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EC सख्त, कहा- अगर ज्योतिषी ने भी चुनाव नतीजों की भविष्यवाणी की, तो खैर नहीं
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने गुरुवार (30 मार्च) को एग्जिट पोल के नतीजों को दिखाने पर पाबंदी की ही तरह अब ज्योतिषियों के जरिए चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी को भी गैरकानूनी बताया है। आयोग ने मीडिया को सचेत किया है कि भविष्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध की अवधि के दौरान ऐसे कार्यक्रमों का प्रकाशन-प्रसारण नहीं करें।
मीडिया संगठनों को भेजे परामर्श में चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126-ए का जिक्र किया। बताया, इसमें साफ है कि चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचित की गई ऐसी अवधि के दौरान कोई व्यक्ति प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए किसी प्रकार का कोई एग्जिट पोल नहीं करेगा और न ही इनके नतीजों को प्रकाशित-प्रसारित करेगा और न ही इसे किसी अन्य तरीके से वितरित करेगा।
ताकि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो
हाल ही में 5 राज्यों में खत्म हुए विधानसभा चुनावों के दौरान एक न्यूज पोर्टल की ओर से एग्जिट पोल जारी करने के बाद चुनाव आयोग ने यह कदम उठाया है। हालांकि, उस न्यूज पोर्टल के संपादक को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से एग्जिट पोल जारी करने या फिर चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी का प्रसारण करने से दूर रहने को कहा है। आयोग ने कहा, ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित कराए जा सकें।
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प्रतिबंधित अवधि में भी कार्यक्रम प्रसारित
आयोग ने कहा, कि कुछ टीवी चैनलों ने ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किए जिनमें राजनीतिक पार्टियों की ओर से जीती जा सकने वाली सीटों की संख्या बताई गई। यह उस वक्त किया गया जब एग्जिट पोलों पर प्रतिबंध की अवधि लागू थी।
भविष्यवाणी कानून का उल्लंघन
चुनाव आयोग का मानना है कि ज्योतिषियों, टैरो रीडरों, राजनीतिक विश्लेषकों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिबंध की अवधि के दौरान किसी भी स्वरूप या तरीके से चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी करना धारा 126-ए का उल्लंघन है। आयोग ने इस संबंध में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को पत्र लिखा गया है।