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Operation Sindoor Trademark: 'ऑपरेशन सिंदूर' को ट्रेडमार्क कराने की मची होड़
Operation Sindoor Trademark: इन कंपनियों ने ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्री के समक्ष आवेदन दायर किया है, जिसमें 'ऑपरेशन सिंदूर' को वर्क मार्क के रूप में रजिस्टर करने की मांग की गई है।
Operation Sindoor Trademark
Operation Sindoor Trademark: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले करने के एक दिन बाद, कई कम्पनियाँ उस नाम को ट्रेडमार्क करने की दौड़ में जुट गईं हैं। इनमें मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज भी शामिल है। इन कंपनियों ने ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्री के समक्ष आवेदन दायर किया है, जिसमें 'ऑपरेशन सिंदूर' को वर्क मार्क के रूप में रजिस्टर करने की मांग की गई है।
भारतीय सैन्य अभियान की घोषणा के कुछ ही घंटों बादरिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सबसे पहले “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए ट्रेडमार्क आवेदन दाखिल किया। अगले 24 घंटों के भीतर तीन और आवेदक आए और सभी ने क्लास 41 के तहत विशेष अधिकार मांगे, जिसमें मनोरंजन, शिक्षा, सांस्कृतिक और मीडिया सेवाएँ शामिल हैं।
7 मई, 2025 को सुबह 10:42 बजे से शाम 6:27 बजे के बीच चार आवेदन प्रस्तुत किए गए ये आवेदन रिलायंस, मुंबई निवासी मुकेश चेतराम अग्रवाल, रिटायर्ड भारतीय वायु सेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबर और दिल्ली स्थित वकील आलोक कोठारी द्वारा किए गए थे। प्रत्येक आवेदन में ऑपरेशन सिन्दूर वाक्यांश को “प्रस्तावित उपयोग” के रूप में चिह्नित किया गया है, जो इसे वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की योजना को दर्शाता है।
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ नाम की शक्तिशाली भावनात्मक और देशभक्तिपूर्ण प्रतिध्वनि ने इसे फिल्मों, मीडिया और अन्य सार्वजनिक उपयोग के लिए एक लोकप्रिय शब्द बना दिया है।
सभी चार आवेदकों ने नाइस वर्गीकरण के वर्ग 41 के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, जिसमें शामिल हैं:
शिक्षा और प्रशिक्षण सेवाएँ, फिल्म और मीडिया उत्पादन, लाइव प्रदर्शन और कार्यक्रम, डिजिटल सामग्री वितरण और प्रकाशन, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियाँ।
इस श्रेणी का उपयोग अक्सर ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म, प्रोडक्शन हाउस, ब्रॉडकास्टर और इवेंट कंपनियों द्वारा किया जाता है। इससे लगता है कि "ऑपरेशन सिंदूर" जल्द ही एक फिल्म शीर्षक, वेब सीरीज़ या डॉक्यूमेंट्री ब्रांड बन सकता है।
भारत और पाकिस्तान के एनएसए एक-दूसरे के संपर्क में
नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान की सेनाएं जहाँ आमने-सामने की स्थिति में हैं वहीं, स्थिति को डिफ्यूज करने के लिए कूटनीतिक चैनल भी खुले हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक, अपने अपने देशों के उच्चायोगों के माध्यम से संपर्क में हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद में भारतीय प्रभारी गीतिका श्रीवास्तव इस्लामाबाद में प्रमुख वार्ताकारों के संपर्क में हैं। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय हमलों पर विरोध जताने के लिए 7 अप्रैल को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने उन्हें तलब किया था। एक शीर्ष भारतीय अधिकारी ने बताया कि, "संपर्क में होने का मतलब बातचीत करना नहीं है।"
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ स्थानों पर हमलों के बाद भारतीय टुकड़ियाँ सुरक्षा के उच्च स्तर पर हैं और पाकिस्तान की किसी भी अग्रिम कार्रवाई के लिए तैयार हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान ने हाल ही में लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक, जो आईएसआई के महानिदेशक हैं, को एनएसए के रूप में नामित किया है। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है कि दोनों एनएसए संपर्क में हैं। टीआरटी वर्ल्ड को दिए गए साक्षात्कार में डार से पूछा गया कि क्या रात भर की कार्रवाई के बाद एनएसए ने बात की थी, जिस पर उन्होंने कहा: "हां, दोनों के बीच संपर्क हुआ है।"
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