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पुराने नोट खपाने का एक रास्ता ये भी है, क्या जानते हैं आप?

उत्तर प्रदेश की राजधानी सहित देशभर में बड़ी तादाद में विदेशी नोट पकड़े जा रहे हैं। विदेशी नोटों का जखीरा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। सवाल यह है कि जब लोगों को पता है कि पुराने नोट रखना या चलाना अपराध है देश में इनकी कीमत जीरो है फिर

tiwarishalini
Published on: 19 Jan 2018 4:23 PM IST
पुराने नोट खपाने का एक रास्ता ये भी है, क्या जानते हैं आप?
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी सहित देशभर में बड़ी तादाद में प्रतिबंधित नोट पकड़े जा रहे हैं। विदेशी नोटों का जखीरा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। सवाल यह है कि जब लोगों को पता है कि पुराने नोट रखना या चलाना अपराध है देश में इनकी कीमत जीरो है फिर ये पुराने नोट कौन बदलने के लिए ले रहा है और वह कहां से इनको बदलवा रहा है। यह सबसे बड़ा सवाल है जिससे पुलिस व प्रशासन भी हैरान है।

कानपुर में 96 करोड़, मेरठ में 25 करोड़, दिल्ली में 16 करोड़, गुजरात में 50 करोड़, गाजियाबाद के कौशाम्बी में में 15.30 लाख, अलीगढ़ में 50 लाख, इलाहाबाद से 60 लाख, मथुरा में कई लाख के नोट, इसके अलावा जम्मू कश्मीर में लाखों के नोट बरामद हो चुके हैं। और यह सिलसिला जारी है जो कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। आखिर कौन है जो इन नोटों को धड़ल्ले से बदलकर कालाधन चलन से बाहर करने की सारी कोशिशों पर पानी फेर रहा है।

सूत्रों का कहना है कि नेपाल से अभी तक भारतीय करेंसी को लौटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है जिसके चलते नेपाल में धड़ल्ले से भारत में प्रतिबंधित किये जा चुके नोट चल रहे हैं। कारण यह है कि नेपाल के बैंकों और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक पुरानी भारतीय करेंसी को बदलने के बारे में कोई फैसला लिया ही नहीं है।

इसी के चलते नेपाल के कसीनो में धड़ल्ले से पुरानी भारतीय मुद्रा चल रही है। बस इसके लिए कसीनो में दांव लगाने के लिए नेपाली करेंसी के टोकन खरीदने होते हैं जिसके बदले में एक हजार का पुराना नोट देने पर 800 नेपाली नोट मिल जाते हैं जबकि पांच सौ का पुराना नोट देने पर चार सौ नेपाली नोट मिलते हैं।

अब बिचौलिये व दलाल इसी सुविधा का लाभ उठा रहे हैं और भारतीयों की ब्लैक मनी को व्हाइट करते जा रहे हैं। जब भारत नेपाल से भारतीय करेंसी वापस लेगा उस समय ये कसीनो मालिक भी अपनी करेंसी बदल लेंगे। अब इस मामले में भारत की ओर से जबतक कोई दिशा निर्देश जारी नहीं होते तब तक चांदी है।

इस संबंध में जब आईजी लोक शिकायत विजय सिंह मीणा से जानकारी मांगी गई तो उनका कहना था कि कानपुर में जो लोग नोटों के जखीरे के साथ पकड़े गए थे उनसे यह पता चला है कि उन्हें दिल्ली में किसी को यह सप्लाई देनी थी। अभी पुलिस छानबीन कर रही है और इसके पीछे के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।

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