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भारत अलर्ट हुआ कोरोना से: हजारों मामले सामने आए, निगरानी बढ़ाई गई

Covid-19 Returns: एक बार फिर कोविड-19 मामलों में तेज़ बढ़ोतरी हो रही है जहाँ एक तरफ थाईलैंड, हांगकांग और सिंगापुर में मामलों की संख्या में इज़ाफ़ा देखने को मिला है वहीँ भारत में भी इन मामलों में मामूली उछाल देखा गया है।

Newstrack Network
Published on: 21 May 2025 3:48 PM IST
Covid-19 Returns
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Covid-19 Returns (Image Credit-Social Media)

Coronavirus Update Today दक्षिण-पूर्व एशिया और अन्य क्षेत्रों में एक बार फिर कोविड-19 मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। थाईलैंड, हांगकांग और सिंगापुर में मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत में भी मामूली उछाल देखा गया है, जहां JN.1 वेरिएंट और उसकी उप-शाखाएँ संक्रमण का मुख्य कारण बन रही हैं। हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन इस पुनरुत्थान के चलते सतर्कता बढ़ा दी गई है। यह रिपोर्ट भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति पर केंद्रित है और वैश्विक दृष्टिकोण से अन्य देशों के अपडेट्स को भी शामिल करती है।

भारत में स्थिति

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार, 19 मई 2025 तक भारत में कुल 257 सक्रिय कोविड-19 मामले दर्ज किए गए, जो 12 से 19 मई के बीच दर्ज 164 मामलों से थोड़ी वृद्धि दर्शाते हैं। सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं — केरल (69 मामले), महाराष्ट्र (44 मामले), और तमिलनाडु (34 मामले)। महाराष्ट्र में एक सप्ताह में मामलों की संख्या 12 से बढ़कर 56 हो गई। मुंबई में दो मौतें दर्ज की गईं, दोनों मरीज गंभीर अन्य बीमारियों से पीड़ित थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कमजोर वर्ग अब भी जोखिम में हैं।


इस लहर का मुख्य कारण

इस लहर का प्रमुख कारण JN.1 वेरिएंट है, जो ओमिक्रॉन BA.2.86 का वंशज है। इसकी उप-शाखाएँ LF.7 और NB.1.8 अधिकांश मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। सबसे पहले अगस्त 2023 में पहचाना गया JN.1, दिसंबर 2023 में WHO द्वारा “Variant of Interest” घोषित किया गया था और फिर इसके तीव्र प्रसार के कारण इसे “Variant of Concern” में अपग्रेड किया गया।

लक्षणों में शामिल हैं — बुखार, खांसी, गले में खराश, थकावट, बहती नाक, सिरदर्द और कुछ मामलों में दस्त या मतली।

अधिकांश मामले हल्के हैं, और अस्पताल में भर्ती या मृत्यु दर में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं देखी गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि संक्रमण में यह वृद्धि घटती रोग प्रतिरोधक क्षमता और JN.1 की उच्च संक्रामकता के कारण हो रही है। दक्षिण-पूर्व एशिया में देखी गई लहर की तरह भारत में भी एक समान लहर की संभावना बनी हुई है।

भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय

भारत सरकार ने संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं:

• INSACOG नेटवर्क के माध्यम से Genomic Sequencing को बढ़ावा दिया गया है ताकि JN.1, LF.7 और NB.1.8 जैसे वेरिएंट्स पर नजर रखी जा सके।

• हॉटस्पॉट क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ाई गई है, विशेषकर लक्षणयुक्त और यात्रा इतिहास वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

• अस्पतालों में कोविड वार्ड फिर से सक्रिय किए गए हैं। मुंबई में BMC द्वारा बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

• स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुखार या खांसी जैसे लक्षणों पर तुरंत एंटीजन टेस्ट किट (ATK) द्वारा जांच, मास्क पहनने और हाथों की स्वच्छता की सलाह दी है।

• उच्च जोखिम वाले समूहों को बूस्टर डोज़ लगवाने की सिफारिश की गई है।

• दक्षिण-पूर्व एशिया की यात्रा पर जा रहे यात्रियों को विशेष स्वास्थ्य एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।


अन्य देशों में कोविड-19 की स्थिति

भारत में कोविड का पुनरुत्थान एशिया और अन्य क्षेत्रों में फैली व्यापक लहर से जुड़ा है, जिसे JN.1 और उसकी उप-शाखाएँ और कुछ क्षेत्रों में XEC वेरिएंट चला रहे हैं।

• थाईलैंड में Songkran Festival (अप्रैल) के बाद से कोविड मामलों में तेज़ वृद्धि देखी गई है। 11-17 मई के बीच 33,030 मामले दर्ज किए गए, जो पिछले सप्ताह से दोगुने हैं। बैंकॉक में 6,290 मामले सामने आए, जबकि सुखोथाई और कंचनाबुरी में दो मौतें दर्ज की गईं।

XEC वेरिएंट, जो पहली बार जून 2024 में जर्मनी में पाया गया था, इस वृद्धि का मुख्य कारण माना जा रहा है। इसकी संक्रामकता दर फ्लू की तुलना में सात गुना अधिक पाई गई है।

• सिंगापुर में अप्रैल के अंत में 11,100 से मई 2025 की शुरुआत में 14,200 मामले दर्ज हुए — यह 28% की वृद्धि है। अस्पताल में भर्ती संख्या 102 से बढ़कर 133 दैनिक हुई, जबकि ICU मामलों की संख्या 4 से बढ़कर 9 हुई। विशेषज्ञ घटती प्रतिरक्षा क्षमता को प्रमुख कारण मान रहे हैं और लोगों से बूस्टर डोज़ लेने की अपील कर रहे हैं।

• हांगकांग ने 10 मई को समाप्त सप्ताह में 1,042 मामले दर्ज किए, जबकि मार्च की शुरुआत में यह संख्या केवल 33 थी। पॉजिटिविटी रेट 0.31% से बढ़कर 13.66% हो गई है, और एक ही सप्ताह में 31 गंभीर मामले सामने आए, जो पिछले एक साल में सबसे अधिक हैं। सीवेज सैंपल्स में वायरल लोड के बढ़ने से सामुदायिक संक्रमण की पुष्टि होती है। उच्च जोखिम वाले समूहों को हर 6 महीने में वैक्सीनेशन कराने की सलाह दी गई है।

• WHO ने बताया कि कुछ देशों ने कोविड को श्वसन रोग निगरानी में एकीकृत कर लिया है, जिससे मामले अब कम रिपोर्ट हो रहे हैं।

XEC वेरिएंट, जो KS.1.1 और KP.3.3 का संयोजन है, दुनियाभर में फैल रहा है, और इसके खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता घटने की चिंता जताई गई है।


वैश्विक परिप्रेक्ष्य और सलाह

WHO ने चेताया है कि भविष्य में अधिक गंभीर वेरिएंट्स उभर सकते हैं, इसलिए सतर्कता और निगरानी बनाए रखना जरूरी है।

• नए टीकों की स्वीकृति, जैसे कि Zapomeran वैक्सीन, जिसे जापान (नवंबर 2023) और यूरोपियन यूनियन (फरवरी 2025) में मंज़ूरी दी गई है, इस बात का संकेत है कि दुनिया नए वेरिएंट्स से लड़ने की तैयारी कर रही है।

विशेषज्ञों की सलाह:

• उच्च जोखिम वाले वर्ग (जैसे बुजुर्ग, बीमार व्यक्ति) को बूस्टर डोज़ लगवानी चाहिए।

• ATK टेस्ट का प्रयोग करके प्रारंभिक पहचान करें और संक्रमित होने पर खुद को आइसोलेट करें।

• मास्क पहनना, हाथों की स्वच्छता और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक है।

यह रिपोर्ट बताती है कि भले ही भारत में स्थिति नियंत्रण में है, पर वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के वेरिएंट्स अभी भी चिंता का विषय हैं, और सतर्कता ही सबसे प्रभावी सुरक्षा उपाय है।

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