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क्या है पंचशील सिद्धांत? कभी भारत और चीन के रिश्तों का आधार रहा है ये

Anoop Ojha
Published on: 5 Sept 2017 3:52 PM IST
क्या है पंचशील सिद्धांत? कभी भारत और चीन के रिश्तों का आधार रहा है ये
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लखनऊ: विश्व की दो उभरती हुई ताकत भारत और चीन आज के छ दशक पहले ही दोस्ती के ऐसे ड़ोर में बंधने का समझौता कर चुके थे जिसकी बुनियाद में पांच सिद्धांतों के बंधन थे। जिसे नाम दिया गया पंचशील सिद्धांत। दो देशों के आपसी संबधों को मैत्रीपूर्ण बनाएं रखने के लिए और दोनो देशों की विदेश नीति में गति बनी रहे इसके लिए इस समझौते को गढ़़ा गया था। 29 अप्रैल 1954 को पंचशील सिद्धांत पर भारत और चीन ने हस्ताक्षर किए। तत्कालीन प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इसके बाद तो दोनो देशों की सरजमीं पर हिंदी चीनी भाई भाई के नारे लगने लगे।

जब जब भारत और चीन संबंधों की बात होगी तब तब इस पंचशील सिद्धांत की चर्चा जीवंत हो उठेगी। बीते कुछ वर्षों से भारत और चीन के रिश्ते में उतार-चढाव आते रहें है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि दोनो देश अपने पुराने समझौते पर स्थिर रहें। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने 9वें ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान कहा कि भारत के विकास का आधार यही है कि उसकी सोच सबका साथ सबका विकास की है।

दुनिया कैसे बेहतर हो इसके लिए मोदी ने कुछ सुझाव भी दिए। आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील, साइबर सिक्योरिटी,आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन,तकनीक, डिजिटल इकोनाॅमी, स्किल विश्व का सृजन, शोध और विकास में सहयोग, लिंग समानता, विरासत को बढावा जैसे गंभीर मुद्दों पर पीएम मोदी ने दुनिया के देशों से सहयोग की अपील की।

पांच सिद्धांतों से बने पंचशील शब्द प्राचीन बौद्ध ऐतिहासिक अभिलेखों से लिए गए हैं।

क्या है पंचशील सिद्धांत

एक दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान

परस्पर अनाक्रमण

एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना

स्मान और परस्पर लाभकारी संबंध

शांतिपूर्ण सह अस्तित्व

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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