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साध्वी प्रज्ञा ने पहले ही दिन तोड़ा अनुशासन, संसद में बोला यह झूठ

17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र की शुरुआत सोमवार को हो गई। सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई गई लेकिन सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान भी हंगामा मच गया। अपने बयानों की वजह से विवादों में रहने वाली भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर विवादों में फंस गई हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 17 Jun 2019 8:03 PM IST
साध्वी प्रज्ञा ने पहले ही दिन तोड़ा अनुशासन, संसद में बोला यह झूठ
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नई दिल्ली: 17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र की शुरुआत सोमवार को हो गई। सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई गई लेकिन सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान भी हंगामा मच गया। अपने बयानों की वजह से विवादों में रहने वाली भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर विवादों में फंस गई हैं।

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने संसद सत्र के पहले ही दिन अपने पहले ही वाक्य में असत्य बोला है और सदन का अनुशासन तोड़ा है। इसके बाद हंगामा मच गया है। पहली बार सांसद चुनी गईं प्रज्ञा सिंह ठाकुर जब शपथ लेने पहुंचीं तो वह अपने नाम के पीछे स्वामी पूर्ण चेतनानंद अवधेशानंद गिरी जोड़कर शपथ लेने लगीं। विपक्षी सांसदों ने नियम-कायदों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई।

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साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव में उम्मीदवारी के समय हलफनामे में अपने पिता का नाम सीपी सिंह दर्ज कराया है, लेकिन उन्होंने शपथ लेते वक्त पिता के नाम की जगह अवधेशानंद गिरी का नाम बोला जो कि उनके आध्यात्मिक गुरु हैं, रिकॉर्ड में यह नाम दर्ज नहीं है।

नियमों के मुताबिक नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त हलफनामे में जो नाम दर्ज कराया जाता है, सांसद उसी नाम से शपथ ले सकते हैं, फिर भी सांसद अपने पिता का नाम अपने नाम के साथ जोड़ सकते हैं। लेकिन प्रज्ञा ने जो नाम लिया वह उनके हलफनामे में दर्ज नहीं था। यही बात हंगामे की वजह बन गई।

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विपक्षी सांसदों की आपत्ति के बाद प्रोटेम स्पीकर ने सदन में रिकॉर्ड चेक करने की बात कही और उनका प्रमाण पत्र निकलवाया गया। प्रज्ञा ने फिर इसी नाम के साथ शपथ लेना शुरू किया तो उन्हें फिर रोक दिया गया। तीसरी बार में प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपनी शपथ पूरी कर सकीं।

नई-नई सांसद बनीं प्रज्ञा ठाकुर ने संसद में पहले ही दिन पहले वाक्य में सत्य से परे बात कहीं, क्योंकि उन्होंने अपना जो नाम बताया वो उनका असली नाम(हलफनामे के मुताबिक) नहीं है।



Dharmendra kumar

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