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आरोपी ने बाल अदालत में कहा, सिर्फ तीन मिनट में कर दी थी प्रद्युम्न की हत्या
यदि यह कहानी सही है तो दो महीने पहले रेयान इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युम्न हत्याकांड की गुत्थी केंद्रीय जांच एजेंसी ने लगभग सुलझा ली है। आरोपी 11वीं के छात्र ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने अलग से स्वीकार किया कि उसने ही प्रद्युम्न की हत्या की थी।
संजय तिवारी
नई दिल्ली: यदि यह कहानी सही है तो दो महीने पहले रेयान इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युम्न हत्याकांड की गुत्थी केंद्रीय जांच एजेंसी ने लगभग सुलझा ली है। आरोपी 11वीं के छात्र ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने अलग से स्वीकार किया कि उसने ही प्रद्युम्न की हत्या की थी। हत्या करने से पहले दो-तीन मिनट उसने विचार भी किया था कि यह बच्चा बहुत मासूम है। विचार के दौरान ही अचानक उसने प्रद्युम्न के ऊपर वार कर दिया।
जांच में उसने माना कि ऐसा उसने परीक्षा एवं पीटीएम रद कराने के लिए ही किया था। वह परीक्षा के लिए तैयार नहीं था। रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में एसआईटी के विपरीत सीबीआई ने 11वीं के छात्र को आरोपी बनाया। उसे कई बार की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद जब आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया तो बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट सहित दोनों सदस्यों ने सीबीआई टीम को बाहर करके अलग से पूछताछ की। बोर्ड के सामने भी आरोपी ने स्वीकार किया कि उसी ने हत्या की थी। वह परीक्षा टालना चाहता था। यही सोचकर आठ सितंबर की सुबह वह बाथरूम में पहुंचा। संयोग से उसी दौरान प्रद्युम्न आ गया।
इस दौरान प्रद्युम्न से उसने पूछा- भाई मदद करोगे। इस पर प्रद्युम्न ने कहा कि हां भइया। इसके बाद आरोपी छात्र अपनी कक्षा में गया और एक मिनट के भीतर ही बाथरूम में लौट आया। प्रद्युम्न उसका इंतजार कर रहा था। आरोपी आया और अचानक चाकू निकाल कर प्रद्युम्न पर वार कर दिया। आरोपी छात्र ने स्वीकार किया कि हमला करने के दौरान न तो उसके कप़़डे पर खून के निशान लगे और न ही हाथ में ही। इस वजह से कोई उसे पकड़ नहीं सका। इसका फायदा उठाते हुए उसने सभी को घटना की सूचना दी।
बताया जा रहा है कि जिस तरह से आरोपी ने घटना को अंजाम दिया, उससे साबित होता है कि वह पूरी तैयारी में था। ऐसी स्थिति में उम्मीद है कि उसका मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से सेशन कोर्ट में चला जाएगा। नए नियम के मुताबिक 16 साल से ऊपर के बच्चों का संगीन मामला बोर्ड से ऊपरी अदालत में भेजने का प्रावधान है। उसे फरीदाबाद स्थित बाल सुधार गृह भेजा गया है। उसे 22 नवंबर को फिर बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा।
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्य उषा सोलंकी का कहना है कि मामला सेशन कोर्ट में जाएगा या फिर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के पास ही रहेगा, इस बारे में 22 नवंबर को या इसके बाद ही फैसला होगा।