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गुजरात: शहरों में फिर खिला 'कमल', तो गांवों में कांग्रेस का दबदबा
गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों पर नजर डालें तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखी। लेकिन जब परिणाम सामने आने लगे तो 22 सालों से सत्ता में बरकरार बीजेपी एक बार फिर वापसी की राह पर दिख रही है।
परिणामों में जो अब तक खास बात देखने को मिली वो ये है कि बीजेपी शहरी क्षेत्रों में आगे चल रही है। इसकी तुलना में कांग्रेस ग्रामीण इलाकों में बेहतर प्रदर्शन करती नजर आ रही है। बता दें, कि बीजेपी का खाता भी शहरी क्षेत्र से ही खुला। एलिस ब्रिज से जहां राकेश शाह चुनाव जीत गए हैं। वहीं सीएम विजय रुपाणी राजकोट पश्चिम से पिछड़ने के बाद चुनाव जीत गए हैं।
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आरएसएस की मेहनत, बीजेपी को फायदा
बीजेपी अधिकतर शहरी सीटों पर जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। वहीं, कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत की। लेकिन आदिवासी इलाकों में एक बार फिर बीजेपी ने अपनी पकड़ बनाए रखी। इसकी एक वजह ये भी है कि यहां सालों से आरएसएस ने आदिवासियों के लिए काम किया, जिसका नतीजा आज बीजेपी को जीत रूप में देखने को मिल रही है।
पहले भी इन इलाकों में बीजेपी की रही है पकड़
उल्लेखनीय है, कि इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शहरी क्षेत्रों में जोरदार कामयाबी मिली थी। सेंट्रल गुजरात में अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा आता है। इन क्षेत्रों में बीजेपी की मजबूत पकड़ रही है। यहां के कुल 61 में से 37 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को यहां से 22 सीटों पर जीत मिली थी।