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World Maleria Day 2025: विश्व मलेरिया दिवस पर जाने इसके लक्षण और उपाय
Maleria Ke Lakshan aur Upay: मलेरिया एक संक्रामक रोग है जो प्लाज्मोडियम परजीवी (Plasmodium parasite) के कारण होता है। यह परजीवी मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से मनुष्य में प्रवेश करता है।
World Maleria Day 2025 History and Theme
World Maleria Day 2025: मलेरिया विश्व की उन गम्भीर बीमारियों में से एक है, जो अब भी लाखों लोगों के जीवन के लिए खतरा बनी हुई है। यह केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि गरीबी, अशिक्षा, स्वास्थ्य असमानता और सामाजिक ढांचे की कमजोरियों को उजागर करने वाला एक वैश्विक संकट है। हर वर्ष 25 अप्रैल को "विश्व मलेरिया दिवस" के रूप में मनाया जाता है, ताकि इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके, इसकी रोकथाम के उपायों को बढ़ावा दिया जा सके और इससे जुड़ी वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की जा सके।
मलेरिया क्या है?
मलेरिया एक संक्रामक रोग है जो प्लाज्मोडियम परजीवी (Plasmodium parasite) के कारण होता है। यह परजीवी मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से मनुष्य में प्रवेश करता है। मलेरिया मुख्य रूप से चार प्रकार के प्लाज्मोडियम से फैलता है:
Plasmodium falciparum (सबसे घातक)
Plasmodium vivax
Plasmodium malariae
Plasmodium ovale
इसके अलावा Plasmodium knowlesi, जो मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है, हाल ही में मानवों में संक्रमण का कारण बना है।
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया संक्रमण के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 10-15 दिन बाद प्रकट होते हैं। सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
तीव्र बुखार (अक्सर ठंड लगने के साथ)
पसीना आना
सिरदर्द
उल्टी या मितली
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
थकान और कमजोरी
गंभीर मामलों में – किडनी फेल होना, मस्तिष्क को क्षति, रक्ताल्पता (एनीमिया), मृत्यु
विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास
विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष 2007 में की थी। इसका उद्देश्य वैश्विक समुदाय को मलेरिया से लड़ने के लिए एकजुट करना था।
इससे पूर्व 25 अप्रैल, 2001 को अफ्रीकी देशों के नेताओं ने अबुजा में मलेरिया के खिलाफ संकल्प लिया था, जिसे अबुजा घोषणापत्र कहा गया। इसी तिथि को ध्यान में रखते हुए इसे एक अंतरराष्ट्रीय दिवस का रूप दिया गया।
भारत में मलेरिया: प्रगति और चुनौतियाँ
भारत में मलेरिया एक समय में बड़ी स्वास्थ्य समस्या रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें काफी कमी आई है। साल 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में लगभग 80% तक गिरावट आई है। उदाहरण के लिए, 2015 में मलेरिया के 11,69,261 मामले सामने आए थे, जबकि 2023 में यह घटकर 2,27,564 रह गए। उसी तरह, मौतों की संख्या 384 से घटकर 83 हो गई।
लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियाँ बाकी हैं। 2023 में भारत में मलेरिया से जुड़ी 72 मौतें दर्ज की गईं। खासकर पहाड़ी, आदिवासी और दूरदराज के इलाकों में मलेरिया के ज्यादा मामले देखने को मिलते हैं। ये इलाके भारत की कुल जनसंख्या का सिर्फ 20% हैं, लेकिन मलेरिया के 80% मामले यहीं से आते हैं।
विश्व मलेरिया दिवस का महत्व
विश्व मलेरिया दिवस कई तरह से लोगों को जागरूक करने और एकजुट करने का कार्य करता है:
जागरूकता बढ़ाना: यह दिन लोगों को मलेरिया के खतरे और बचाव के तरीकों के बारे में बताता है।
शोध और नवाचार को बढ़ावा देना: नए इलाज, टीके और मच्छर नियंत्रण के उपायों पर रिसर्च को बढ़ावा मिलता है।
साझेदारी को मजबूत करना: सरकार, अंतरराष्ट्रीय संगठन, निजी क्षेत्र और आम जनता मिलकर मलेरिया को खत्म करने की दिशा में काम करते हैं।
विश्व मलेरिया दिवस 2025 की थीम है – "Malaria Ends With Us: Reinvest, Reimagine, Reignite", यानी “मलेरिया का अंत हमसे शुरू होता है: फिर से निवेश करें, नई सोच लाएं, और संकल्प को फिर से जगाएं।” यह थीम हमें मलेरिया रोकथाम में नए विचार, बेहतर रणनीति और पूरी दुनिया के साथ मिलकर काम करने की प्रेरणा देती है।
बचाव के उपाय:
खुद को और अपने समुदाय को मलेरिया से बचाएं
मलेरिया से बचाव के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों स्तरों पर प्रयास जरूरी हैं:
इंसेक्टिसाइड-ट्रीटेड मच्छरदानी (ITNs): सोते समय इसका इस्तेमाल करने से मच्छर के काटने से बचाव होता है।
घर के अंदर की दीवारों पर कीटनाशक छिड़काव (IRS): इससे मच्छर मर जाते हैं और संक्रमण का खतरा कम होता है।
जल्दी पहचान और इलाज: बुखार जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच और दवा से मलेरिया गंभीर रूप नहीं लेता।
मच्छरों के प्रजनन स्थान हटाएं: घर के आस-पास रुका हुआ पानी हटा कर मच्छरों को पनपने से रोका जा सकता है।
स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका: मलेरिया के खिलाफ मोर्चा
मलेरिया की रोकथाम में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
सामुदायिक शिक्षा: लोगों को मलेरिया के लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी देना।
कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना: ताकि वे मलेरिया को सही से पहचानें और इलाज कर सकें।
अनुसंधान और निगरानी: बीमारी के रुझान और इलाज की कार्यकुशलता पर नजर रखना।
कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल्स में मलेरिया से निपटने के लिए पूरी सेवाएँ उपलब्ध हैं:
सटीक जांच: समय पर और सही टेस्ट की सुविधा।
प्रभावी इलाज: एंटी-मलेरियल दवाओं का प्रयोग।
बचाव पर सलाह: मच्छरदानी वितरण और सावधानी संबंधी जानकारी देना।
अगर आप या आपके किसी करीबी को बुखार, ठंड लगना, या पसीना आने जैसे लक्षण हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से जान बच सकती है।
विश्व मलेरिया दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि हमने काफी प्रगति की है, लेकिन मंज़िल अभी बाकी है। मलेरिया को पूरी तरह खत्म करने के लिए हर व्यक्ति, समुदाय, डॉक्टर, और सरकार को साथ आना होगा। यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम इस बीमारी के खिलाफ एकजुट होकर काम करें और आने वाली पीढ़ियों को एक मलेरिया-मुक्त दुनिया दें।
विश्व मलेरिया दिवस का उद्देश्य
मलेरिया की रोकथाम व उपचार के लिए जागरूकता फैलाना।
मलेरिया से प्रभावित समुदायों की सहायता करना।
सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इस दिशा में अधिक संसाधन खर्च करने के लिए प्रेरित करना।
शोध और नई दवाओं/वैक्सीन को बढ़ावा देना।
मलेरिया मुक्त दुनिया की दिशा में वैश्विक सहयोग को मजबूत करना।
इस थीम का उद्देश्य यह दर्शाना है कि मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में समानता बेहद आवश्यक है। दुनिया के गरीब और पिछड़े इलाकों में यह बीमारी अधिक पाई जाती है, और इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते मृत्यु दर अधिक है।
मलेरिया का उपचार
मलेरिया के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं:
क्लोरोक्विन – Plasmodium vivax के लिए।
ACTs (Artemisinin-based combination therapies) – Plasmodium falciparum के लिए सबसे प्रभावी।
प्राइमाक्विन – शरीर से परजीवी को पूरी तरह खत्म करने के लिए।
असामान्य मामलों में अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है, खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए।
टीकाकरण की दिशा में सफलता
RTS,S वैक्सीन:पहली मलेरिया वैक्सीन जिसे WHO ने 2021 में अनुमोदित किया।अफ्रीका के कई देशों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत उपयोग हो रहा है।यह मुख्य रूप से बच्चों के लिए है।वैज्ञानिक अब अधिक प्रभावी दूसरी पीढ़ी की वैक्सीन विकसित कर रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर मलेरिया के खिलाफ लड़ाई
प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ:
WHO – वैश्विक रणनीतियाँ और निगरानी।
The Global Fund – वित्तीय सहायता और संसाधन जुटाना।
Bill and Melinda Gates Foundation – अनुसंधान और वैक्सीन विकास में निवेश।
RBM Partnership to End Malaria – 500 से अधिक संगठनों का गठबंधन।
मलेरिया उन्मूलन की दिशा में भारत की रणनीति
भारत सरकार की योजना (National Framework for Malaria Elimination 2016–2030):
2022 तक – कम संक्रमण वाले जिलों में मलेरिया मुक्त स्थिति प्राप्त करना।
2025 तक – पूर्वोत्तर और मध्य भारत के अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना।
2030 तक – पूरे भारत से मलेरिया उन्मूलन।
सरकार ने इस अभियान में "मलेरिया मुक्त भारत अभियान" और "जन भागीदारी" को विशेष महत्व दिया है।
समाज में जन-जागरूकता की भूमिका
स्कूलों, कॉलेजों और पंचायतों में मलेरिया पर कार्यशालाएँ. सोशल मीडिया, टीवी, रेडियो द्वारा प्रसारण. ग्राम स्तर पर स्वास्थ स्वयंसेवकों की नियुक्ति. एनजीओ और स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग
विश्व मलेरिया दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि मानवता के उस संघर्ष का प्रतीक है जो एक अदृश्य लेकिन घातक दुश्मन के विरुद्ध वर्षों से जारी है। आज जब विज्ञान, तकनीक और चिकित्सा ने असीम उन्नति की है, तब भी यदि मलेरिया जैसी बीमारियाँ लोगों की जान ले रही हैं, तो यह सोचने का विषय है।
समय आ गया है कि हम सभी, सरकारें, संस्थाएँ, डॉक्टर, शोधकर्ता और आम नागरिक मिलकर मलेरिया को जड़ से मिटाने का प्रण लें। क्योंकि एक स्वस्थ समाज की नींव, उसकी रोग-मुक्त जनता होती है।