदलाव से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आप या आपके किसी जानने वाले को लिवर से जुड़ी कोई समस्या महसूस हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखें, समय पर इलाज से जीवन को स्वस्थ और बेहतर बनाया जा सकता है।

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