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अधूरा है GST, दो महीने बाद किया जाना चाहिए था लागू: चिदंबरम
नई दिल्ली: पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इसे अधूरा बताते हुए कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि अब भारत एक राष्ट्र व एक टैक्स वाला देश बन गया है, क्योंकि इसके तहत टैक्स की सात या इससे ज्यादा दरें लागू हैं। वैसे उन्होंने विश्वास जताया कि वैट की तरह जीएसटी भी सफल हो सकता है मगर इसके लिए लोगों को समय देना होगा।
पेट्रोल, बिजली, रियल एस्टेट को भी शामिल करने की मांग
चिदंबरम ने कहा कि यह वो जीएसटी नहीं है जिसकी अवधारणा यूपीए सरकार ने की थी। चिदंबरम ने सरकार से जीएसटी से बाहर रखे गए पेट्रोल, बिजली, रियल एस्टेट को भी शामिल करने की मांग की। उन्होंने आबकारी को राज्य का विषय मानते हुए तालमेल और बातचीत करने की बात कही।
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उन्होंने कहा कि जिस समय केन्द्र सरकार ने जीएसटी को लागू किया उस समय कारोबारी व लोग इसके लिए तैयार नहीं थे। इस कारण इसे दो महीने के लिए टाल दिया जाना चाहिए था। मगर केन्द्र सरकार ने इसे हड़बड़ी में लागू कर दिया।कांग्रेस देश भर में सभा और सम्मेलनों के जरिये जनता को बताएगी कि जीएसटी की असली जन्मदाता वही है। साथ ही, असली जीएसटी लागू करने के लिए माहौल भी तैयार किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू होना कठिन
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के जीएसटी बिल को पास करने के बाद धारा 370 के कारण इसे लागू करना काफी कठिन होगा। उन्होंने कहा कि जब सरकार 0.25, 3, 5, 12, 18, 28 और 40 फीसदी या इससे भी ऊंची दरें वसूल रही है तो इसे एक राष्ट्र, एक टैक्स कैसे कहा जा सकता है। इसे तो जीएसटी के साथ केन्द्र सरकार का मजाक ही कहा जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस टैक्स की दरें कम करने और अधिकतम रेट 18 फीसदी करने के लिए मोदी सरकार पर दबाव
बनाएगी। इसके साथ ही जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी पर अंकुश के कड़े प्रावधानों के दुरुपयोग पर भी नजर रखी जाएगी। कांग्रेस देखेगी कि कहीं इसके तहत व्यापारियों का शोषण तो नहीं हो रहा।