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विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी मोदी सरकार, बाढ़ में मर रहे लोग : कांग्रेस
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के कारण 300 लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन इस भीषण त्रासदी में मोदी सरकार चैन की नींद सो रही है।
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के कारण 300 लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन इस भीषण त्रासदी में मोदी सरकार चैन की नींद सो रही है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश में बाढ़ के हालात 'खतरनाक' हो चुके हैं और लगभग एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। मोदी सरकार पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत के बजाय विधायकों की खरीद-फरोख्त में उनकी अधिक रुचि है। गौरतलब है कि गुजरात में अगले महीने राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायकों ने बड़े पैमाने पर दल-बदल किया है।
आजाद ने कहा कि सरकार बेपरवाह बयान दे रही है और हवाई सर्वेक्षण के बाद बेहद अल्प राहत प्रदान किया गया है। आजाद ने कहा, "जब देश में पूरब से लेकर पश्चिम तक भीषण त्रासदी से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं, ऐसे में संवेदनहीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार चैन की नींद सो रही है।"
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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा कि असम में 82 लोगों की मौत हुई है और राज्य में दो बार आए बाढ़ से 29 जिलों में 25 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
आजाद ने कहा कि कम से कम 1,40,000 लोग विस्थापित हुए हैं और कम से कम 26,000 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि लुप्तप्राय वन्यजीव प्रजातियां खतरे में हैं तथा 80 फीसदी काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान डूबा हुआ है, जिसके कारण 218 जानवर व 17 गैंडे डूब चुके हैं।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ प्रबंधन योजनाओं में केंद्रीय वित्तपोषण में 60 फीसदी तक की कमी की बात सामने आई है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में दो लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि बाढ़ से प्रभावित है, जिसके एक बड़े हिस्से को भारी क्षति हुई है और 200 स्कूल पठन-पाठन की स्थिति में नहीं हैं।
आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अब तक असम का दौरा नहीं किया है और केंद्र सरकार ने बचाव व राहत कार्यो के लिए जो राशि मुहैया कराई है, वह अपर्याप्त है।
गुजरात का हवाला देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्य में 128 लोगों की मौत हुई और बनासकांठा में अकेले 49 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 17 लोग एक ही परिवार से हैं।
आजाद ने कहा कि 200 गांवों में बिजली गुल है और पांच राष्ट्रीय राजमार्गो सहित 945 सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि 80,000 लोगों को बाहर निकाला गया है और कई लोग बचाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
आजाद ने कहा कि बनासकांठा में बाढ़ की विनाशलीला से जानमाल को भारी क्षति के पांच दिनों बाद मुख्मयंत्री ने प्रभावित जिले का दौरा किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लापरवाही से दौरा किया।
राजस्थान का हवाला देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बारिश से संबंधित घटनाओं में 16 लोगों की मौत हुई है और जालौर, सिरोही, पाली तथा बाड़मेर जिलों में 12,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में बाप व बेटे सहित चार लोगों की मौत हुई है और प्रदेश की कई सड़कें भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हैं।
वहीं, पश्चिम बंगाल का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण राज्य में बीते 10 दिनों के भीतर कम से कम 31 लोगों की जान गई है और बाढ़ प्रभावित जिलों में स्थापित शिविरों में लगभग 45,000 लोगों ने शरण ले रखी है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने डोडा जिले के थाथरी कस्बे में कहर ढाया है, जिसमें बाटोट-किश्तवाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित बड़ा इलाका डूब गया तथा आधा दर्जन घर बह गए।
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उन्होंने कहा कि ओडिशा में आकाशीय बिजली से संबंधित घटनाओं में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि मणिपुर में बाढ़ के कारण 3,000 परिवार तथा 27,000 मवेशी प्रभावित हुए हैं।
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आजाद ने कहा कि मिजोरम बीते 50 वर्षो के दौरान सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, जबकि अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड भी प्रभावित हुए हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने झारखंड का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में भारी बारिश से आठ लोगों की मौत हुई है।
--आईएएनएस