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Delhi News: दस साल घट गई दिल्ली वालों की उम्र, पर्यावरण की बर्बादी पर गडकरी ने जताई चिंता
Delhi News: दिल्ली वालों की जिंदगी ही घटती जा रही है। वजह है वहां की जहरीली आबो हवा। देश की राजधानी का ये हाल है कि जहरीली हवा में सांस लेते लोगों की उम्र दस साल कम हुई जा रही है।
nitin gadkari (Social media)
Nitin Gadkari News : दिल्ली वालों की जिंदगी ही घटती जा रही है। वजह है वहां की जहरीली आबो हवा। देश की राजधानी का ये हाल है कि जहरीली हवा में सांस लेते लोगों की उम्र दस साल कम हुई जा रही है।अब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इन हालातों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक है कि यहां तीन दिन बिताने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। गडकरी ने दिल्ली और मुंबई को "रेड जोन" बताते हुए आने वाले समय में वायु और जल प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
दिल्ली का प्रदूषण भयावह है
एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, "दिल्ली का प्रदूषण भयावह है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, यहां तीन दिन रहने से कोई न कोई संक्रमण होना तय है। यह प्रदूषण दिल्लीवासियों की औसत आयु को दस साल तक कम कर रहा है।" गडकरी ने दुख जताते हुए कहा कि भारतीय समाज में नैतिकता, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण जैसे मूल्यों को अहमियत दी जाती है, लेकिन पर्यावरण के मुद्दे को अपेक्षित गंभीरता नहीं मिली है।
गडकरी ने प्रदूषण नियंत्रण और रसद लागत में कमी के लिए सड़क विकास को एक महत्वपूर्ण रणनीति बताया। उन्होंने पेट्रोल डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन के आयात पर देश की भारी निर्भरता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सालाना लगभग 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन इम्पोर्ट करता है, और यही ईंधन प्रदूषण बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान देते हैं। उन्होंने कहा - "मैं वैकल्पिक ईंधन का योद्धा बनकर समर्थन कर रहा हूं। मैं 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन आयात को बचाना चाहता हूं और किसानों की जेब में 10-12 लाख करोड़ रुपये डालना चाहता हूं।"
इथेनॉल शक्कर बनाने में निकाला जाने वाला बाईप्रोडक्ट है
गडकरी का इशारा इथेनॉल की तरफ था जिसे पेट्रोल में मिक्स किया जाता है। भारत में ये 20 फीसदी तक मिलाया जा रहा है। इथेनॉल शक्कर बनाने में निकाला जाने वाला बाईप्रोडक्ट है। भारत के 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर देते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार रसद लागत को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो वर्तमान में 14-16 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि चीन की रसद लागत 8 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ की 12 प्रतिशत है। भारत इसे एकल अंक में लाने का प्रयास कर रहा है, और अगले साल जनवरी तक यह घटकर 9 प्रतिशत हो जाएगी।
नए रोड प्रोजेक्ट
गडकरी ने बताया कि मुंबई में अटल सेतु के पास जेएनपीटी से पुणे बाईपास तक एक सीधी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। यह मौजूदा मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से तीन गुना चौड़ा होगा और पुणे-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ेगा, जिससे मुंबई-बेंगलुरु की यात्रा का समय घटकर पांच घंटे रह जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे के चलते, मुंबई में नरीमन पॉइंट से दिल्ली तक की यात्रा अब लगभग 12 घंटे में पूरी की जा सकेगी। गडकरी ने कहा कि बेंगलुरु और चेन्नई के बीच एक नई सड़क परियोजना भी अगले तीन महीनों में पूरी हो जाएगी, जिससे यात्रा का समय सात घंटे से घटकर दो घंटे रह जाएगा।
गडकरी ने यह भी बताया कि दिल्ली में 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण कार्य चल रहे हैं और 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।