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Budget 2021 में आत्मनिर्भर भारत पर जोर, बिजनेस करने को मिलेगा बूस्ट
वित्त मंत्री की एक घोषणा है कि देश में कंपनियों का रजिस्ट्रेशन अब और आसान किया जाएगा। छोटी कंपनी की परिभाषा बदली जायेगी ताकि छोटे स्तर पर कारोबार करने वालों को कंपनी रजिस्ट्रेशन में सहूलियत मिल सके।
लखनऊ : अर्थव्यवस्था में तेजी लाने, सरकारी शिकंजा ढीला करने और व्यावसायिक गतिविधियों को बूस्ट करने के लिए इस बार के बजट में आशा के अनुरूप घोषणाएं की गईं हैं। वित्त मंत्री ने साफ कर दिया है कि देश में व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास करेगी। दरअसल, ग्लोबल लेवल पर व्यावसायिक ताकत बनने के लिए आर्थिक गतिविधियों को बहुत व्यापक करना जरूरी होता है।
व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर
चीन ने सरकारी नियमों को ढीला करके ही अपनी धमक बनाई है। सरकारी कंट्रोल कम से कम रख कर ही व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाई जा सकती है। मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही इस दिशा में काम करती आ रही है लेकिन अब उसे और तेज करने की जरूरत है जिसका संकेत इस बजट में मिल गया है। मोदी सरकार के ‘आत्म निर्भर भारत’ के विज़न को पूरा करने के लिए इज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस को ज्यादा से ज्यादा इजी करना जरूरी है। सरकार चाहती है कि युवा सिर्फ नौकरी के भरोसे न रह कर स्वरोजागर के क्षेत्र में आगे बढ़ें और भारत को ग्लोबल बिजनेस सुपर पावर बनाने में योगदान करें।
देश में कंपनियों का रजिस्ट्रेशन अब होगा आसान
वित्त मंत्री की एक घोषणा है कि देश में कंपनियों का रजिस्ट्रेशन अब और आसान किया जाएगा। छोटी कंपनी की परिभाषा बदली जायेगी ताकि छोटे स्तर पर कारोबार करने वालों को कंपनी रजिस्ट्रेशन में सहूलियत मिल सके। अभी तक रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनी के पास छोटी कंपनी की केटेगरी में बदलाव करके इसको और व्यापक किया जाएगा। वित्तमंत्री ने घोषणा की है कि सरकार लघु कंपनियों की परिभाषा में संशोधन करेगी।
बजट में वित्त मंत्री ने कहा एकल कंपनी को दिया जाएगा बढ़ावा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये भी ऐलान किया है कि व्यावसायिक गतिविधियों में बढ़ोतरी के लिए एकल कम्पनी के गठन को बढ़ावा दिया जाएगा। रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनी में पहले से ही एकल व्यक्ति कंपनी के पंजीकरण का प्रावधान है लेकिन वो बहुत आसान और स्पष्ट नहीं होने से उसका लाभ व्यापक तौर पर उठाया नहीं जा रहा है। अब एकल व्यक्ति कम्पनी रजिस्ट्रेशन के लिए प्रोसेस को और सरल किया जाएगा। भारत में एमएसएमई सेक्टर बहुत व्यापक है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में यही सेक्टर देश को चीन से टक्कर देने में सक्षम बना सकता है। वित्त मंत्री ने इस क्षेत्र को 15500 करोड़ देने की बात कही है।
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सरकारी बैंक का निजीकरण होगा
वित्तमंत्री ने इसके अतिरिक्त विनिवेश पर काफी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी एफ-डीआई को मंजूरी दी जायेगी। भारतीय जीवन बीमा निगम में विनिवेश की बात बहुत दिन हो रही है। अब वित्त मंत्री ने कहा है कि एलआईसी का आईपीओ जल्द लाया जाएगा। सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों में रणनीतिक विनिवेश होगा, आईडीबीआई, एक सामान्य बीमा कम्पनी और दो अन्य सरकारी बैंक का निजीकरण होगा। राज्य अपने सरकारी उपक्रमों का अविनिवेश करें इसके लिए प्रोत्साहन पैकेज आयेगा और विनिवेश से इस वित्त वर्ष में 1 लाख 75 हजार करोड़ मिलने का लक्ष्य रखा गया है।
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रिपोर्ट : नीलमणि लाल
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