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दो सहयोगियों के पद गंवाने से CM अमरिंदर को दोहरा झटका

Rishi
Published on: 21 Jan 2018 8:03 PM IST
दो सहयोगियों के पद गंवाने से CM अमरिंदर को दोहरा झटका
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चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को महज चौबीस घंटे के अंदर दोहरा झटका लगा है। यह झटका उन्हें सरकार व प्रशासन में दो सहयोगियों के पद गंवाने से लगा है, जिनमें से एक को देश के कानून के सामने सिर झुकाना पड़ा जबकि एक अन्य राजनीति की वेदि पर बलि चढ़ गया।

पंजाब में दस महीने पुरानी कांग्रेस सरकार में एक झटका अमरिंदर को अपने विश्वासपात्र सुरेश कुमार के मुख्य प्रधान सचिव के पद से हटने से लगा है। उन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के बुधवार के इस फैसले के बाद पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा कि कैडर पद पर उनकी नियुक्ति अवैध और संविधान का उल्लंघन है।

ये भी देखें :अमरिंदर को कोर्ट ने दिया जोर का झटका, मुख्य प्रधान सचिव की नियुक्ति रद्द

1983 बैच के आईएएस कुमार अप्रैल 2016 में पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। बीते साल मार्च में मुख्यमंत्री बनने के बाद अमरिंदर ने उन्हें फिर से नियुक्त किया था। कुमार 2002 से 2007 तक भी अमरिंदर के मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रधान सचिव रहे थे।

अपनी ईमानदारी के लिए मशहूर कुमार का बीते दस महीनों में जलवा कुछ इस कदर था कि उन्हें 'सुपर सीएम' तक कहा जाने लगा था। नर्म लहजे में सख्त बात कहने वाले कुमार मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की गैरमौजूदगी में काफी महत्वपूर्ण फैसले भी लेने लगे थे।

उच्च न्यायालय के फैसले के बाद कुमार ने तुरंत पद छोड़ दिया, जबकि अमरिंदर ने महाधिवक्ता अतुल नंदा से अदालती आदेश का अध्ययन कर आगे के कानूनी रास्ते तलाशने को कहा।

सरकारी गलियारों में यह भी कानाफूसी हो रही है कि सरकार और कांग्रेस की एक मजबूत लॉबी ही कुमार की नियुक्ति के खिलाफ दायर की गई याचिका के पीछे है। शायद, यह लॉबी एक ईमानदार अफसर को राज्य सरकार के कामकाज के सिलसिले में एक तरह से सभी फैसले लेने से खुश नहीं थी।

दूसरा झटका अमरिंदर सिंह को गुरुवार को लगा, जब कांग्रेस आलाकमान (पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी) ने उन्हें पंजाब के रसूखदार कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा मंजूर करने के लिए बाध्य किया।

राणा बीते कुछ महीनों से पंजाब में कई करोड़ की बेनामी बालू खनन नीलामियों को लेकर विवादों में थे। मंत्री की भूमिका और उनके परिवार के व्यापारिक हितों को लेकर उनके सामने हितों के टकराव का मुद्दा खड़ा हुआ। उन्होंने इस महीने के शुरू में इस्तीफा दे दिया था लेकिन अमरिंदर उसे मंजूर करने में देरी कर रहे थे।

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इस्तीफे की बाध्यता का संकेत सीधे राहुल गांधी के दफ्तर से आया। पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष को मंत्री और उनके परिजनों व सहयोगियों की कथित गतिविधियों से अवगत कराया था।

मामले ने तब गंभीर रुख ले लिया जब प्रवर्तन निदेशालय ने राणा के बेटे इंदर प्रताप सिंह को रिजर्व बैंक से अनुमति लिए बगैर विदेश में एक अरब रुपये इकट्ठा करने पर समन जारी किया।

राणा को अमरिंदर ने अपनी कैबिनेट में शामिल कर ऊर्जा व सिंचाई जैसा महत्वपूर्ण विभाग सौंपा था। वह हमेशा विपक्षी आम आदमी पार्टी व भाजपा के निशाने पर रहे। अमरिंदर उनका बचाव करते रहे लेकिन पार्टी आलाकमान के दखल के बाद उन्हें उनका इस्तीफा मानने पर बाध्य होना पड़ा।

कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में शानदार सफलता दिलाने वाले अमरिंदर को अब अपने दो विश्वासपात्रों के बगैर काम चलाना है। मंत्रिमंडल और सरकारी पदों पर कई कांग्रेस नेताओं की ललचाई निगाहें लगी हुई हैं, ऐसे में अमरिंदर के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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