×

बिहार: गठबंधन में शामिल दो दलों के बीच बढ़ी दूरी, JDU नेताओं की मांग- तेजस्वी यादव दें इस्तीफा

बिहार में सत्ता के गठबंधन में शामिल हो दलों के बीच तलवारें खींची हुई हैं ।गठबंधन में बडे घटक लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के

tiwarishalini
Published on: 14 July 2017 3:51 PM IST
बिहार: गठबंधन में शामिल दो दलों के बीच बढ़ी दूरी, JDU नेताओं की मांग- तेजस्वी यादव दें इस्तीफा
X

लखनऊ: बिहार में सत्ता के गठबंधन में शामिल दो दलों के बीच तलवारें खींची हुई हैं ।गठबंधन में बडे घटक लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की प्राथमिकी और सीएम नीतिश कुमार की ओर से उनसे जनता के बीच जवाब देने के निर्देश के बाद दोनों दलों की दूरी और बढ़ा दी है ।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के घर पर सीबीआई के छापों के बाद बिहार की गरमा गई राजनीति के घटनाक्रम में नीतीश कुमार चाहते हैं कि तेजस्वी यादव इस्तीफा दे दें लेकिन खबर है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा देंगे तो राजद के सभी मंत्री भी इस्तीफा देंगे।

नीतीश कुमार ने भले ही अब तक सीधे तेजस्वी को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं के बयान बहुत कुछ कह रहे हैं। जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि इशारों को समझो, राज को राज रहने दो। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि तेजस्वी ने जो सफाई दी है वो संतोषजनक नहीं है । सीबीआई ने तथ्यों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है लिहाजा जवाब भी तथ्यों के आधार पर ही होने चाहिए ।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार के पास तीन विकल्प हैं।

- पहला: नीतीश लालू को समझाए की तेजस्वी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

- दूसरा: अगर इस्तीफा नही देंगे तो बर्खास्त करना मज़बूरी होगी हालांकि ये अंतिम फैसला होगा।

- यह तब सम्भव है जब नीतीश गठबंधन से अलग होने का फैसला कर लें।

- तीसरा रास्ता: जैसे चल रहा है चलने दें, लेकिन यहां नीतीश के सामने चुनौती है।

नीतीश की पार्टी के अनेक नेताओं की राय लालू से अलग हो जाने की है। बैठक में नेताओं ने लालू के साथ होने से हो रहे नुकसान के बारे में बताया। वैसे नीतीश कुमार के लिए राहत की बात ये है कि उनके लिए एनडीए के भी दरवाज़े खुले हैं।

अब तो कांग्रेस भी उनके साथ है। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में पूरे विपक्ष के प्रत्याशी गोपाल कृष्ण गांधी का समर्थन कर नीतिश ने विकल्प का एक ओर रास्ता खोल लिया है ।

नीतिश के समर्थन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने फोन पर उन्हें बधाई दी और आधा घंटे से ज्यादा तक बात की। जाहिर है आधे धंटे तक सिर्फ बधाई नहीं दी जाती ,उनके बीच बिहार की ताजा हालात पर भी चर्चा हुई । उपराष्ट्रपति पद पर विपक्ष के प्रत्याशी के समर्थन के बाद नीतिश पर कांग्रेस के होने वाले हमले पर एकाएक विराम लग गया है ।नीतिश की आलोचना से अब कांग्रेस पूरी तरह से बच रही है ।गुलाम नबी आजाद को कहा गया है कि वो अपना मुंह बंद रखें ।

क्या कर सकते हैं लालू?

तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर लालू प्रसाद ने अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है लेकिन पार्टी में उनके खासमखास और विधायक भाई वीरेन्द्र का कहना है कि तेजस्वी किसी भी हालत में तयागपत्र नहीं देंगे ।तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर पूरी पार्टी एकजुट है । उन्होंने तो ये भी संकेत दिए कि यदि गठबंधन टूटा तो बिहार में अगली सरकार राजद की होगी । उनके पास 80 विधायक हैं ओर जो वो चाहेंगे वो ही होगा ।

लालू प्रसाद दलों को तोड़ने में माहिर माने जाते हैं । बीजेपी नेता लालकृरूण आडवाणी की 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक की रथयात्रा में लालू ने उन्हें समस्तीपुर में ही गिरफ्तार कर लिया था । उसवक्त बीजेपी बिहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी । लालू प्रसारद ने बीजेपी में फूट करा दी और इंदर सिंह नामधारी जैसे आरएसएस के तपेतपाए नेता लालू के साथ हो लिए । इसके अलावा लालू प्रसाद ने अन्य दलों के कद्दावर नेताओं को अपने पक्ष में कर उन दलों को कमजोर कर दिया था।

राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि पिछले दिनों जनतादल यू विधायकों की बैठक में नीतिश ने यह टटोलने की कोशिश की थी कि कहीं उनके अपने विधायक तो नहीं छिटक रहे हैं । हालांकि 17 जुलाई राष्ट्रपति पद के चुनाव तक तो बिहार में कुछ होता नहीं दिख रहा है। हालांकि राजद के विधायक भाई वीरेन्द्र कहते हैं कि उनकी पार्टी किसी दल को तोड़ने में विश्वास नहीं करती । लेकिन पिछडों और अल्पसंख्यकों पर पर खास पकड रखने वाले लालू प्रसाद यादव इतनी जल्दी हथियार डाल देंगे ये सोचा भरी नहीं जा सकता ।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story