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2 लाख रुपए का चिप्स: विदेशों में कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश, भारत में इतना दाम

ज्ञानपुरी-बंसरी के खास चिप्स भारत में पांच हजार रुपये तक बिकते हैं, लेकिन भारतीय सीमा को पार करते ही दूसरे देशों में इसकी कीमत आसमान छूने लगती है।

Shreya
Published on: 1 Dec 2020 1:55 PM IST
2 लाख रुपए का चिप्स: विदेशों में कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश, भारत में इतना दाम
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2 लाख रुपए का चिप्स: विदेशों में कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश, भारत में इतना दाम

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के इटावा और पश्चिम बंगाल के 24 परगना में बनने वाले ज्ञानपुरी-बंसरी के खास चिप्स साल के 12 महीने डिमांड में रहते हैं। देश में इसके लिए लोगों को प्रति किलो पांच हजार रुपये तक देने पड़ते हैं, लेकिन भारतीय सीमा को पार करते ही दूसरे देशों में इसकी कीमत आसमान छूने लगती है। दूसरे देशों में इस चिप्स की कीमत दो लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाते हैं।

बड़ी तादाद में कछुओं की हो रही तस्करी

बता दें कि ज्ञानपुरी-बंसरी एक जगह है, इसी जगह के नाम पर कछुओं की तीन खास प्रजाति को ज्ञानपुर-बंसरी कहा जाता है, जो कि सबसे ज्यादा इटावा में पाई जाती है। यह इलाका राष्ट्रीय चंबल सेंचूरी में आता है। यहां से बड़ी तादाद में कछुओं की तस्करी (Turtle smuggling) भी हो रही है।

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इन खास प्रजातियों से बनाए जाते हैं चिप्स

वहीं इस बात का खुलासा करते हुए पर्यावरणविद और गंगा अभियान से जुड़े रहे राजीव चौहान ने बताया कि चंबल नदी से लगे आगरा के पिनहाट और इटावा के ज्ञानपुरी और बंसरी में निलसोनिया गैंगटिस और चित्रा इंडिका तीन खास प्रजातियों से चिप्स बनाया जाता है। कछुए के पेट की स्किन (प्लैस्ट्रान) से चिप्स बनाए जाते हैं। पहले प्लैस्ट्रान को काटकर अलग कर लेते हैं और फिर इसे उबालकर सुखाने के बाद बंगाल के रास्ते विदेशों में भेज दिया जाता है।

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जिंदा कछुओं की होती है स्मगलिंग

बताया जा रहा है कि पहले तो गर्मी ने कछुए के पेट की स्किन यानी प्लैस्ट्रान के चिप्स बनाए जाते हैं, लेकिन सर्दियों में जिंदा कछुओं की स्मगलिंग की जाती है। सर्दी में स्थानीय तस्करों को तस्करी में कोई परेशानी भी नहीं आती है। राजीव चौहान ने बताया कि स्थानीय तस्करों से मिली जानकरी के मुताबिक, ज्ञानपुरी और बंसरी में निलसोनिया गैंगटिस और चित्रा इंडिका कछुओं के चिप्स बेचते हैं। इटावा-पिनहाट से यह 24 परगना तक पहुंचाए जाते हैं।

फिर यहां से यह विदेशों में भेजे जाते हैं। यह चिप्स 24 परगना से थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर को तस्करी कर दिए जाते हैं। तस्करों का कहना है कि इन देशों में पहुंचते ही दो लाख रुपये के चिप्स बिकने लगते हैं। एक किलो कछुए में से 250 ग्राम तक चिप्स बना लिए जाते हैं।

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