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विवादित जिन्ना; कहानी दो देशों और तीन बीवियों की
अलीगढ़: पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना भारतीय नजरिये से हमेशा एक विवादित शख्सियत रहे हैं और यही कारण है कि पिछले दिनों अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उनकी तस्वीर को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। जिन्ना की व्यक्तिगत जिंदगी के पन्ने भी बीच-बीच में खुलते रहे हैं। उनकी दो शादियों के बारे में लोगों को जानकारी है मगर अब जिन्ना की तीसरी बीवी की जानकारी सामने आई है। यह जानकारी हर किसी को हैरान करने वाली है। दरअसल यहां के गांधी आई हॉस्पिटल में एक पुराना पत्र मिला है। 1944 के इस पत्र में वाइफ ऑफ जिन्ना के नाम से दस्तखत है मगर इसमें बेगम का नाम नहीं लिखा है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब डीएम इस अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे और उन्होंने अस्पताल के पुराने दस्तावेज देखने की इच्छा जताई।
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इस बाबत अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जिन्ना की पत्नी 1944 में यहां आई थीं, तभी उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को यह पत्र दिया था। इस पत्र का खुलासा होने के बाद जिन्ना की तीसरी बीवी को लेकर सवाल खड़ा हो गया है क्योंकि अभी तक किसी को उनकी तीसरी बीवी के बारे में जानकारी नहीं है। जिन्ना की पहली पत्नी इमीबाई जिन्ना का 1893 और दूसरी पत्नी रत्तनबाई (मरियम) जिन्ना का 1929 में इंतकाल हो गया था।
ज्यादा जानकारी दूसरी पत्नी के बारे में
लोगों को ज्यादा जानकारी जिन्ना की दूसरी पत्नी के बारे में ही है। जिन्ना की दूसरी पत्नी की चर्चा पिछले साल नवम्बर में उस समय भी खूब हुई थी जब जिन्ना की इकलौती बेटी दीना वाडिया का न्यूयार्क में निधन हुआ था। 98 वर्षीय दीना स्वतंत्र विचारों वाली क्रांतिकारी महिला थीं और शायद यही वजह थी कि उनकी अपने पिता से कभी नहीं बनी। अपने पिता के विचारों के खिलाफ जाकर उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की थी और इसे लेकर पिता-पुत्री में दूरियां काफी बढ़ गयी थीं। दीना के बेटे नुस्ली वाडिया ग्रुप के मुखिया हैं। वाडिया ग्रुप देश का बड़ा बिजनेस ग्रुप माना जाता है और बाम्बे डाइंग, ब्रिटेनिया इंडस्ट्रीज व गो एयर का मालिकाना हक इस ग्रुप के पास है।
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विजिटर बुक से हुआ खुलासा
जिन्ना की तीसरी पत्नी के बारे जानकारी न होने के कारण अस्पताल प्रबंधन के पास मिले पत्र को हैरत की निगाह से देखा जा रहा है। इस पत्र के बारे में जानकारी उस समय हुई जब गांधी आई अस्पताल ट्रस्ट के अध्यक्ष व डीएम चंद्रभूषण सिंह अस्पताल पहुंचे तो सचिव ने प्रतिष्ठित आगंतुकों की फाइल दिखाई। वर्ष 1931 में नेता जी सुभाष चंद्र बोस, 1949 में देश के प्रथम राष्टï्रपति राजेंद्र प्रसाद, 1939 में मदन मोहन मालवीय, 1950 देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस विजिटर बुक पर अपने संदेश लिखे थे। इनके अलावा देशबंधु चितरंजन दास, गोविंद बल्लभ पंत, पुरुषोत्तम दास टंडन, फील्ड मार्शल जनरल करियप्पा, अबुल कलाम आजाद, पृथ्वीराज कपूर सहित देश की कई नामचीन हस्तियों ने इस विजिटर बुक में अपने संदेश लिखे हैं।
जिन्ना की पत्नी ने उर्दू में लिखा है पत्र
जिन्ना की पत्नी का यह पत्र उर्दू में लिखा गया है। इस पत्र में लिखा गया है कि डॉ.मोहनलाल साहब के आंख का अस्पताल देखकर बहुत प्रसन्नता हुई। इंसान के लिए आंख की रोशनी सबसे बड़ा उपहार है। जो लोग डॉ. मोहन लाल की तरह आंख के इलाज में मशगूल हैं, वे तारीफ के काबिल हैं। मुझे उम्मीद है कि इस हॉस्पिटल के निर्माण का कार्य मुकम्मल होगा। डॉक्टर साहब अपने इरादों में सफल होंगे।
पत्र पर दर्ज है 17 दिसम्बर,1944 की तारीख
इस पत्र में सबसे काबिलेगौर चीज दस्तखत है। इस पत्र में हस्ताक्षर की जगह बेगम मोहम्मद अली वाइफ ऑफ मोहम्मद अली जिन्ना लिखा है। इस पत्र में 17 दिसम्बर, 1944 की तारीख दर्ज है। उस वक्त ब्रिटिश हुकूमत के साये में अस्पताल का प्रबंधन एक ट्रस्ट के माध्यम से होता था। इस बाबत गांधी आई हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक मधुप लहरी का कहना है जिन्ना की पत्नी आजादी से पहले यहां आई थीं और तभी उन्होंने अस्पताल के विजिटर्स बुक में अपनी बात लिखी थी। उन्होंने जिन्ना की पत्नी और अन्य हस्तियों के पत्रों को ऐतिहासिक धरोहर बताया।
सांसद का पत्र पर टिप्पणी से इनकार
दूसरी ओर एएमयू में जिन्ना की तस्वीर पर सवाल उठाने वाले भाजपा सांसद सतीश गौतम ने गांधी आई हॉस्पिटल में जिन्ना की कथित पत्नी के पत्र को ऐतिहासिक बताकर रखने पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या वे इस पत्र को हटाने के लिए अस्पताल प्रबंधन को लिखेंगे, सांसद ने कोई जवाब नहीं दिया। बीती 30 अप्रैल को सांसद सतीश गौतम ने एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को पत्र लिखकर एएमयू छात्रसंघ के यूनियन हाल में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर उसका औचित्य पूछा था। हालांकि 27 दिन बाद भी विवि प्रबंधन की ओर से इसका जवाब नहीं दिया गया है। अब जिन्ना की पत्नी के नाम से सामने आया संदेश भी चर्चा में है।