TRENDING TAGS :
PHDCCI ने कहा- आरबीआई के लिए ब्याज दरें घटाने का सही मौका
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए यह सही मौका है जब वह प्रमुख ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, ताकि उत्पादन और निवेश को बढ़ावा मिले, जहां मंदी छाई है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए यह सही मौका है जब वह प्रमुख ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, ताकि उत्पादन और निवेश को बढ़ावा मिले, जहां मंदी छाई है। एक उद्योग संगठन ने शनिवार को यह बातें कही।
पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष गोपाल जिवराजका ने कहा, "मुद्रास्फीति की दर में पर्याप्त गिरावट आई है, लेकिन रेपो रेट अभी तक उच्च स्तर पर है, जिससे उद्योग और उत्पादन क्षेत्र की चमक कम पड़ रही है।"
यह भी पढ़ें ... खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से थोक महंगाई दर में गिरावट….अच्छे दिन!
उन्होंने कहा, "इसलिए इस मोड़ पर दरों में कटौती करना बेहद जरूरी है, ताकि औद्योगिक क्षेत्र का विकास हो और उत्पादन क्षेत्र और प्रतिस्पर्धी बने।"
उन्होंने कहा, "अब सारे कारक ब्याज दरों में कटौती के अनुरूप है। मॉनसून में बारिश अच्छी हो रही है, मुद्रास्फीति काबू में है और जीएसटी को भी लागू किया जा चुका है। हमें उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट में कम से कम 25 आधार अंकों की कटौती करेगी।"
और क्या कहा जिवराजका ने ?
जिवराजका ने कहा कि आरबीआई ने साल 2016 के अक्टूबर में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की थी। उद्योग जगत इससे पहले भी कई बार दरें कम करने की मांग करता रहा है।
यह भी पढ़ें ... काम की खबर! जीएसटी पंजीकरण 30 जुलाई को होगा बंद, बाद में पड़ेगा जुर्माना
पहले नोटबंदी के समय, फिर वित्त वर्ष 2017-18 के बजट के दौरान और तीसरी बार जुलाई में बेहतर मॉनसून को देखते हुए उद्योग की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की मांग की गई थी।
यह भी पढ़ें ... GOOD NEWS: SBI ने NEFT और RTGS शुल्क 75 फीसदी तक घटाया
उन्होंने कहा, "हम खुदरा मुद्रास्फीति में कमी लाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं। साल 2016 के जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.1 फीसदी थी, जो साल 2017 के जून में घटकर 1.5 फीसदी रह गई।"
--आईएएनएस