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गुजरात में अपने 67 वें जन्मदिन पर चुनाव अभियान का बिगुल बजाएंगे मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी आगामी 17 सितबंर को अपने 67 वें जन्म दिन के मौके पर गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों के प्रचार का श्रीगणेश करेंगें।

tiwarishalini
Published on: 11 Sept 2017 11:14 AM IST
गुजरात में अपने 67 वें जन्मदिन पर चुनाव अभियान का बिगुल बजाएंगे मोदी
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गुजरात में अपने 67 वें जन्मदिन पर चुनाव अभियान की बिगुल बजाएंगे मोदी

उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी आगामी 17 सितबंर को अपने 67 वें जन्म दिन के मौके पर गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों के प्रचार का श्रीगणेश करेंगें। वे पूर्व सीएम दिवंगत चिमन भाई पटेल के गढ माने जाने वाले बडोदरा के निकट डबोई से नर्मदा से जुड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास करने वाले हैं। बता दें, कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव इस माह के अंत में होने हैं। ऐसे आसार हैं कि आगामी अक्टूबर तक निर्वाचन आयोग वहां की 182 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर देगा।

मोदी लेंगे हवा का जायजा

मोदी कम से कम दो तीन दिन गुजरात में डेरा जमाएंगे और पार्टी की छठी बार सरकार बनाने के लिए चुनावी तैयारियों का भी जायजा लेंगे। करीब 12 साल तक गुजरात का सीएम रहने के बाद पीएम बने मोदी के लिए गुुजरात का चुनाव जीतना इस बार 2019 के आम चुनावों के पहले प्रतिष्ठा का बड़ा सवाल है। अपने 67 वें जन्म दिन को गुजराती जनता व बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच मनाने का मोदी का फैसला कई मायनों में अहम माना जा रहा है। बता दें कि नर्मदा बांध की उंचाई 138.68 मीटर उंचा उठाने के बाद इससे कई क्षेत्रो में कई नई परियोजनाओं का शिल्यानाश होना है।

शाह-रूपानी के दौरे बेअसर

गुजरात में मोदी के पहले अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री के दौरे हो भी हुए हैं लेकिन लोगों केा असली इंतजार मोदी की अगले सप्ताह की यात्रा का है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि असली माहौल मोदी के आने के बाद ही बनेगा क्योंकि उनकी तुलना राज्य में सरदार पटेल के बाद दूसरे नंबर के नेता के तौर पर हो रही है जो गुजरात की माटी से देश की राजनीति के शिखर पर पहुंचे हैं।

राहुल का कार्यक्रम 21 को

गुजरात विधानसभा चुनाव इस बार बीजेपी और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। पिछले माह गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में भारी संघर्ष के बाद कांग्रेस के अहमद पटेल केा बमुश्किल जीत नसीब हो पायी। कांग्रेस ने इस माह के शुरू में एनसीपी से आने वाले सैकड़ों लोगों को राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल करा लिया। लेकिन माना जा रहा है कि अभी कांग्रेस के लिए जीत की राह उतनी आसान नहीं है। अहमद पटेल जरूर कुछ सक्रिय हुए हुए हैं, लेकिन बीजेपी की चुनावी मशीनरी के मुकाबले कांग्रेस कई बुनियादी कमजोरियां अभी भी साफ दिख रही हैं। कांग्रेस में अभी भी गुटों की आपसी खींचातानी खत्म नहीं हुई हैै। प्रदेश के एक प्रमुख कांग्रेस नेता की सीडी की अभी चुनाव के पहले कांग्रेस के रणनीतिकारों की गले की फांस बनी हुई है। हालांकि नलिया सैक्सकांड में भी दर्जनों भाजपा नेताओं की कलई सील खुलने की आशंका से राज्य में तूफान के पहलेे की शांति दिख रही है।

वाघेला का जन विकल्प यानी तीसरा कोण

दो महीने पहले पूर्व कांग्रेस का दामन छोड़कर जन विकल्प नाम से नया मोर्चा बना चुके शंकर ंिसंह वाघेला पर कांग्रेस व भाजपा की नजरें गड़ी हुई हैं। वाघेला हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस को अधिकतम नुकसान पहुंचाने की उधेड़बुन में हैं। अहमदाबाद से लेकर सुरेंद्र नगर और बाकी शहरों में उनके बड़े- बडे़ होर्डिंग बयान कर रहे हैं कि वाघेला इस बार महाबलि की हैसियत सेे मैदान में आ रहे हैं। उनका निशाना कांग्रेस है इसलिए बीजेपी को लगता है कि उन्हाने कम से कम 50 सीटों पर भी कांग्रेस के वोट काटे तो इससे भाजपा की राह आसान हो जाएगी। तय है कि वाघेला एनसीपी की नाव में सवार होंगे ऐसी चर्चा है लेकिन एनसीपी में विभाजन होने के बाद वाघेला की ताकत का अंदाजा लगाना अभी जल्दबाजी होगी। हालांकि एनसीपी नेता प्रफुल पटेल की राज्यसभा चुनावों में भाजपा का साथ देनेे के कारण काफी छिछालेदर होकर वे अलग- थलग पड़े हुए हैं।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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