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रतलाम में जानवरों की तरह बेड़ियों में जकड़े मिले 40 मानसिक रोगी, पुलिस बनी भगवान

Rishi
Published on: 25 Jun 2017 5:45 PM IST
रतलाम में जानवरों की तरह बेड़ियों में जकड़े मिले 40 मानसिक रोगी, पुलिस बनी भगवान
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रतलाम : मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में पुलिस ने बेड़ियों-जंजीरों में जकड़े 40 ऐसे मनोरोगियों को मुक्त कराने में सफलता पाई है, जिन्हें परिजनों ने इलाज की खातिर विभिन्न होटलों और लॉज के संचालकों के भरोसे छोड़ रखा था। इस मामले में एक होटल संचालक को गिरफ्तार किया गया। जावरा क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने रविवार को बताया कि यहां एक धार्मिक स्थल हुसैन टेकरी है। मान्यता है कि यहां आने पर मानसिक रोगी ठीक हो जाता है। यहां उसे कई दिनों तक लोबान सुंघाया जाता है।

शुक्ला के मुताबिक, रोगी के परिजनों को कई दिनों तक यहां रुकना होता है, व्यस्तता के चलते कई लोग अपने रोगी को होटल या लॉज वाले के हवाले छोड़ जाते हैं, जिसके एवज में उन्हें (परिजनों) आठ से 10 हजार रुपये प्रतिमाह अदा करने होते हैं। होटल वाले की जवाबदारी होती है कि वह नियमित रूप से रोगी को हुसैन टेकरी ले जाकर लोबान की गंध सुंघवाए।

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उनके पास एक शिकायत आई थी कि होटल व लॉज संचालक परिजनों द्वारा छोड़े गए रोगियों को बेड़ियों और जंजीरों से बांधे रखते हैं और उसी हालत में हुसैन टेकरी ले जाते हैं। इसी आधार पर रविवार को 40 मनोरोगियों को जंजीरों से मुक्त कराया गया।

शुक्ला को रोगियों के परिजनों ने बताया कि वे समयाभाव के चलते अपने रोगी को होटल या लॉज में इसलिए छोड़ जाते हैं, क्योंकि उनके लिए कई दिन तक रुकना संभव नहीं होता। इसके एवज में पैसे भी देते हैं, मगर रोगियों के साथ यहां अमानवीय कृत्य किया जा रहा है, इसलिए उन्होंने पुलिस से शिकायत की।

इस मामले के सामने आने पर पुलिस अधीक्षक ने निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी मनोरोगी को जंजीर से बांधकर न तो होटल में रखा जाए और न ही इस हाल में हुसैन टेकरी ले जाया जाए।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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