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पंजाब चुनाव: भगवंत मान CM की रेस में सबसे आगे, अनदेखी पर आप में हो सकता है बवाल
उमाकांत लखेड़ा
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब चुनाव के नतीजे आने के पहले ही वहां मुख्यमंत्री कौन हो? इस पर अभी से जबर्दस्त रस्साकशी आरंभ होती दिखाई देने लगी है। मशहूर पंजाबी कॉमेडियन और आप के संगरूर से लोकसभा सांसद भंगवत मान राज्य के सीएम बनने की रेस में सबसे आगे दिख रहे हैं।
सोमवार (6 फरवरी) को संसद के केंद्रीय कक्ष में उन्हें चौतरफा बधाइयां भी मिली। उन्हें पंजाब के अगले मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। पंजाब की आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने स्वीकार किया है कि मुख्यमंत्री के तौर पर भगवंत मान के दावे को नजरअंदाज किया गया, तो इससे आप में बड़ा बवाल खड़ा हो सकता है।
सुखबीर बादल के खिलाफ लड़ा चुनाव
44 वर्षीय भगवंत मान ने 4 फरवरी को संपन्न हुए चुनाव में फरीदकोट की जलालाबाद विधानसभा सीट से इस बार राज्य के सबसे ताकतवर चेहरे सुखबीर बादल को चुनौती दी थी। मोटे तौर पर भगवंत मान के समर्थक और आप के चुनावी प्रबंधक इस बात को लेकर काफी उत्साहित हैं कि राज्य में अकाली-बीजेपी गठजोड़ का 10 साल के शासन का अंत होना तय है। ऐसी सूरत में भगवंत मान अगर जलालाबाद सीट जीतने में सफल होते हैं तो वे स्वतः ही मुख्यमंत्री पद के ताकतवर दावेदारों की सूची में सबसे आगे हो जाएंगे।
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जरनैल सिंह और फुल्का भी दौर में
भगवंत मान के अलावा दो-तीन और चेहरों जिनमें दिल्ली के विधायक जनरैल सिंह का नाम भी है। जरनैल प्रकाश सिंह बादल को चुनावी मैदान में चुनौती दे रहे हैं। वहीं तीसरा और चौथा नाम गुरुप्रीत सिंह घुग्घी और वरिष्ठ वकील एचएसफ फुल्का का भी है। इन सभी को मुख्यमंत्री के संभावित दावेदारों की सूची में शामिल माना जा रहा है।
सीएम पद को लेकर मान भी आश्वस्त
भगवंत मान जिन्हें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की राजनीति में 'हेवी वेट' माना जाता है, इस बात से आश्वस्त दिख रहे हैं कि पार्टी उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाने के बारे में फैसला लेगी। मान समर्थक यह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे कि आप की सरकार बनने की सूरत में उनके अलावा किसी और को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचा भी जाएगा।
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केजरीवाल ने साधा मौन
दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो अपने इलाज के सिलसिले में इस वक्त बेंगलुरु में हैं, अभी तक पंजाब के भावी सीएम के सवाल पर मौन साधे बैठे हैं। केजरीवाल के निकट सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि चुनावों के पहले आप की ओर से किसी को भी मुख्यमंत्री के बतौर पेश नहीं गया है। दलित को उपमुख्यमंत्री बनाने के चुनाव पूर्व वायदे पर ही अभी पार्टी अडिग है।
आप में भी अटकलों का दौर शुरू
दिल्ली और पंजाब में आप के आंतरिक समीकरणों को भी पंजाब चुनाव परिणाम प्रभावित कर सकते हैं। क्या, पंजाब जो कि एक अहम व बड़ा राज्य है, वहां अपेक्षाकृत दिल्ली जैसे छोटे राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी में क्या कोई नया सत्ता समीकरण बर्दाश्त कर पाएंगे। इस पर आप के पंजाब और केंद्रीय नेताओं के बीच अटकलों का दौर अभी से शुरू हो चुका है।
हालांकि केजरीवाल के निकट सूत्रों ने सफाई दी है कि पंजाब के चुनाव नतीजे आने के बाद ही वहां भावी नेतृत्व के बारे में विधायकों से विचार-विमर्श के बाद ही फैसला लिया जाएगा।