TRENDING TAGS :
Operation Sindoor Update: पाकिस्तान का छिपा हुआ आतंकी अड्डा बहावलपुर, जहां ताबड़तोड़ हुई बमबारी
Operation Sindoor Update: पाकिस्तान के लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बहावलपुर शहर जहाँ आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कई ठिकानों को भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर के तहत ख़त्म कर दिया है।
Operation Sindoor Update Today Indian Army Air Strike Pakistan Bahawalpur
Operation Sindoor Update: पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब में स्थित बहावलपुर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही कुख्यात है आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से इसके संबंधों के कारण।
इतिहास और भूगोल
बहावलपुर पाकिस्तान का बारहवां सबसे बड़ा शहर है, जो लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह कभी बहावलपुर नामक रियासत की राजधानी था, जहां नवाबों का शासन था। 1955 में यह पाकिस्तान में विलीन हो गया। यह शहर अपनी भव्य इमारतों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें 1875 में निर्मित नूर महल, दरबार महल और गुलजार महल जैसी ऐतिहासिक इमारतें शामिल हैं।
यह क्षेत्र कृषि के लिहाज से बहुत उपजाऊ है और कपास, गन्ना तथा गेहूं की पैदावार के लिए जाना जाता है। बहावलपुर पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यहां इस्लामिया यूनिवर्सिटी ऑफ बहावलपुर जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थान भी स्थित हैं और यह पूरे क्षेत्र के लिए एक व्यावसायिक केंद्र के रूप में कार्य करता है।
रणनीतिक महत्व
यह शहर पाकिस्तान सेना के एक बड़े छावनी क्षेत्र का घर है, जहां 31वीं कोर का मुख्यालय स्थित है और लगभग 30,000 सैनिक तैनात रहते हैं। कुछ असत्यापित रिपोर्टों के अनुसार, इस क्षेत्र में एक गुप्त परमाणु सुविधा भी है, जिसे एक परमाणु ऑन्कोलॉजी संस्थान के रूप में छिपाया गया है, जिससे इसकी रणनीतिक अहमियत और बढ़ जाती है।
जैश-ए-मोहम्मद से संबंध
बहावलपुर को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का प्रमुख संचालनालय माना जाता है। यह संगठन संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठन है, जो भारत में 2001 के संसद हमले और 2019 के पुलवामा हमले सहित कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है।
बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय जामिया मस्जिद “सुब्हान अल्लाह” परिसर में स्थित है, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस या “मरकज़ सुब्हान अल्लाह” के नाम से भी जाना जाता है। यह परिसर बहावलपुर के बाहरी इलाके में नेशनल हाईवे-5 पर स्थित है और पाकिस्तान सेना के 31वीं कोर मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर है।
यह परिसर एक धार्मिक मदरसे और मस्जिद के रूप में प्रच्छन्न है, लेकिन वास्तव में यह जैश का संचालन और वैचारिक नियंत्रण केंद्र है। यह लगभग 18 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें एक केंद्रीय मस्जिद, 600 से अधिक छात्रों वाला मदरसा, जिम, स्विमिंग पूल और घुड़सवारी के अस्तबल शामिल हैं, जिनका प्रयोग आतंकियों के प्रशिक्षण में किया जाता है।
2018 से 2025 के बीच की सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि इस परिसर का लगातार विस्तार हो रहा है—नई इमारतें, गार्ड पोस्ट और कड़े सुरक्षा उपाय जो इसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाते हैं। इस परिसर की सुरक्षा बहुत सख्त है, जिसमें जैश के सशस्त्र आतंकी और कभी-कभी पंजाब पुलिस के सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहते हैं।
यह मुख्यालय विशेष रूप से जैश के नए सदस्यों की भर्ती, फंडिंग और वैचारिक ब्रेनवॉश के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह जैश की “प्रवेश द्वार” के रूप में कार्य करता है, जहां से प्रशिक्षुओं को खैबर पख्तूनख्वा या पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के प्रशिक्षण शिविरों में भेजा जाता है।
यहां नियमित रूप से बैठकें और भाषण आयोजित होते हैं, जिनमें संगठन के वरिष्ठ नेता जैसे मौलाना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ असगर और प्रचार प्रमुख तल्हा अल-सैफ शामिल होते हैं।
मसूद अजहर
मौलाना मसूद अजहर, जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक, जिसे 2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था, का जन्म 1968 में बहावलपुर में हुआ था। माना जाता है कि वह आज भी इसी शहर में एक अत्यधिक सुरक्षित परिसर में रहता है। गुर्दे की बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद मसूद अजहर आज भी प्रभावशाली है और जब वह प्रतीकात्मक हाउस अरेस्ट में नहीं होता, तो उपदेश देता रहता है। संगठन की गतिविधियों की निगरानी उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर करते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान बहावलपुर स्थित जैश मुख्यालय को निशाना बनाया गया। जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह परिसर इस अभियान का प्रमुख लक्ष्य था और रिपोर्टों के अनुसार यहां मिसाइल हमले किए गए, जिससे परिसर को नुकसान पहुंचा। पाकिस्तानी मीडिया ने बहावलपुर में हमलों की पुष्टि की, और स्थानीय सूत्रों ने हताहतों की सूचना दी है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge