TRENDING TAGS :
जनता ने महंगा पेट्रोल खरीदा, लेकिन घर भरा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का
नई दिल्ली: सस्ता तेल खरीदकर महंगा बेचने से सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही में बढ़कर दोगुने से अधिक हो गया है। गत वित्त वर्ष की समान तिमाही में सितंबर के अंत में कंपनी को 3,994.91 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। जबकि इस वर्ष 97.33 प्रतिशत बढक़र 7,883.22 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
कंपनी ने हर शेयर पर एक बोनस शेयर तथा 190 प्रतिशत अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की है। इंडियन ऑयल के निदेशक मंडल की मंगलवार को यहां हुई बैठक में तिमाही परिणामों के साथ बोनस शेयर जारी करने और अंतरिम लाभांश के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। तिमाही नतीजे के अनुसार कंपनी की कुल आमदनी 1,32,218.54 करोड़ रुपए हुई है, जबकि गत वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 1,16,437.83 करोड़ रुपए था।
कंपनी के इस मुनाफे में पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस तथा विमान ईधन की कीमतों में बढ़ोतरी ने मुख्य भूमिका अदा की है। गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2016 को समाप्त तिमाही में कंपनी को 1,11,197.66 करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी। यह 31 दिसंबर 2017 को समाप्त तिमाही में बढक़र 1,26,978.41 करोड़ रुपए हो गई है। इसके अलावा पेट्रोकेमिकल तथा अन्य कारोबारों से प्राप्त राजस्व में कमी आई है। इस दौरान कंपनी का कुल खर्च 1,10,247.10 करोड़ रुपए से बढक़र 1,19,966.35 करोड़ रुपए हो गया।
यहां पर समझने वाली बात यह है कि लोग पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। सरकारी तेल कंपनियां मुनाफा बढ़ा रही हैं। और इसमें सरकारी कंपनियां भी शामिल हैं। नजीर है, सरकार की सबसे बड़ी तेल कंपनी आईओसी जिसने दोगुना मुनाफा कमाया है।
गौरतलब यह भी है, कि जिस कंपनी का मुनाफा 2016 की दिसंबर तिमाही में 3994.91 करोड़ रु. था। वह अचानक से 97 फीसद बढ़कर 7883.22 करोड़ रुपए हो गया है। जो इस बात का सबूत है कि कंपनी ने इंटरनेशनल मार्केट से कच्चा तेल (क्रूड ऑयल) तो सस्ते में खरीदा, लेकिन पेट्रोल-डीजल महंगे दामों पर बेचती रही। इससे कंपनी का मुनाफा बढ़ता गया।
पिछले चार साल में पेट्रोल सबसे ज्यादा महंगा हुआ
यहां यह बात भी ध्यान देने की है कि पिछले चार साल में पेट्रोल सबसे ज्यादा महंगा हुआ है। डीजल की कीमत भी अब तक का रिकार्ड तोड़े हुए है। इसको इस तरह से समझा जा सकता है कि कंपनी ने पेट्रोल और डीजल डीलर को बेचा 34.33 रुपए व 36.71 रुपए में। इस पर एक्साइज ड्यूटी लगी क्रमशः 19.48 रुपए व 15.33 रुपए। अब इसमें डीलर का मार्जिन आया क्रमशः 3.61 रुपए व 2.53 रुपए। इस पर वैट लगभग 15.50 व 9.43 रुपए लगा। और पेट्रोल डीजल आम आदमी को 72.92 और 64 रुपए में मिला।
क्या है इन्वेंट्री का गणित?
इंडियन ऑयल के मुनाफे का बड़ा हिस्सा यानी 80 फीसदी इन्वेंट्री गेन बताया जा रहा है। इसको ऐसे समझा जा सकता है कि कंपनी ने क्रूड ऑयल तय रेट पर खरीदा। लेकिन प्रोसेसिंग के बाद जब बेचने गई तो क्रूड महंगा हो गया। इससे डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ गए और कंपनी बम्पर फायदे में आ गई।