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तमिलनाडु: इस बार पोंगल पर नहीं होगा जल्लीकट्टू, SC ने पुनर्विचार याचिका खारिज की

aman
By aman
Published on: 12 Jan 2017 3:19 PM IST
तमिलनाडु: इस बार पोंगल पर नहीं होगा जल्लीकट्टू, SC ने पुनर्विचार याचिका खारिज की
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नई दिल्ली: तमिलनाडु में पोंगल से ठीक पहले जल्लीकट्टू पर्व पर लगे बैन को हटाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा, कि 'आदेश का ड्राफ्ट तैयार है, लेकिन शनिवार से पहले फैसला सुनना संभव नहीं है।' गौरतलब है कि शनिवार (14 जनवरी) को ही तमिलनाडु में पोंगल का पर्व मनाया जाएगा। इसमें जल्लीकट्टू खेल भी होता है, जिसमें सांडों को काबू किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले साल 2014 में इस खेल को जानवरों के प्रति क्रूरता करार देते हुए बैन किया था। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में लगाई गई राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए अपना आदेश बरकरार रखा था।

केंद्र समर्थन से समर्थन की मांग

वहीं सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने कहा, सीएम इस बारे में जरूरी कदम उठाएंगे। पार्टी नेता सीआर सरस्वती ने कहा, 'अम्मा (जे. जयललिता) को जल्लीकट्टू बहुत पसंद था। हम केंद्र सरकार से इस मामले में समर्थन की मांग करते हैं।' वहीं, पुलिस ने कुडल्लोर में जल्लीकट्टू के आयोजन को विफल कर दिया। एआईएडीएमके की जनरल सेक्रेटरी वीके शशिकला ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस खेल के आयोजन के लिए एक अध्यादेश लाने को कहा ताकि इस खेल का आयोजन हो सके।

सेलवम और शशिकला ने पीएम को दी अर्जी

मोदी को लिखे पत्र में शशिकला ने कहा कि जानवरों के प्रति कोई क्रूरता नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में सांडों को भगवान के तौर पर पूजा जाता है। जो युवा उन्हें काबू करते हैं वह ध्यान रखते हैं कि सांडों को कोई दर्द न हो। शशिकला से पहले राज्य के सीएम ओ पन्नीरसेलवम ने भी पीएम मोदी से यही गुजारिश की थी। शशिकला ने कहा, 'जल्लीकट्टू पर बैन से राज्य के लोग नाराज हैं खासकर युवा। इससे बैन हटाने की हर मुमकिन कोशिश की जानी चाहिए।'

क्या है जल्लीकट्टू?

जल्लीकट्टू तमिलनाडु का एक परंपरागत खेल है। इसमें बैल को काबू में किया जाता है। यह खेल काफी सालों से तमिलनाडु में लोगों द्वारा खेला जाता है। तमिलनाडु में मकर संक्रांति का पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है। इस मौके पर जल्लीकट्टू के अलावा बैल दौड़ का भी काफी जगहों पर आयोजन किया जाता है। जानकार मानते हैं कि जल्लीकट्टू तमिल शब्द 'सल्ली' और 'कट्टू' से मिलकर बना है। इसका मतलब सोना-चांदी के सिक्के होता है जो कि सांड के सींग पर टंगे होते हैं। बाद में सल्ली की जगह 'जल्ली' शब्द ने ले ली।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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