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चाइल्ड हेल्पलाइन को 1.36 करोड़ साइलंट कॉल्स!
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की सख्ती के बावजूद देश में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर पूरी तरह से नकेल नहीं कसी जा पा रही है। अभी भी देश के अलग –अलग हिस्सों में बच्चों के खिलाफ अपराध की घटनाएं हो रही है। ऐसा हम नहीं बल्कि चाइल्ड हेल्पलाइन पर तीन साल में आये 3.4 करोड़ फोन कॉल्स इस बात को कह रहे है।
जानकारी के मुताबिक़ 2015-16 में हेल्पलाइन पर 27 लाख साइलेंट कॉल आए, जबकि 2016-17 में यह आंकड़ा 55 लाख तक पहुंच गया और 2017-18 में यह 53 लाख था। वालिया ने कहा, 'साइलंट कॉल्स के मामले में हेल्पलाइन का काम देखने वालों से यह कहा गया है कि वे ऐसे इनपुट्स दें, जिससे कॉलर में अपनी बात कहने और डिटेल शेयर करने का जज्बा पैदा हो सके।' ये साइलंट कॉलर्स बच्चे या फिर वयस्क हो सकते हैं, जो दोबारा कॉल कर सकते हैं और किसी बच्चे की परेशानी के बारे में बताया जा सकता है।
वालिया ने कहा, 'बच्चे पहले सेशन में कम ही बोलते हैं। काउंसलर लोगों में भरोसा जताने के लिए अपनी ओर से बात रखते हैं। साइलंट कॉलर्स का मामला भी ऐसा ही है और उन्हें लेकर भरोसा पैदा करना होगा ताकि वे अपनी बात रख सकें।' इमोशनल सपॉर्ट के लिए ईने वाले कॉल्स में भी इजाफा हुआ है। ऐसी कॉल्स की वजह से पैरेंट्स से अलग होना और घरों में स्थितियां असहज होना है। खासतौर पर आर्थिक तौर पर समृद्ध परिवारों में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है।
3.4 करोड़ में 1.36 करोड़ फोन कॉल साइलंट
चाइल्ड हेल्पलाइन को अप्रैल 2015 से लेकर इस साल मार्च तक 3.4 करोड़ से ज्यादा फोन कॉल्स रिसीव हुए, लेकिन इनमें से करीब 1.36 करोड़ फोन कॉल साइलंट थे। इन कॉल्स में बैकग्राउंड की ही आवाजें आती थीं, लेकिन कॉलर कुछ देरी तक फोन पर पहने के बाद भी चुप रहता था। पीछे से बच्चों के रोने की आवाजें आती थीं। चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन की हरलीन वालियाके अनुसार , 'इन साइलंट कॉल्स को हेल्पलाइन 1098 की ओर से बेहद गंभीरता से लिया गया है।'
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