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कपिल मिश्रा ने जारी किया 'आप' का सर्वे: सभी 20 सीटें हारेगी पार्टी
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी से निष्कासित कपिल मिश्रा ने आप का आतंरिक सर्वे जारी किया है, जिसमें लाभ के पद के कारण अयोग्य ठहराए गए 20 विधायकों की सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के सभी सीटों पर हार की आशंका जताई गई है।
आप से निकाले गए कपिल मिश्रा ने इसे पार्टी का आंतरिक सर्वे बताया है, जिसमें 20 विधायकों की सीटों पर चुनाव होने की स्थिति में आम आदमी पार्टी की हार की आशंका जताई गई है।
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि इन 20 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी ने ये सर्वे कराया है, जिसमें ज्यादातर सीटों पर पार्टी की हार की रिपोर्ट उभरकर आई है।
कपिल मिश्रा का दावा है कि द्वारका विधानसभा सीट जहां से आदर्श शास्त्री विधायक हैं। पार्टी यह सीट हार रही है, जिससे यहां से उम्मीदवार बदला जा सकता है। चांदनी चौक विधानसभा सीट से अभी अलका लांबा विधायक हैं। सर्वे में दावा किया गया है कि ये सीट भी पार्टी हार रही है और यहां का उम्मीदवार बदला जा सकता है।
गांधीनगर सीट से अनिल बाजपेयी विधायक हैं और पार्टी ये सीट भी हार रही है। इस सीट के लिए एक कांग्रेस नेता से बात की जा रही है, जिसे आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ाया जाएगा। कालकाजी सीट के सर्वे के मुताबिक, पार्टी ये सीट भी हार रही है। नजफगढ़ सीट से कैलाश गहलोत विधायक हैं और ये सीट भी पार्टी हारती दिख रही है। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं में फूट पैदा हो गई है। पार्टी उम्मीदवार बदलने के मूड में नहीं है।
कस्तूरबा नगर सीट से उम्मीदवार बदला जाएगा। यहां से मदन लाल विधायक हैं। कोंडली विधानसभा सीट से मनोज कुमार विधायक हैं और उन्हें बदलने पर पार्टी विचार कर रही है। इस क्षेत्र में ग्रामीण इलाकों से जुड़े लोग नाखुश हैं। महरौली सीट से नरेश यादव विधायक हैं। ये संजय सिंह के करीबी माने जाते हैं। लक्ष्मी नगर सीट से नितिन त्यागी विधायक हैं और पार्टी इस सीट को हार रही है।
नितिन त्यागी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के करीबी माने जाते हैं। जंगपुरा सीट पर पार्टी को हार मिलने की आशंका है, इसलिए यहां से पार्टी उम्मीदवार बदलने के मूड में है। वजीरपुर सीट से राजेश गुप्ता विधायक हैं और पार्टी यहां से भी हारती दिख रही है। कार्यकर्ता इस इलाके में पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। जनकपुरी सीट से राजेश ऋषि विधायक हैं।
ये कुमार विश्वास के करीबी माने जाते हैं और उन्हें अगली बार टिकट मिलने की संभावना बहुत कम है। पार्षद चुनाव हारने वाले एक नेता से बात चल रही है। बुराड़ी सीट से संजीव झा विधायक हैं। इलाके में पार्टी नेताओं के बीच आपसी मतभेद बड़े पैमाने पर है। रोहतास नगर सीट भी पार्टी हार रही है। यही वजह है कि मौजूदा विधायक सरिता सिंह का पत्ता अगली बार कट सकता है।
साथ ही वो कुमार विश्वास की करीबी भी हैं। एक कांग्रेस नेता के बेटे से पार्टी की बातचीत चल रही है। सदर बाजार सीट से सोम दत्त विधायक हैं और पार्टी यहां से हार रही है। नरेला सीट के इलाके में पार्टी संगठन नाममात्र को बचा है और शरद कुमार विधायक हैं।
मोती नगर सीट से शिवचरण गोयल विधायक हैं, जो खुद ही अगली बार चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। मुंडका सीट से सुखबीर सिंह यहां से विधायक हैं और उन्हें बदला जाएगा। पार्टी एक कांग्रेस नेता के संपर्क में है।
राजेंद्र नगर सीट भी पार्टी हार रही है, यहां से विजेंद्र गर्ग विधायक हैं। तिलक नगर सीट से जरनैल सिंह विधायक हैं। दावा किया गया है कि वो सिख समुदाय के बीच प्रसिद्ध नहीं हैं, साथ ही उनकी छवि भी सवालों के घेरे में है लेकिन वो संजय सिंह के करीबी हैं, जिसके चलते उनका टिकट नहीं काटा जाएगा।