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Jayant Patil: पवार के इस्तीफे के बाद NCP में बढ़ी कलह, अब जयंत पाटिल नाराज, भविष्य को लेकर नेताओं में दिख रही बेचैनी
Jayant Patil: एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग शरद पवार के बिना पार्टी के भविष्य को लेकर काफी अनिश्चय की स्थिति में दिख रहा है।
Jayant Patil: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से शरद पवार के इस्तीफे के बाद पार्टी में कलह बढ़ती हुई दिख रही है। 1999 में पार्टी की स्थापना के बाद से ही शरद पवार ने पूरी मजबूती से पार्टी का नेतृत्व संभाल रखा था मगर अब उनके बिना पार्टी नेताओं में अपने भविष्य को लेकर बेचैनी का माहौल दिख रहा है। पार्टी के अध्यक्ष पद का मसला भी अभी उलझा हुआ है।
हालांकि माना जा रहा है कि शरद पवार की रजामंदी से जल्द ही नए अध्यक्ष के बारे में आखिरी फैसला ले लिया जाएगा। बुधवार को पार्टी नेताओं की एक बैठक के दौरान नए अध्यक्ष के संबंध में चर्चा की गई। हालांकि इस बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और शरद पवार के करीबी जयंत पाटिल मौजूद नहीं थे। पाटिल ने इस बैठक के संबंध में पहले सूचना न दिए जाने पर नाराजगी भी जताई।
बैठक में न बुलाने पर पाटिल हुए नाराज
दरअसल एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग शरद पवार के बिना पार्टी के भविष्य को लेकर काफी अनिश्चय की स्थिति में दिख रहा है। इसीलिए पवार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई थी मगर वे अब आगे पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए तैयार नहीं हैं। इस बीच पार्टी नेताओं में खींचतान बढ़ती हुई दिख रही है। बुधवार को मुंबई में एक बैठक के दौरान नए अध्यक्ष के संबंध में चर्चा की गई मगर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल इस बैठक में नहीं पहुंचे थे। पाटिल अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पुणे गए हुए थे। बाद में उन्होंने इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की कि उन्हें इस बैठक में क्यों नहीं बुलाया गया।
पाटिल ने कहा कि उन्हें इस बैठक के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। पाटिल ने अपनी अनुपस्थिति में इस बैठक को आयोजित किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मुझे इस बैठक में नहीं बुलाया गया था और इसीलिए मैं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पुणे पहुंचा था। पाटिल के इस बयान से साफ हो गया है कि पार्टी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।
सुले ने फोन करके पाटिल को मनाया
महाराष्ट्र में शरद पवार के काफी करीबी माने जाने वाले पाटिल ने कहा कि पार्टी में हर किसी की यही इच्छा है कि शरद पवार को अपना इस्तीफा वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई लोग मुझे फोन करके पूछ रहे हैं कि आखिरकार पार्टी में यह सबकुछ क्या हो रहा है। पाटिल ने कहा कि मुझे नहीं पता कि बैठक के दौरान सुप्रिया सुले के संबंध में क्या चर्चा हुई।
हालांकि बाद में सुप्रिया सुले ने जयंत पाटिल को फोन करके स्पष्ट किया कि ने अध्यक्ष के संबंध में विचार करने के लिए पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई बैठक नहीं बुलाई गई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेता स्वत: इकट्ठा हुए थे। सुप्रिया सुले की ओर से स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद पाटिल की ओर से भी सफाई देते हुए कहा गया है कि पार्टी ने कोई बैठक नहीं बुलाई थी। उन्होंने कहा कि नए अध्यक्ष के संबंध में पार्टी की ओर से जो भी फैसला लिया जाएगा, उसे सभी को स्वीकार करते हुए काम करना होगा।
नया अध्यक्ष चुनने में नहीं होगी समस्या
वैसे मुंबई में बुधवार को हुई बैठक से पहले छगन भुजबल ने इस बात पर जोर दिया कि सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रिया सुले एक सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं। इसलिए पार्टी के नए अध्यक्ष का फैसला करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अजित पवार को महाराष्ट्र में पार्टी को मजबूत बनाने पर फोकस करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि काम का बंटवारा पहले से ही है और इसलिए मेरा मानना है कि नया अध्यक्ष चुनने में कोई समस्या नहीं पैदा होने वाली है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनकी निजी राय है और पार्टी नेताओं की बैठक के दौरान नए अध्यक्ष को लेकर आखिरी फैसला लिया जाएगा।
एनसीपी नेताओं को पवार के सिग्नल का इंतजार
सियासी जानकारों का मानना है कि एनसीपी के नए अध्यक्ष के संबंध में पार्टी नेता शरद पवार के सिग्नल का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजित पवार के बीच ही किसी को अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
नए अध्यक्ष का फैसला करने के लिए एनसीपी के प्रमुख नेताओं की एक समिति का गठन जरूर किया गया है मगर इतना तय है कि शरद पवार की मुहर लगने के बाद ही इस बाबत आखिरी फैसला लिया जाएगा। वैसे शरद पवार ने अभी तक इस संबंध में अपने पत्ते नहीं खोले हैं।