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हिमाचल 2012 : जब अल्लाह हुआ मेहरबान तो ये 8 बने पहलवान, लग चुकी थी लंका
शिमला : 68 सीटों वाले हिमाचल में हार और जीत का अंतर कई बार इतना मामूली होता है कि उम्मीदवार समझ ही नहीं पाता की कमी कहां रह गई। पिछले विधान सभा चुनाव में 8 विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां उम्मीदवारों के बीच हार-जीत का अंतर हजार वोट से भी कम था।
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कसौली विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार राजीव सहजल सिर्फ 24 वोट से विजयी हुए थे। बीजेपी के तीन उम्मीदवार ऐसे थे। जिनकी जीत का अंतर हजार वोटों से कम था। वहीं, सत्ताधारी कांग्रेस के दो विधायक ऐसे ही हैं।
जीत और हार में कम अंतर का एक कारण ये भी रहा कि पिछले चुनाव में वोटिंग प्रतिशतता भी कम रही थी। 2012 के चुनाव में 73.51 प्रतिशत वोटिंग दर्ज हुई थी।
-कसौली भाजपा राजीव सहजल 24 मतों से जीते
-भटियात भाजपा विक्रम जरियाल 111 मतों से जीते
-चिंतपूर्णी कांग्रेस कुलदीप कुमार 438 मतों से जीते
-कांगड़ा निर्दलीय पवन काजल 563 मतों से जीते,
-शिमला भाजपा सुरेश भारद्वाज 628 मतों से जीते
-चौपाल निर्दलीय बलवीर वर्मा 647 मतों से जीते
-रेणुका कांग्रेस विनय कुमार 655 मतों से जीते
-पावंटा साहिब निर्दलीय किरनेश जंग 790 मतों से जीते
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पिछले 5 विधानसभा चुनाव में मैदान में थे इतने उम्मीदवार
-2012 में 459 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई
-1993 में उम्मीदवारों की संख्या 416
-1998 में उम्मीदवारों की संख्या 369
-2003 में उम्मीदवारों की संख्या 408
-2007 में उम्मीदवारों की संख्या 336
इस बार युवा होंगे भाग्य विधाता
2017 में हो रहे चुनाव में प्रदेश में करीब पचास लाख वोटर्स हैं। लिस्ट पर नजर डालने पर पता चलता है कि इस बार अधिकांश वोटर युवा हैं। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इस बार युवा ही सरकार चुनने वाले हैं।