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लैंड डील केस: हरियाणा सरकार ने वाड्रा और पूर्व सीएम हुड्डा के खिलाफ जांच की दी मंजूरी
दस साल पुराने जमीन के एक मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें एक फिर से बढ़ गई है। राज्य सरकार ने हरियाणा में कथित लैंड डील घोटाले मामले में इन दोनों के खिलाफ जांच की परमिशन दे दी है। जिसके बाद से अब पुलिस इन दोनों से किसी भी समय पूछताछ कर सकती है।
गुरुग्राम : दस साल पुराने जमीन के एक मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें एक फिर से बढ़ गई है। राज्य सरकार ने हरियाणा में कथित लैंड डील घोटाले मामले में इन दोनों के खिलाफ जांच की परमिशन दे दी है। जिसके बाद से अब पुलिस इन दोनों से किसी भी समय पूछताछ कर सकती है। वहीं हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा ने इस पूरे मामले को अपने खिलाफ विरोधियों की साजिश बताया है।
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हुड्डा ने कहा अपने खिलाफ जांच को मंजूरी पर कहा, 'यह सरकार की तरफ से दर्ज कराई गई एक निजी शिकायत पर आधारित है, इसमें कुछ भी नहीं है। यह बदनाम करने और राजनीतिक हित साधने की कोशिश है।'
मालूम हो कि गुरुग्राम में 2008 में कथित तौर पर जमीन हथियाने के मामले में इस साल 1 सितंबर को वाड्रा और हुड्डा के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट और आईपीसी की विभिन्ना धाराओं के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हुई थी। एफआईआर में डीएलएफ गुरुग्राम और ओंकारेश्वर पॉपर्टीज ग्रुरुग्राम का भी नाम है। एफआईआर के मुताबिक वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम में कथित तौर पर जमीन खरीदकर उसे बहुत ऊंचे दामों पर बेचा था।
ये है पूरा है मामला
यह एफआईआर सुरेंद्र शर्मा नाम के शख्स ने दर्ज करवाई है। पुलिस को दी शिकायत में सुरेंद्र शर्मा ने बताया है कि 2007 में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी ने गुरुग्राम में शिकोहपुर गांव में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के जरिए साढ़े 3 एकड़ जमीन औने-पौने रेट में खरीदी। इस कंपनी के डायरेक्टर रॉबर्ट वाड्रा हैं। आरोप है कि उस दौरान हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नियम ताक पर रखते हुए इस जमीन को कर्मशल बना दिया।
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इसके बाद डीएलएफ ने स्काई लाइट कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाते हुए इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में खरीद लिया। पुलिस के अनुसार, स्काई लाइट कंपनी ने जब रजिस्ट्री करवाई, उस समय इस कंपनी की वर्थ एक लाख रुपये थी और इस कंपनी के अकांउंट में पैसे भी नहीं थे।
रजिस्ट्री के दौरान जो चेक लगाए गए, वह भी कहीं पर कैश नहीं हुए। हुड्डा पर यह भी आरोप है कि वजीराबाद गांव में 350 एकड़ जमीन डीएलएफ कंपनी को गलत तरीके से अलॉट कर उसे करीब 5 हजार करोड़ का फायदा पहुंचाया।
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