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बर्फ के बीच 70 किमी. तक मां का शव कंधे पर ढो कर घर पहुंचा ये जवान, नहीं मिली सरकार से मदद
अपनी पूरी ईमानदारी के साथ देश की सेवा और सुरक्षा कर रहे श्रीनगर के इस जवान ने कभी नहीं सोचा होगा की जब उसको मदद की ज़रूरत होगी तो उसको यूं मायूसी का सामना करना पड़ेगा।
नई दिल्ली: अपनी पूरी ईमानदारी के साथ देश की सेवा और सुरक्षा कर रहे श्रीनगर के इस जवान ने कभी नहीं सोचा होगा कि जब उसको मदद की ज़रूरत होगी तो उसको यूं मायूसी का सामना करना पड़ेगा। सेना और सरकार की सहायता न मिलने के कारण ये जवान अपनी मां का शव 10 फुट गहरी बर्फ़ में घंटों तक ऊंची चढ़ाई चढ़कर अपने घर ले जा सका।
क्या है पूरा मामला ?
-जम्मू कश्मीर के तंगधार में एक जवान की मां के शव को अंतिम संस्कार के लिए पांच दिन का इंतजार करना पड़ा।
-मोहम्मद अब्बास खान नाम के इस जवान की मां की मौत पठानकोट में 28 जनवरी को हो गई थी।
-बेटे की इच्छा थी कि वह अपनी मां का शव अपने गांव LOC के करीब कश्मीर के करनाह में दफनाए।
-अब्बास अगले दिन पठानकोट से गाड़ी के ज़रिए पहले जम्मू और फिर वहां से श्रीनगर पहुंचे। यहां उन्होंने सेना से हेलीकॉप्टर की गुज़ारिश की। लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली।
-लगभग 8 लोगों की एक टीम ने जवान की मां के शव को लेकर बर्फ के बीच 70 किलोमीटर का रास्ता पैदल तय किया, लेकिन प्रशासन की ओर से इनकी कोई मदद नहीं की गई।
- जानकारी के मुताबिक कश्मीर के इस इलाके में 25 जनवरी के बाद से ही भारी बर्फबारी हो रही है।
- इस कारण इस पूरे इलाके का बर्फबारी की दुश्वारियों के वजह से देश के अन्य इलाकों से संपर्क कट गया है।
-मौसम के इन हालातों के बीच इस इलाके के रहने वाले एक जवान की मां सकीना बेगम को दिल का दौरा पड़ा जिसके कारण पठानकोट के आर्मी हॉस्पिटल में उनका देहांत हो गया।