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आतंकवाद पर पश्चिमी देशों के दोहरे रवैये पर फिर भड़के जयशंकर, उन्हीं के देश में लगाई क्लास, मीडिया को भी लिया लपेटे में
Jaishankar Schools Western Countries: ब्रुसेल्स दौरे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पश्चिमी देशों को आतंकवाद पर दोहरे रवैये के लिए घेरा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में भारत की कार्रवाई को भारत-पाक विवाद नहीं, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई माना जाए। जयशंकर ने मीडिया की पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए।
Jaishankar Schools Western Countries: विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय ब्रुसेल्स के दौरे पर हैं, जहां वह यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। एक यूरोपीय समाचार पोर्टल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कश्मीर में भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को केवल भारत-पाकिस्तान का सीमा विवाद न मानकर इसे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के रूप में देखा जाना चाहिए।
जयशंकर ने यह भी कहा कि पश्चिमी देश आतंकवाद की गंभीरता को समझने में अक्सर असफल रहते हैं और उन्होंने ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में वर्षों तक सुरक्षित छिपे रहने की ओर इशारा करते हुए सवाल उठाया कि एक वांछित आतंकवादी आखिर वहां इतनी सुरक्षा के साथ कैसे रह सकता था।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर उठाये सवाल
विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि वह भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को दो परमाणु संपन्न देशों के बीच बदले की कार्रवाई के तौर पर दिखाकर भ्रम फैलाने का काम करते हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह मामला सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच नहीं बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खतरे से जुड़ा हुआ है। एक दिन यही आतंकवाद पश्चिमी देशों के गले पड़ सकता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत ने अपनाया संतुलित रुख
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने दोहराया कि भारत युद्ध को समाधान का जरिया नहीं मानता। उन्होंने कहा कि मतभेदों को आपसी संवाद से सुलझाना चाहिए न कि युद्ध के जरिए। भारत किसी का पक्ष नहीं लेता लेकिन इसका मतलब ये भी नही कि वहा निष्क्रिय है।
जयशंकर ने कहा कि भारत के रूस और यूक्रेन दोनों से गहरे रिश्ते हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि आज पश्चिम जिस पाकिस्तान से दूरी बना रहा है। वही देश भारत की आजादी के तुरंत बाद हमला कर चुका है और तब यही पश्चिमी देश उसके साथ खड़े थे।
अमेरिका के साथ रिश्तों पर भी बोले विदेश मंत्री
अमेरिका से भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष या राष्ट्रपति से जुड़ा मामला नहीं है। भारत हर वह संबंध मजबूत करना चाहता है जहां उसके राष्ट्रीय हितों के अनुकूल हो और अमेरिका के साथ हमारे संबंध आज बेहद अहम हैं।
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