×

पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को मंदिर में दर्शन करने से रोका, आखों में आए आंसू

हिमालय की चोटी को फतह करना बेहद मुश्किल काम है. मगर अब उससे भी ज्यादा मुश्किल काम उज्जैन में महाकाल के दर्शन करना हो गया है।

tiwarishalini
Published on: 26 Dec 2017 1:59 PM IST
पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को मंदिर में दर्शन करने से रोका, आखों में आए आंसू
X

उज्जैन: हिमालय की चोटी को फतह करना बेहद मुश्किल काम है। मगर अब उससे भी ज्यादा मुश्किल काम उज्जैन में महाकाल के दर्शन करना हो गया है। दरअसल दिव्यांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने से रोक दिया गया। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने लोअर और टी-शर्ट पहन रखा था। हालांकि इस घटना पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दुख जताया है और एक ट्वीट भी किया।

उन्होंने लिखा कि आपके साथ महाकाल मंदिर में हुए व्यवहार के बारे में जानकर अफसोस हुआ। जिला प्रशासन को पूरे घटनाक्रम की जाँच के निर्देश दे दिए गए हैं। मप्र सरकार दिव्यांगों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। आप देश का गौरव हैं, भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में आपका स्वागत है।

क्या था पूरा मामला?

- अरुणिमा ने बताया कि वह एक यूथ कांफ्रेंस को संबोधित करने 23 दिसंबर को बुरहानपुर गईं थी। उन्हें इसके लिए बुलावा मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने दिया था। उन्होंने कहा वह शिव भक्त हैं इसलिए वह समय निकाल कर सुबह 5 बजें महाकाल मंदिर में दर्शन करने गईं।

मंदिर प्रशासन को ये बात पहले से पता थी कि वह मंत्री की मेहमान हैं। अरुणिमा मंदिर पहुँच कर अंदर जाने लगीं मगर तभी वहां मंदिर के कर्मचारियों ने उन्हें अंदर जाने से सिर्फ इसलिए रोक दिया कि उन्होंने लोअर, टी-शर्ट और जैकेट पहना हुआ है।



अरुणिमा ने मंदिर कर्मचारियों को अपनी परेशानी बताने का प्रयास भी किया फिर भी वह नहीं मानें। उन्होंने बताया कि वह दिव्यांग है और उनका एक पैर भी कृत्रिम है इसलिए इस प्रकार के कपड़े उन्हें आराम देते हैं। साथ ही वहां किसी ड्रेस कोड के बारे में भी नहीं लिखा हुआ था।

अपने साथ हुए इस व्यवहार से अरुणिमा को बेहद दुख हुआ और उनके आखों में आंसू भी आ गए। उन्होंने एक ट्वीट के जरिये प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से सवाल भी किया।

अरुणिमा के साथ हुए इस व्यवहार पर मंत्री अर्चना चिटनिस ने भी कहा, कि वह मंदिर प्रशासन से बात करेंगी। अरुणिमा मेरे बुलावे पर आईं थीं। वह देश की बेटी हैं और हमे उन पर गर्व है। मैं लखनऊ जाकर फिर से उन्हें आमंत्रित करूंगी।

कौन हैं अरुणिमा सिन्हा?

भारत से राष्ट्रीय स्तर की पूर्व वालीबाल खिलाड़ी हैं। 12 अप्रैल 2011 को लखनऊ से दिल्ली जाते समय उनके बैग और सोने की चेन खींचने के प्रयास में कुछ अपराधियों ने बरेली के निकट पदमवाती एक्सप्रेस से अरुणिमा को बाहर फेंक दिया था, जिसके कारण वह अपना एक पैर गंवा बैठी थी।मगर इस घटना के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 21 मई 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर एक नया इतिहास रचते हुए ऐसा करने वाली पहली विकलांग भारतीय महिला होने का रिकार्ड अपने नाम कर लिया। 2015 में राष्ट्रपति ने उन्हें पदम श्री से सम्मानित किया।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story