×

गोवा : चर्च की पत्रिका में मौजूदा भारत की तुलना नाजी जर्मनी से

गोवा के एक चर्च द्वारा संचालित पत्रिका में मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में भारत की तुलना नाजी जर्मनी से की है।

tiwarishalini
Published on: 18 Aug 2017 1:03 AM IST
गोवा : चर्च की पत्रिका में मौजूदा भारत की तुलना नाजी जर्मनी से
X
गोवा : चर्च की पत्रिका में मौजूदा भारत की तुलना नाजी जर्मनी से

पणजी : गोवा के एक चर्च द्वारा संचालित पत्रिका में मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में भारत की तुलना नाजी जर्मनी से की है। पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में यह भी दावा किया गया है कि देश में 'संवैधानिक होलोकास्ट' जैसी स्थिति है।

गोवा के एक वकील डॉ. एफ. ई. नोरोन्हा ने यह लेख लिखा है, जो 'रेनोवाकाओ' पत्रिका में प्रकाशित हुई है। लेख में गोवा के मतदाताओं से 'पूरे देश में फैली तानाशाही' पर लगाम लगाने के लिए सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ मतदान करने की अपील भी की गई है।

यह भी पढ़ें ... मनोहर पर्रिकर ने कहा- हमारा जवाब नहीं झेल सका पाक, जाधव केस में खेला खतरनाक खेल

लेख में सीएम मनोहर पर्रिकर पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए मतदाताओं से 'रीढ़विहीन चरित्र वाले लोगों और पूरे देश में फैली तानाशाही से प्रत्यक्ष तौर पर सहमति रखने वाले लोगों' के खिलाफ मतदान करने की अपील की गई है।

लेख में कहा गया है, "2012 में सभी गोवा को भ्रष्टाचार मुक्त कराने के बारे में सोच रहे थे, जो 2014 तक चला, लेकिन उसके बाद से हम भारत में हर दिन जिस चीज को तेजी से बढ़ता हुआ देख रहे हैं वह और कुछ नहीं बल्कि संवैधानिक होलोकास्ट है। भ्रष्टाचार बेहद खराब चीज है, सांप्रदायिकता से उससे भी खराब, लेकिन नाजीवाद इन दोनों से बदतर है।"

यह भी पढ़ें ... पर्रिकर बोले- गोवा में बीफ की कमी नहीं, कर्नाटक से आयात करने का विकल्प खुला

लेख में आगे कहा गया है, "जिस किसी ने भी विलियम शीरर की पुस्तक 'द राइज एंड फाल ऑफ द थर्ड रीजन' या एलन बुलक की पुस्तक 'अ स्टडी ऑफ टाइरेनी' या हिटलर की आत्मकथा 'मीन कैम्फ' बढ़ी है, वह विकास और बर्बादी के बीच असाधारण समानता और 1933 के नाजीवादी जर्मनी और 2014 के भारत में समानता को देख सकता है।"

पणजी के गिरजाघर 'बिशप्स हाउस' द्वारा प्रकाशित होने वाली इस पत्रिका के संपादक फादर एलीक्सो मेनेजेस हैं। पत्रिका कहता है कि भारत में अब सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार या धर्मनिरपेक्षता नहीं है, बल्कि आजादी अब सबसे बड़ा मुद्दा है।

यह भी पढ़ें ... मनोहर पर्रीकर की चेतावनी, बोले- देश में डाली बुरी नजर तो आंखें निकाल हाथ में दें देंगे

पत्रिका अपने लेख में कहता है, "पूरा देश सिर्फ एक या दो व्यक्तियों द्वारा चलाया जा रहा है, बाकी लोग मामूली अनुचर या अंधभक्त हैं। कृपया ऐसे व्यक्ति को अपना वोट न दें, जो ऐसे लोगों के मामूली अनुचर हैं। आजादी, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता का महत्व भ्रष्टाचार से कहीं अधिक है। भ्रष्टाचार ही बेहतर था। अगर वे हमें अपनी बात रखने, भोजन करने और राजनीतिक स्वतंत्रता रखने की आजादी देते हैं तो भ्रष्टाचारियों को ही सत्ता सौंपे।"

लेख में कहा गया है कि पणजी विधानसभा सीट के लिए 23 अगस्त को होने वाला उप-चुनाव पर्रिकर के खिलाफ मतदान कर भारतीय लोकतंत्र में आई गिरावट को रोकने का एक अवसर है।

--आईएएनएस

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story