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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में होने वाला है बड़ा खेला,ठाकरे भाइयों के बाद अब चाचा-भतीजा के मेलजोल की अटकलें

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में चर्चित चाचा-भतीजे की जोड़ी यानी शरद पवार और अजित पवार के बीच भी मेलजोल बढ़ रहा है।

Anshuman Tiwari
Published on: 22 April 2025 9:10 AM IST
Sharad Pawar and ajit pawar
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शरद पवार और अजित पवार (Social media)

Maharashtra politics: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। सियासी गलियारों में इस बात की खूब चर्चा है कि ठाकरे भाइयों के बीच जल्द ही सुलह हो सकती है। अगर दोनों चचेरे भाइयों ने हाथ वाला मिलाया तो निश्चित रूप से यह घटनाक्रम भाजपा की टेंशन बढ़ाने वाला साबित होगा।

दूसरी ओर महाराष्ट्र की सियासत में चर्चित चाचा-भतीजे की जोड़ी यानी शरद पवार और अजित पवार के बीच भी मेलजोल बढ़ रहा है। पिछले एक महीने के दौरान दोनों दिग्गजों के बीच चार मुलाकातें हो चुकी हैं। इन मुलाकातों को लेकर भी महाराष्ट्र में कयासों का नया दौर शुरू हो गया है। हालांकि दोनों नेताओं की ओर से इन मुलाकातों को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है मगर महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक उलटफेर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

अलग खेमों में होने पर भी मुलाकातों का दौर

मौजूदा समय में अजित पवार एनडीए में है और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में काम कर रहे हैं। दूसरी ओर शरद पवार की पार्टी एनसीपी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव गुट के साथ है। ऐसे में शरद पवार और अजित पवार के बीच हो रही लगातार मुलाकातों ने सियासी गलियारों में भी लोगों को हैरान कर रखा है। दोनों नेताओं की मुलाकातों को लेकर शिवसेना की ओर से नाराजगी भी जताई गई है।

सोमवार को पुणे के सरसन कॉम्प्लेक्स में कृषि में एआई तकनीकी के इस्तेमाल पर आयोजित बैठक के दौरान शरद पवार और अजित पवार के बीच मुलाकात हुई। हालांकि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के दौरान क्या चर्चा हुई,इसका खुलासा नहीं हो सका है। लगातार हो रही इन मुलाकातों पर दोनों दिग्गज नेताओं ने चुप्पी साथ रखी है। हालांकि इन मुलाकातों के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र की सियासत में कोई बड़ा खेला हो सकता है।

एक महीने के दौरान कई मुलाकातें

पिछले एक महीने के दौरान दोनों नेताओं के बीच हुई यह चौथी मुलाकात थी। इससे पहले वसंत दादा शुगर इंस्टिट्यूट में 22 मार्च को शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात हुई थी। इसके बाद जय पवार की सगाई में 10 अप्रैल को पूरा पावर कुनबा जुटा था और इस दौरान भी दोनों के बीच चर्चा हुई थी। इसके बाद रयात शिक्षण संस्थान के एक कार्यक्रम के दौरान भी दोनों नेता एक साथ मौजूद थे।

शरद पवार में इन मुलाकातों को ज्यादा राजनीतिक तूल न देने के पक्षधर हैं मगर सियासी गलियारों में इन मुलाकातों को लेकर खूब चर्चा हो रही है। यह अभी देखा जाना बाकी है कि इन मुलाकातों का आने वाले दिनों में क्या सियासी असर दिखता है।

मतभेद का व्यक्तिगत रिश्तों पर कोई असर नहीं

इस बीच एनसीपी की वरिष्ठ नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि पवार फैमिली में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं,लेकिन इसका व्यक्तिगत रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि पवार परिवार कभी अलग नहीं हुआ। सभी भाई-बहन हमारे पूर्वजों की ओर से सिखाए गए मूल्य के साथ पले बढ़े हैं।

हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमने इसका असर व्यक्तिगत रिश्तों पर नहीं पड़ने दिया। उन्होंने कहा कि यदि अजित दादा नरम हो गए हैं तो सभी ने इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एनसीपी के दोनों दलों के विलय का अभी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। दोनों दलों के विलय के संबंध में शरद पवार और अजित पवार जो भी फैसला लेंगे,वह सभी को मंजूर होगा।

एका हुआ तो दोनों दलों के कार्यकर्ता होंगे खुश

एनसीपी के वरिष्ठ नेता अमोल मिटकरी ने कहा कि यदि शरद पवार और अजित पवार एक साथ आते हैं तो एनसीपी के दोनों गुटों के कार्यकर्ताओं को बेहद खुशी होगी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के पास महाराष्ट्र के विकास के लिए एक दृष्टिकोण है। दोनों नेताओं की मुलाकातों के पीछे कोई राजनीतिक मकसद देखने की जरूरत नहीं है।

एनसीपी के विधान परिषद सदस्य मिटकरी ने कहा कि हम सभी शरद पवार का काफी सम्मान करते हैं। उनके पास 50 साल का अनुभव है और उनके प्रति सभी के मन में सम्मान का भाव है। कुछ लोगों को लगता है कि दोनों पार्टियों को साथ नहीं आना चाहिए मगर यदि दोनों नेता एक साथ आते हैं तो दोनों दलों के सभी कार्यकर्ताओं को काफी खुशी होगी।

चाचा-भतीजे की मुलाकातों में बुराई क्या

शरद पवार और अजित पवार की मुलाकातों पर कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि शरद पवार और अजित पवार सोच रहे होंगे कि चूंकि दो चचेरे भाइयों के एकसाथ आने की चर्चा है, तो चाचा-भतीजे के फिर से मिलने में क्या बुराई है? उनका इशारा चचेरे भाइयों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की ओर था। दोनों के हालिया बयानों से महाराष्ट्र में राजनीतिक मेल-मिलाप की अटकलों ने तेजी पकड़ रखी है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि दोनों पवार पहले ही साथ आ चुके हैं। हम कभी एकनाथ शिंदे से बात नहीं करते और न उनके साथ मंच साझा करते हैं मगर दोनों पवारों के बीच मेल-मुलाकात का दौर जारी है।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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