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सोनिया गांधी के साथ ये क्या हो गया! शिमला में अचानक हुआ कुछ ऐसा...कांग्रेस में मचा हड़कंप

Sonia Gandhi admitted IGMC: सोनिया गांधी हाल ही में कुछ दिनों के विश्राम के लिए शिमला आई थीं। राजधानी दिल्ली की गर्मी से दूर, पहाड़ी सुकून की तलाश में आईं सोनिया को शायद अंदाज़ा नहीं था कि उनकी यह यात्रा डॉक्टरों के बीच जांच और निगरानी में बदल जाएगी।

Harsh Srivastava
Published on: 7 Jun 2025 7:25 PM IST
Sonia Gandhi admitted IGMC
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Sonia Gandhi admitted IGMC

Sonia Gandhi admitted IGMC: जब हिमाचल की वादियों में राजनीतिक सन्नाटा पसरता है, तो समझ लीजिए कोई बड़ी हलचल होने वाली है। शुक्रवार की दोपहर शिमला के ठंडे माहौल में अचानक गर्माहट तब आई जब देश की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक महिलाओं में से एक, सोनिया गांधी को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में भर्ती कराया गया। ख़बर आग की तरह फैली कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। इसके साथ ही पूरे राजनीतिक गलियारे में सनसनी फैल गई, कांग्रेस के उच्च पदाधिकारी बैचेन हो उठे और शिमला के शांत वातावरण में भी चिंता की गूंज सुनाई देने लगी।

शांति के इरादे से शिमला, लेकिन अस्पताल में हुई सुबह

सोनिया गांधी हाल ही में कुछ दिनों के विश्राम के लिए शिमला आई थीं। राजधानी दिल्ली की गर्मी से दूर, पहाड़ी सुकून की तलाश में आईं सोनिया को शायद अंदाज़ा नहीं था कि उनकी यह यात्रा डॉक्टरों के बीच जांच और निगरानी में बदल जाएगी। शुक्रवार की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें आनन-फानन में IGMC ले जाया गया, जहां मेडिकल इमरजेंसी के सारे दरवाज़े तुरंत खोल दिए गए। सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी का MRI कराया गया और विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी रख रही है। IGMC के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी को सांस लेने में तकलीफ़ और थकावट की शिकायत थी, जिसके बाद उन्हें तुरंत एडमिट किया गया। फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है, लेकिन तनाव की लकीरें कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के माथे पर साफ नज़र आ रही हैं।

कांग्रेस की 'शक्ति स्तंभ' की गिरती सेहत

78 वर्षीय सोनिया गांधी पिछले कुछ वर्षों से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं। श्वसन तंत्र की जटिलताएं, पोस्ट-कोविड इफेक्ट्स और वायरल इंफेक्शन की वजह से वह बार-बार अस्पतालों में भर्ती होती रही हैं। 2022 में दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उन्हें गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। बाद में कोरोना संक्रमण और कमजोरी के चलते उन्हें दोबारा अस्पताल जाना पड़ा। उस समय भी उनकी हालत को लेकर पार्टी ने गोपनीयता बरती थी। अब जबकि वह राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं निभा रही हैं, उनकी सेहत पार्टी के लिए फिर भी एक भावनात्मक और रणनीतिक केंद्र बनी हुई है। सोनिया गांधी न केवल कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा हैं, बल्कि पार्टी की आत्मा भी मानी जाती हैं ऐसे में उनकी सेहत पर आई हर आंच, कांग्रेस संगठन की धड़कनों को बढ़ा देती है।

विदेश में होता रहा इलाज, बीमारी रही रहस्य

सोनिया गांधी का इलाज कई बार विदेशों में भी हुआ है। खासकर अमेरिका के न्यूयॉर्क में, जहां 2011 से लेकर 2022 तक उन्होंने कई बार नियमित मेडिकल फॉलोअप्स कराए। हालांकि, उनकी बीमारी के प्रकार को लेकर पार्टी ने हमेशा चुप्पी साधे रखी। इसे 'गोपनीय चिकित्सा जरूरत' बताया गया। 2011 में पहली बार जब उन्हें अमेरिका ले जाया गया था, तब कयासों का बाजार गर्म हुआ, लेकिन कोई आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि बीमारी को गोपनीय रखने के पीछे निजी गरिमा और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने की रणनीति भी शामिल रही है। यही वजह है कि उनकी हर मेडिकल यात्रा पर प्रियंका गांधी वाड्रा या राहुल गांधी साथ रहते हैं, और मीडिया को सिर्फ ‘स्थिति स्थिर है’ जैसे शब्दों से ही संतोष कराना पड़ता है।

शिमला में कांग्रेस का बढ़ता जमावड़ा

सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ने की खबर सुनते ही कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सक्रिय हो गए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के भी IGMC पहुंचने की संभावना जताई गई है। वहीं दिल्ली से भी कुछ प्रमुख नेता शिमला रवाना हो सकते हैं। शिमला स्थित पार्टी कार्यालय में हलचल तेज है और सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। शिमला में सोनिया गांधी का निजी निवास पहले भी पार्टी की हाई लेवल बैठकों का गवाह रहा है। लेकिन इस बार हालात अलग हैं। यह दौरा न रणनीतिक था, न ही राजनीतिक—यह एक ‘आराम यात्रा’ थी, जो अचानक एक ‘स्वास्थ्य संकट’ में बदल गई है।

क्या यह सोनिया युग का अंतिम पड़ाव है?

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कांग्रेस को अब पूरी तरह अगली पीढ़ी के नेतृत्व के लिए तैयार हो जाना चाहिए? सोनिया गांधी की बिगड़ती सेहत पार्टी के अंदर एक असहज शून्य को जन्म दे रही है—एक ऐसा खालीपन जिसे भरने के लिए केवल 'गांधी नाम' काफी नहीं होगा, बल्कि निर्णायक नेतृत्व और ठोस रणनीति की ज़रूरत होगी। जब तक सोनिया गांधी सक्रिय थीं, पार्टी की आत्मा उनमें बसती थी। लेकिन अब जिस तरह से उनकी तबीयत लगातार गिर रही है, कांग्रेस को तय करना होगा कि सिर्फ उनके नाम से संगठन को चलाना कितना और कब तक मुमकिन है। फिलहाल IGMC से कोई विस्तृत मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुआ है, लेकिन कांग्रेस खेमा हर खबर पर पैनी नजर रखे हुए है। एक बार फिर पूरा देश सोनिया गांधी की सेहत को लेकर प्रार्थनाओं में जुट गया है। पर सवाल यही है—इस राजनीतिक धरोहर की सेहत का देश की सबसे पुरानी पार्टी के भविष्य से कितना गहरा रिश्ता है? अब निगाहें सोनिया गांधी के मेडिकल अपडेट और कांग्रेस के अगले कदम पर टिकी हैं।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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