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किसान आंदोलन : दिल्ली समेत कई राज्यों में बुरा असर, राधामोहन के बयान पर बवाल

Manali Rastogi
Published on: 3 Jun 2018 2:11 PM IST
किसान आंदोलन : दिल्ली समेत कई राज्यों में बुरा असर, राधामोहन के बयान पर बवाल
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नई दिल्ली: देश में किसानो की समस्याओं को लेकर दिल्ली में शुरू किये आंदोलन के कारण दिल्ली, एनसीआर अमित कई राज्यों में काफी दिक्कत होने लगी है। इसी बीच आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। विपक्ष ने राधामोहन को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की मांड कर दी है। दरअसल, पटना में एक कार्यक्रम में पहुंचे राधामोहन ने कल कहा था कि किसानो की कोई समस्या नहीं है।

किसान आंदोलन: इन मामलों को लेकर किया जा रहा विरोध, 10 दिनों तक रहेगा जारी

जो आंदोलन दिल्ली में चल रहा है वह केवल मीडिया का ध्यान खींचने के लिए है। इस बीच दिल्ली में उपज पर वाजिब दाम, कर्जमाफी व अन्य मांगों को लेकर आठ राज्यों के किसानों का 10 दिवसीय देशव्यापी आंदोलन जारी है। रविवार को किसानों के गांव बंद आंदोलन का तीसरा दिन है।

आक्रोशित किसान आंदोलन को खत्म करके के मूड में नजर नहीं आ रहे है। किसान आंदोलन का असर दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों पर पड़ रहा है। किसानों के प्रदर्शन के कारण दिल्ली और इससे सटे राज्यों में दूध, सब्जियों और फलों के रेट बढ़ रहे हैं, जिससे सब्जी बेचनेवाले और खरीदनेवाले दोनों ही परेशान हैं।

फर्जी वीडियो वायरल करने के सात मामले दर्ज

किसान आंदोलने के दूसरे दि मध्य प्रदेश में नौ एफआइआर दर्ज की गई, जिनमें 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से पांच मामले सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो पोस्ट करने के हैं। तीन दिन में सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो वायरल करने के सात मामले दर्ज किए जा चुके हैं। उधर, बाजार में सब्जी और दूध की उपलब्धता बनी हुई है।

आइजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर के मुताबिक प्रदेश में शनिवार को कोई विशेष घटना नहीं हुई। कुछ स्थानों पर किसानों ने सब्जी और दूध सामग्री सड़क पर फेंकी। नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा में दूध--सब्जी फेंकी गई तो होशंगाबाद जिले के सोहागपुर में भी एक किसान ने दूध सड़क पर फेंकते हुए वीडियो बनाया और वायरल किया।

सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो वायरल करने के चार जिलों में मामले दर्ज किए गए हैं। आगर-मालवा में दो और धार, नीमच व रतलाम में एक-एक प्रकरण दर्ज किए गए, इनमें पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है। उधर, राजगढ़ में दूध फेंककर विरोध करने वाले चार किसानों को गिरफ्तार किया गया है।

बैतूल में भी चार लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है। किसानों ने की गांधीगीरी शनिवार को प्रदेशभर में शांति रही। सब्जियों और दूध की किल्लत की खबर नहीं है। मंडियों में आवक जरूर कम हुई है। किसानों ने पिछले साल की तरह दूध-सब्जियों को सड़कों पर फेंकने की जगह गांधीगीरी का रास्ता अपनाया है। कई जगह अस्पतालों में मरीजों को दूध बांटा।

कई राज्यों में व्यापक असर

सरकारी नीतियों के खिलाफ किसान एकता मंच और राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले शुरू हुए 'गांव बंद' आंदोलन का असर शनिवार को दूसरे दिन विभिन्न राज्यों में दिखना शुरू हो गया। राजधानी दिल्ली के आजादपुर मंडी में टमाटर की आवक में कमी आई है, जिससे दाम चार से पांच गुना बढ़ गए। वहीं दूसरे राज्यों में दूध व सब्जियों को बाजारों तक नहीं पहुंचने दिया गया।

राजस्थान के 13 जिलों में बिगड़े हालात

किसान आंदोलन का असर शनिवार को राजस्थान के करीब 13 जिलों में देखने को मिला। मंडियों में सब्जियों के नहीं आने और दूध की आपूर्ति बाधित होने से हालात बिगड़ने लगे हैं। सर्वाधिक प्रभाव पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर संभाग में है।

पंजाब में दोगुने दाम पर बिकीं सब्जियां, दूध भी महंगा

हड़ताल के दूसरे दिन (शनिवार) सब्जियों और दूध की किल्लत पेश आने लगी। सभी बड़े शहरों जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला व बठिंडा समेत सभी जिलों में सब्जियों व दूध के दाम में भारी उछाल आ गया है। शनिवार को सब्जियां दो से तीन गुना कीमत पर बिकी।

उत्तराखंड में सड़कों पर हजारों लीटर दूध बहाया

उत्तराखंड में भी आंदोलन का बहुत व्यापक असर हुआ है। बाजपुर में आंदोलन उग्र हो गया है। जगह-जगह दूध ले जा रहे वाहनों को रोककर सड़कों पर ही हजारों लीटर दूध बहा दिया गया।

हरियाणा में सड़क पर बहाया दूध, सब्जियां फेंकी

किसानों ने सड़कों पर दूध व सब्जियां फेंकने का सिलसिला जारी रखा। किसान दावा कर रहे है कि हड़ताल का व्यापक असर है, लेकिन शहर की सब्जी मंडियों में ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया।

ये हैं प्रमुख मांगें

कृृषि कर्ज माफ हों, ताकि खुदकुशी रुके। सभी फसलों का सही मूल्य मिले। न्यूनतम आय गारंटी योजना लागू हो। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू हो।

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