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बंद हो रहे अल्फ्रेड हाई स्कूल की तरह गांधीजी से जुड़े इन दो स्‍कूलों की हालत खस्ता

महात्मा गांधी ने गुजरात के जिस अल्फ्रेड हाई स्कूल में पढ़ाई की थी। अल्फ्रेड हाई स्कूल का नाम बदलकर मोहनदास गांधी विद्यालय कर दिया गया था। अब इस स्कूल में गांधीजी के जीवन पर केंद्रित संग्रहालय बनेगा। उसे गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की ओर से बंद किए जाने के बाद से ही राज्य के अन्य ऐसे स्कूल भी चर्चा में हैं जिनका महात्मा गांधी से संबंध है। इनमें से एक स्कूल में गांधीजी ने बचपन में पढ़ाई की थी तो दूसरे की उन्होंने स्थापना की थी।

priyankajoshi
Published on: 15 May 2017 12:31 PM GMT
बंद हो रहे अल्फ्रेड हाई स्कूल की तरह गांधीजी से जुड़े इन दो स्‍कूलों की हालत खस्ता
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नई दिल्ली : महात्मा गांधी ने गुजरात के जिस अल्फ्रेड हाई स्कूल में पढ़ाई की थी। अल्फ्रेड हाई स्कूल का नाम बदलकर मोहनदास गांधी विद्यालय कर दिया गया था। अब इस स्कूल में गांधीजी के जीवन पर केंद्रित संग्रहालय बनेगा। उसे गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की ओर से बंद किए जाने के बाद से ही राज्य के अन्य ऐसे स्कूल भी चर्चा में हैं जिनका महात्मा गांधी से संबंध है। इनमें से एक स्कूल में गांधीजी ने बचपन में पढ़ाई की थी तो दूसरे की उन्होंने स्थापना की थी।

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अल्फ्रेड हाई स्कूल की हालत बेहाल होने, छात्रों की संख्या मं कमी और छात्रों के खराब परफॉर्मेंस के आधार पर बंद किया जा रहा है। इस मामले में गांधीजी से जुड़े अन्य दो स्कूलों की हालत भी कुछ इस तरह है।

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इस स्कूल में गांधीजी के छात्र होने की पुष्टि

-राजकोट स्थित किशोर सिंह जी स्कूल नंबर एक में महात्मा गांधी ने 21 जनवरी 1879 से एक दिसंबर 1880 के बीच पढ़ाई की थी।

-साल 1838 में खुले इस स्कूल के बोर्ड पर यहां से गांधीजी के पढ़े होने की बात अंकित है।

-स्कूल के पास अभी भी वो रिकॉर्ड मौजूद हैं, जिनसे महात्मा के यहां का छात्र होने की पुष्टि होती है।

-अल्फ्रेड हाई स्कूल की तरह इस स्कूल के छात्रों की संख्या पिछले दो दशकों में तेजी से गिरी है।

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घटती गई छात्रों की संख्या

-एक अंग्रेजी अखबार के पास मौजूद डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक पिछले कई सूत्रों से स्कूल में कुल छात्रों की संख्या 250 से कम रहती है।

-छात्रों की कम होती संख्या की वजह से साल 2011-12 में आसपास के चार तालुका स्कूलों को एक में मिला दिया गया था।

-साल 2007 में यहां कुल 107 छात्र थे।

-उसके बाद भी अगले तीन सालों तक किसी भी साल यहां 150 से ज्यादा छात्र नहीं थे।

-2011 और 2012 में यहां छात्रों की संख्या कुछ बढ़ी लेकिन उसके बाद फिर कम होने लगी।

-29 अप्रैल 2017 को यहां कुल 114 छात्र थे।

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-राष्ट्रीय शाला की स्थापना महात्मा गांधी ने 1921 में की थी।

-गांधीजी का मकसद बच्चों में राष्ट्रवादी भावनाओं का बचपन से ही विकास और अहिंसक स्वतंत्रता आंदोलन के लिए नौजवानों को तैयार करना था।

-गांधीजी ने खुद ही इस स्कूल की नियमावली तैयार की थी।

-इस स्कूल में 1939 में गांधीजी ने राजकोट रियासत द्वारा टैक्स बढ़ाए जाने के खिलाफ पांच दिनों का उपवास रखा था।

-स्कूल में प्री-प्राइमरी से हाई स्कूल तक की पढ़ाई होती है।

-70 हजार गज में फैले इस स्कूल में इस समय 150 से भी कम छात्र हैं।

स्कूल का संचालन राष्ट्रीय शाला ट्रस्ट (आरएसटी) करता है

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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