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New Medical Device Policy: बीते वित्त वर्ष 2022–2023 में भारत चीन से चिकित्सा उपकरणों का आयात 152 प्रतिशत तक बढ़ा है।
New Medical Device Policy: पिछले महीने मार्च में वित्त वर्ष 2022-23 की समाप्ति हुई। इसके शुरुआती नौ महीनों में भारत द्वारा चिकित्सक उपकरणों (Medical Devices) का निर्यात 17 प्रतिशत तक बढ़ा है। इसी समय में इन डिवाइसेज के खरीद में भी लगभग 8 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ ( एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाई इंडस्ट्री AIMDE) ने इसके संबंध में नए आंकड़े जारी किए है।
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चीन से 30 मेडीकल डिवाइसेज का खरीद 25 से 152 प्रतिशत तक बढ़ा है। एसोसिएशन ने मार्च में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को इस बारे में पत्र के माध्यम से बताया था। AIMDE मेडिकल डिवाइसेज बनाने वाला संगठन है। बीते वित्त वर्ष 2022 में चीन से आयात सालाना आधार पर 48 प्रतिशत बढ़कर 12,979 करोड़ रुपये रहा है। चीन से भारत मुख्य रूप से उपभोग्य (कंज्यूमबल्स), टेस्टिंग किट जैसे सामानों को खरीदता है। हालांकि, जारी आंकड़ों के अनुसार देश से चिकित्सा उपकरणों का निर्यात भी काफी हद तक बढ़ा है।
वित्त वर्ष 2022 से स्थिति में निर्यात में भी सुधार
वित्त वर्ष 2022 में अप्रैल-दिसंबर के समय में चिकित्सा उपकरणों का निर्यात बढ़कर 20,511 करोड़ रुपये हो गया था। जो वित्त वर्ष 2022 के शुरुआती महीनों में 17,557 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2022 के दौरान निर्यात भी 21 प्रतिशत बढ़कर 19,803 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022 में आयात भी 41 प्रतिशत बढ़कर 63,000 करोड़ रुपये हो गया था।
न्यू मेडिकल डिवाइस पॉलिसी
बुधवार को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति (मेडिकल डिवाइसेज पॉलिसी), 2023 की घोषणा की गई। इस पॉलिसी का मोटिव रिसर्च के साथ मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। खरीद पर कम डिपेंड होना और खुद के मेक इन इंडिया अभियान के साथ देश को स्वावलंबी बनाना है। इससे सेक्टर के लिए इकोसिस्टम विकसित करने में मदद मिलेगी।
मेडिकल पॉलिसी भारत को बनाएगी स्वावलंबी
हिंदुस्तान सिरिंजेज ऐंड मेडिकल डिवाइसेस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राजीव नाथ ने कहा कि इसी नीति की वजह से ही भारत दुनिया में चिकित्सा उपकरणों का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है। जून 2014 में प्रारंभिक मसौदा नीति आने के बाद इस नीति की लंबे समय से प्रतीक्षा थी। हिंदुस्तान सिरिंजेज ऐंड मेडिकल डिवाइसेज दुनिया में सिरिंज बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। नाथ AIMDE के कन्वेनर भी हैं। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद की जानी चाहिए कि इस नीति में निहित प्रावधानों से कारोबारी एवं आयातक चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में निवेश शुरू करना एवं संयंत्र लगाना शुरू कर देंगे। इससे इन उपकरणों के लिए देश की निर्भरता खरीद पर 70-80 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नई नीति से निवेशकों को इन्वेस्ट करने में प्रोत्साहन मिलेगा। क्षय रोग (टीबी) की जांच के लिए किट बनाने वाली कंपनी ईएमपीई डायग्नॉस्टिक्स के वैश्विक मुख्य कार्याधिकारी राघवेंद्र गौड़ वग्गु ने कहा कि न्यू मेडिकल डिवाइस पॉलिसी से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं मशीन लर्निंग के साथ आधुनिक तकनीक लाने में मदद मिलेगी।