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Bihar Election 2025: बिहार महागठबंधन में खींचतान जारी, CM चेहरे और सीट बंटवारे का मामला उलझा, सभी दलों की अपनी-अपनी मांगें
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है। सत्तारूढ़ एनडीए को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी महागठबंधन की ओर से भी तैयारी की जा रही हैं।
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है। सत्तारूढ़ एनडीए को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी महागठबंधन की ओर से भी तैयारी की जा रही हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव की कांग्रेस हाईकमान से दिल्ली में बातचीत के बाद गुरुवार को पटना में महागठबंधन की बड़ी बैठक हुई मगर इस बैठक में भी बड़े मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी।
इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका। कांग्रेस ने अभी तक सीएम फेस को लेकर तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर नहीं लगाई है जबकि राजद की ओर से तेजस्वी को खुलकर सीएम का चेहरा बताया जा रहा है। विधानसभा की सीटों को लेकर भी सभी दलों की अपनी-अपनी मांगे हैं। इसलिए सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझाना भी मुश्किल साबित हो रहा है।
सीएम चेहरे का मामला उलझा
पटना में गुरुवार को हुई विपक्षी महागठबंधन की बैठक में सिर्फ यही कामयाबी मिल सकी कि कोऑर्डिनेशन कमेटी के गठन का फैसला लिया गया। बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी दलों ने इस मुद्दे पर सहमति जताई और इस कमेटी की अगुवाई राजद नेता तेजस्वी यादव के हाथों में होगी। बैठक से पहले ही राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा बताया। उनका कहना था कि इसमें तनिक भी संशय नहीं है मगर बैठक के बाद इस तरह का कोई बयान नहीं जारी किया गया।
बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु सीएम चेहरे के बारे में सवाल पूछे जाने पर बचते हुए दिखे। उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि कोऑर्डिनेशन कमेटी सारे काम करेगी। सीट शेयरिंग से लेकर चुनाव अभियान तक सारे फैसला कमेटी की ओर से ही लिए जाएंगे। तेजस्वी यादव इसके मुखिया हैं तो उनकी अगुवाई में ही सारे फैसले होंगे।
चुनाव तक मामला टालना चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस ने सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में तेजस्वी यादव का समर्थन न करते हुए अपने पुराने कोर सवर्ण मतदाताओं को साधने की कोशिश की है। वैसे कांग्रेस सीएम पद को लेकर शुरू से ही कहती रही है कि इसका फैसला चुनाव के बाद किया जाएगा। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी पिछले दिनों पटना में यही बात कही थी।
सीएम पद को लेकर कोई फैसला न होने पर जदयू ने हमला करते हुए कहा कि राजद तेजस्वी को सीएमम चेहरा बनाने को बेताब है मगर कांग्रेस की ओर से उसे कोई भाव नहीं दिया जा रहा है।
तेजस्वी बोले- थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से जब सीएम चेहरे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए। उनका कहना था कि इसे लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हम सभी बातें एक ही दिन में नहीं बता देंगे। थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन की बैठक में इंडिया अलायंस के बिहार के सभी पार्टनर मौजूद रहे। महागठबंधन की पहली बैठक हुई है। हर विषय पर हम लोगों ने चर्चा की है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों की क्या चिंता है,इसे लेकर भी बैठक में बातचीत की गई। 20 साल से चल रही खटारा सरकार के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है और हम इस सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।
सभी दलों की अपनी-अपनी मांगें
बैठक से पहले उम्मीद की जा रही थी कि सीएम चेहरे के साथ ही सीट शेयरिंग के मुद्दे पर भी कोई फैसला होगा मगर इस मुद्दे का भी समाधान नहीं हो सका। दरअसल महागठबंधन में शामिल सभी दलों की अपनी-अपनी मांगे हैं जिसे लेकर मामला उलझा हुआ है। राजद 2020 की तरह 144 सीटों की डिमांड कर रही है और इसके साथ ही पार्टी की यह भी मांग है कि तेजस्वी यादव ही सीएम पद के चेहरा होंगे।
कांग्रेस की ओर से 2020 की तरह 70 सीटों के साथ ही डिप्टी सीएम पद की डिमांड की जा रही है। जानकारों का कहना है कि राजद इस बार कांग्रेस को 50 से अधिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी 60 सीटों के साथ ही डिप्टी सीएम का पद भी मांग रही है। बैठक के बाद मुकेश सहनी ने महागठबंधन में पूरी एकजुटता का दावा किया।
भाकपा माले की ओर से भी 30 सीटों की डिमांड सामने आई है जबकि भाकपा और माकपा ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। सियासीसी जानकारों का मानना है कि महागठबंधन में शामिल दलों की इस मांग को पूरा करना मुश्किल है और यही कारण है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका। सीटों की संख्या तय होने के बाद कौन दल किस सीट पर चुनाव लड़ेगा, इस सवाल का जवाब देना भी मुश्किल माना जा रहा है।