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इतिहास की खूंखार रानी! खूबसूरती पर अंग्रेज थे फिदा, एक झलक भी नहीं हुई नसीब

बता दें कि महारानी लक्ष्मीबाई बहुत फेमस हैं, इसने कई युद्ध लड़े हैं इसको झाँसी की रानी के नाम से भी जाना जाता था इसने अपने राज्यों को बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे, इनके के बारे में बता देवे की इनका चेहरा सिर्फ एक ही अंग्रेज देख पाया जिसमें भी रानी लक्ष्मी की मर्जी थी।

Shivakant Shukla
Published on: 4 Feb 2020 1:52 PM GMT
इतिहास की खूंखार रानी! खूबसूरती पर अंग्रेज थे फिदा, एक झलक भी नहीं हुई नसीब
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नई दिल्ली: भारत देश 1947 से पहले अंग्रेजों और मुगलों का गुलाम था। उन दिनों देश में राजे और महराजों का राज हुआ करता था,छोटी-छोटी रियासतें हुआ करती थीं। उसी समय झांसी की रानी और भारत की सबसे शूरवीर और योद्धा महिला रानी लक्ष्मीबाई का भी जन्म हुआ, तो आज हम आपको उनके बारे में कुछ जबरदस्त सच्चाइयां बताने जा रहे हैं...

बता दें कि महारानी लक्ष्मीबाई बहुत फेमस हैं, इसने कई युद्ध लड़े हैं इसको झाँसी की रानी के नाम से भी जाना जाता था इसने अपने राज्यों को बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे, इनके बारे में बता दें कि इनका चेहरा सिर्फ एक ही अंग्रेज देख पाया जिसमें भी रानी लक्ष्मी की मर्जी थी।

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महारानी लक्ष्मीबाई की पूरी कहानी

ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले जॉन लैंग एक वकील थे जो ब्रिटेन में रहा करते थे और वह रानी लक्ष्मी बाई का ब्रिटेन की सरकार के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड रहे थे, रानी ने अपना केस लड़ने के लिए जॉन लैंग को तैयार किया था जब मेजर एलिस ने उनको किला छोड़ने का फरमान सुनाया था तो रानी दूसरे महल में रहने लगे और इसी वजह से उसने केस लड़ा था।

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अंग्रेजों से हमेशा लड़ाई रखने वाले जॉन लैंग ने रानी लक्ष्मीबाई को सोने के पत्र में बुलावा भेजा था लेकिन रानी ने उसको वापस लौटा दिया और फिर उसको लक्ष्मी भाई से मिलने भारत भी आना पड़ा था इसने एक किताब भी लिखी जिसमें उन्होंने सारा विवरण किया इसने रानी लक्ष्मी की खूबसूरती और उनसे मिलने का जिक्र भी किया है।

इसने "वर्डिंग्स इन इंडिया" किताब में बताया कि रानी लक्ष्मी ने महल के उपरी कक्ष में जॉन लैंग को मिलने के लिए बुलाया था, रानी लक्ष्मी और जॉन लैंग के बीच में एक परदा था लेकिन उनके बच्चे दामोदर राव ने उनका पर्दा हटा दिया था जिसे लैंग ने रानी का चेहरा देखा।

Shivakant Shukla

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