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सेनारी हत्याकांड: कोर्ट ने 10 लोगों को सुनाई फांसी की सजा, 3 को मिला उम्रकैद
जहानाबाद: जहानाबाद के सेनारी हत्याकांड में मंगलवार को फैसला आ गया है। जहानाबाद कोर्ट ने इस हत्याकांड में दस लोगों को फांसी और तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आजीवन कारावास की सजा पाए तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि साल 1999 में हुए इस हत्याकांड में 34 लोगों की हत्या की गई थी। हत्या नक्सली संगठन एमसीसी ने की थी। इससे पहले 27 अक्टूबर को अदालत ने 15 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि 23 अन्य को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया था।
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क्या है मामला?
ज्ञात हो कि तब के जहानाबाद और वर्तमान के अरवल जिला के सेनारी गांव में भूमिहार जाति के 34 लोगों को इकट्ठा कर 18 मार्च 1999 को गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में सात अन्य व्यक्ति घायल हो गए थे। इस खौफनाक हादसे के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि हमलावरों ने उसे मरा समझकर गड्ढे में फेंक दिया था। वे एक-एक कर लोगों की गर्दन रेत गड्ढे में लाशों को फेंकते जा रहे थे। इस मामले में चिंता देवी के बयान पर गांव के 14 लोगों सहित कुल 70 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। चिंता देवी के पति अवध किशोर शर्मा और उनके बेटे मधुकर की भी इस नरसंहार में जान चली गई थी।
500 से अधिक के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला
इस मामले में पुलिस ने व्यास यादव उर्फ नरेश यादव और 500 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। जिनमें 74 लोगों के खिलाफ 2002 में आरोपपत्र दायर किया गया था। 56 के खिलाफ ट्रायल शुरू किया गया, जबकि 18 अन्य फरार थे। बाद में अदालत ने 45 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र गठित किया गया जिनमें दो की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। इस हत्याकांड के 66 गवाहों में से 32 ने सुनवाई के दौरान गवाही दी थी।