×

जज ने जताया अफसोस, गो हत्या पर 14 और रोड एक्सीडेंट में मौत के लिए सिर्फ 2 साल सजा

बीएमडब्ल्यू केस में सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि यह अफसोसजनका है कि हमारे देश में गो हत्या 14 साल और रोड एक्सीडेंट पर मौत के लिए दो साल की सजा है।

tiwarishalini
Published on: 16 July 2017 11:35 AM IST
जज ने जताया अफसोस, गो हत्या पर 14 और रोड एक्सीडेंट में मौत के लिए सिर्फ 2 साल सजा
X
आयुष पाठ्यक्रम में नीट की मेरिट से दाखिले गलत, छात्रों के मौलिक अधिकार का हनन

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदातल में बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस मामले में सजा सुनाते हुए एडिशनल सेशन जज संजीव कुमार ने कहा कि गाय को मारने वालों के लिए 5 साल से लेकर 14 साल (अलग-अलग राज्यों में) तक की सजा है, लेकिन लापरवाह तरीके से की जा रही ड्राइविंग (रैश ड्राइविंग) से व्यक्ति की मौत के लिए कानून में सिर्फ दो साल की ही सजा है। यह बेहद अफसोस जनक है। जज संजीव कुमार ने देश में बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता जाहिर की।

यह भी पढ़ें .... अदालती वक्त की बर्बादी पर बिफरे चीफ जस्टिस, बोले- ऐसे में तो SC को बंद कर दें

क्या है मामला ?

दरअसल, 11 सितंबर, 2008 को उत्सव भसीन ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार से दक्षिण दिल्ली के मूलचंद फ्लाई ओवर पर दोपहिया वाहन को टक्कर मारी थी। इस हादसे में अनुज सिंह चौहान नामक युवक की मौत हो गई थी। जबकि उसका साथी टीवी पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गया था।

इस केस की सुनवाई करते हुए जज संजीव कुमार ने हरियाणा के उद्योगपति के बेटे उत्सव भसीन को दो साल कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पर 12 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

जुर्माने की रकम में से 10 लाख रुपए मृतक के परिवार को और दो लाख रुपए हादसे में घायल टीवी पत्रकार को दिए जाने का आदेश दिया है। हादसे के समय भसीन 21 साल का था और लोधी कालोनी स्थित एक निजी कॉलेज से बीबीए की पढ़ाई कर रहा था।

जज संजीव कुमार ने उत्सव भसीन को लापरवाही से वाहन चलाने, चोट पहुंचाने व लापरवाही से जान लेने की धाराओं में 26 मई को दोषी करार दिया था।

जबकि, गैर इरादतन हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने उत्सव भसीन को फिलहाल सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने के लिए जमानत दे दी है।

यह भी पढ़ें .... SURVEY: इंडिया में बिना किसी टेस्ट के लोगों को मिल जाता है ड्राइविंग लाइसेंस

पीएम मोदी की 'मन की बात' का जिक्र

जज संजीव कुमार ने अपने फैसले में पीएम नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' के तहत साल 2015 में दिए गए भाषण का भी जिक्र किया है। जिसमें पीएम मोदी ने रोड सेफ्टी के मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए कहा था कि वह एक रोड एक्सिडेंट के बारे में जानकार अचंभित रह गए जिसमें पीड़ित 10 मिनट तक खून से लथपथ सड़क पर पड़ा रहा लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। कोर्ट ने इस आदेश की एक कॉपी पीएम को भी भिजवाई है, जिससे वह लापरवाही से जान लेने के मामले में कम सजा के प्रावधान पर जरूरी कदम उठा सकें।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story