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इश्क के नाम पर कत्लेआम! 5 साल में 785 पतियों की हत्याएं, हनीमून पर मौत, घर में नीला ड्रम और नहर में लाश...
Husband murder by wife: बीते कुछ सालों में भारत में एक खौफनाक ट्रेंड बढ़ा है – पत्नियां अपने प्रेमियों के साथ मिलकर अपने पतियों को मौत के घाट उतार रही हैं। वजह सिर्फ एक – पुराने प्यार की वापसी या नए इश्क का जुनून।
Husband murder by wife: "इश्क और जंग में सब जायज है"... ये सिर्फ एक कहावत नहीं, बल्कि अब भारत के कुछ घरों की खौफनाक हकीकत बनती जा रही है। जिस इश्क को पाने के लिए लोग दुनिया से लड़ जाया करते थे, अब वही इश्क अपनों की जान का दुश्मन बन बैठा है। ऐसा नहीं है कि प्यार करना गुनाह है, मगर जब यही प्यार हवस बन जाए, जब इसी प्यार के लिए कोई अपने पति की हत्या करवा दे, तो सवाल उठता है – क्या वाकई इश्क में सब जायज है? बीते कुछ सालों में भारत में एक खौफनाक ट्रेंड बढ़ा है – पत्नियां अपने प्रेमियों के साथ मिलकर अपने पतियों को मौत के घाट उतार रही हैं। वजह सिर्फ एक – पुराने प्यार की वापसी या नए इश्क का जुनून। वो पति जो घर बसा रहे होते हैं, जो अपनी नई-नवेली दुल्हन के लिए सपने बुन रहे होते हैं, वो कुछ दिनों बाद किसी नीले ड्रम में पैक मिलते हैं या पहाड़ों की खामोश वादियों में दफना दिए जाते हैं। इंदौर की सोनम हो या मेरठ की मुस्कान, कहानियां अलग-अलग हैं लेकिन मकसद एक – पुराने या नए आशिक के साथ नई जिंदगी शुरू करने के लिए पति का खून कर देना। अब इस खतरनाक ट्रेंड पर पूरे देश की नजर है। पुलिस रिकॉर्ड, कोर्ट की फाइलें और सोशल मीडिया सब चीख-चीख कर बता रहे हैं कि भारत में प्यार के नाम पर कत्ल का खेल खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है।
इंदौर से मेरठ तक – इश्क के नाम पर कत्ल
राजा रघुवंशी मर्डर केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इंदौर के राजा रघुवंशी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस लड़की से उसने शादी की है, वही उसके हनीमून ट्रिप पर उसकी मौत की स्क्रिप्ट लिख रही है। 11 मई 2025 को शादी हुई, 20 मई को हनीमून के लिए शिलांग गए और 23 मई को राजा की हत्या कर दी गई। सबकुछ इतनी खूबसूरती से प्लान किया गया था कि पुलिस भी चकरा गई। लेकिन कहते हैं ना, जुर्म कितना भी चालाकी से क्यों न किया जाए, सच कभी छुपता नहीं। मेरठ का सौरभ राजपूत हत्याकांड तो जैसे रूह कंपा देने वाला किस्सा बन गया। सौरभ की पत्नी मुस्कान ने अपने आशिक साहिल के साथ मिलकर उसका कत्ल किया। इतना ही नहीं, उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए और नीले ड्रम में सीमेंट डालकर भर दिया गया। जब मासूम बेटी ने पुलिस को इशारा किया – “पापा ड्रम में हैं”, तब जाकर इस क्रूरता का पर्दाफाश हुआ। ऐसे ही हरियाणा के भिवानी में प्रवीण की हत्या उसकी पत्नी रवीना ने अपने प्रेमी सुरेश के साथ मिलकर की। वजह – रील्स बनाते-बनाते इंस्टा पर इश्क हो गया और पति रास्ते का कांटा बन गया। अभी यही तीन मामले सुर्खियों में आए हैं, मगर आंकड़े बताते हैं कि यह महज शुरुआत है। पिछले 5 सालों में भारत के पांच प्रमुख राज्यों से ऐसी 785 हत्याओं की खबरें सामने आ चुकी हैं। और ये तो वो मामले हैं जो पुलिस रिकॉर्ड तक पहुंचे, कितने ऐसे होंगे जो अब भी राज बने हुए हैं।
क्राइम के आंकड़े चौंकाने वाले
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट बताती है कि भारत में प्रेम-संबंध हत्या का तीसरा सबसे बड़ा कारण बन चुका है। 2022 की रिपोर्ट कहती है कि देश में हर साल करीब 275 पति अपनी ही पत्नियों के हाथों मौत के घाट उतारे जाते हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में महिलाओं से जुड़ीं 60% हत्याएं उनके वर्तमान या पूर्व साथी द्वारा की जाती हैं। यानी प्यार अब हत्या का हथियार बन चुका है।
2010 से 2014 तक प्रेम-संबंध वाले मर्डर 7-8% तक थे, लेकिन 2015 से 2022 तक ये आंकड़ा 10-11% तक पहुंच गया है। पांच राज्यों – उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ऐसे केस सबसे ज्यादा सामने आए हैं। यूपी टॉप पर है। बीते पांच साल में यहां 275 पतियों की हत्या कर दी गई। बिहार में 186, राजस्थान में 138, महाराष्ट्र में 100 और मध्य प्रदेश में 87 केस दर्ज हुए हैं। यानी औसतन हर 6 दिन में किसी पति की हत्या उसके ही घर में, उसकी ही पत्नी द्वारा कर दी जाती है। ये महज आंकड़े नहीं हैं, ये उन मासूम सपनों की कब्रगाहें हैं जो कभी किसी लड़की की आंखों में घर बसाने के ख्वाब देखकर पले-बढ़े थे।
आखिर क्यों बन रही पत्नियां अपने पतियों की कातिल?
इस सवाल का जवाब आसान नहीं है। कहीं शादी से पहले का अधूरा प्यार, तो कहीं शादी के बाद नए रिश्तों का जाल। कहीं सोशल मीडिया पर मिले नए साथी तो कहीं घरेलू कलह से उपजा गुस्सा। मगर जितने केस, उतनी वजहें। पर सबसे खतरनाक पहलू यह है कि हत्या की प्लानिंग अब बेहद क्रूर और पेशेवर हो गई है। अब सिर्फ जहर या गला दबाना ही तरीका नहीं रहा, बल्कि शव ठिकाने लगाने से लेकर पुलिस को चकमा देने तक की योजनाएं बनती हैं। सोशल मीडिया पर प्यार का जाल बुनने वाली पत्नियां, अब रील्स के बहाने, इंस्टाग्राम के जरिए नए रिश्ते बना रही हैं और जब पति आड़े आते हैं तो उनके लिए सिर्फ एक रास्ता बचता है – कत्ल। यह ट्रेंड जितना खतरनाक है, उतना ही चिंता का विषय भी।
इश्क में कबूल है कत्ल?
सवाल यही है कि क्या वाकई इश्क के नाम पर कत्ल जायज है? क्या अपने पुराने प्यार के लिए किसी निर्दोष इंसान को मार देना, उसके बच्चों को अनाथ कर देना, उसके परिवार को उजाड़ देना सिर्फ इसलिए सही है क्योंकि पत्नी का मन बदल गया? समाज में जिस प्यार को पूजा जाता है, वही प्यार जब हत्या का हथियार बन जाए तो सोचना होगा कि कहां गलती हो रही है। क्या परवरिश में कमी है? क्या सोशल मीडिया पर मिलने वाले नकली रिश्तों का जादू लोगों पर इस कदर हावी हो चुका है कि वे अपनी जिम्मेदारियां भूल गए हैं? जरूरत है कि ऐसे मामलों में कठोर से कठोर सजा दी जाए ताकि कोई सोनम, मुस्कान या रवीना अगली बार ऐसा करने से पहले सौ बार सोचे। वरना ये खौफनाक सिलसिला जारी रहेगा और हर घर में प्यार के नाम पर कत्ल की कहानियां गूंजती रहेंगी।
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