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आसियान के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
दक्षिण-पूर्व एशिया तथा अन्य एशियाई देशों में आर्थिक, सामाजिक, सैन्य, सामाजिक-सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 1967 में आसियान का गठन किया गया था। इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रूनेई, कम्बोडिया, लाओस, म्यांमार और वियनाम शामिल हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है।
नई दिल्ली: दक्षिण-पूर्व एशिया तथा अन्य एशियाई देशों में आर्थिक, सामाजिक, सैन्य, सामाजिक-सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 1967 में आसियान का गठन किया गया था। इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रूनेई, कम्बोडिया, लाओस, म्यांमार और वियनाम शामिल हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है।
शुरुआत में इस संगठन के इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर तथा थाईलैंड कुल पांच सदस्य थे। 1984 में ब्रुनेई, 1995 में वियतनाम, 1997 में लाओस तथा म्यांमार और 1999 में कंबोडिया आसियान के सदस्य देश बने। इस समय आसियान के कुल 10 सदस्य देश हैं।
भारत-आसियान सम्मेलन कल से, ‘लुक ईस्ट’ को ‘एक्ट ईस्ट’ करने पर जोर
इन 10 देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनामके नाम शामिल है। 1994 में आसियान ने एआरएफ बनाया। जिसे एशियन रीजनल फोरम (एआरएफ) कहते हैं। इसमें अमरीका, रूस, भारत, चीन, जापान और नॉर्थ कोरिया समेत 27 सदस्य हैं। इसका मकसद सिक्योरिटी को बढ़ावा देना था।
आसियान यूरोपीय संघ की भांति मजबूत तो नहीं है परंतु इसे आर्थिक सहयोग का संगठन कहा जा सकता है। मोटे तौर पर आसियान ‘सहयोग’ से कुछ अधिक परंतु ‘एकीकरण’ से कुछ कमतर संगठन है। आसियान के तीन मुख्य स्तंभ हैं आसियान राजनीतिक सुरक्षा समुदाय, आसियान आर्थिक समुदाय, आसियान सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय।
‘आसियान आर्थिक समुदाय’ के लिए 2007 में आसियान के 12वें शिखर सम्मेलन से 2015 तक विचार विमर्श के बाद इसके प्रति मजबूत प्रतिबद्धता के साथ ‘सेबू’ घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए। आसियान का 27वां शिखर सम्मेलन जो 18-20 नवंबर, 2015 को मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में आयोजित हुआ। इसमें आसियान सदस्य देशों ने एकीकृत आर्थिक समुदाय को 31 दिसंबर, 2015 तक अस्तित्व में लाने की घोषणा करते हुए इसकी औपचारिक स्थापना से संबंधित घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसी के साथ यह ‘आसियान (एकीकृत) आर्थिक समुदाय’ अपने अस्तित्व में आ गया।
गौरतलब है कि अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत ही मोदी सरकार ने आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स-आसियान) के 10 राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन दिल्ली में आयोजित किया है।