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बिना शराब के होटलों में पसरा सन्नाटा, व्यवसायियों के लिए बढ़ी मुश्किलें

हाई-वे से 500 मीटर के भीतर शराब परोसने पर लगी सुप्रीम कोर्ट की रोक से महामार्गों से लगे पब, होटल और रेस्त्रां में सन्नाटा पसरा हुआ है। इनमें से कई होटल-रेस्त्रां में एक-एक लाख रुपये का रोजाना कारोबार होता था, जो अब कुछ हजार रुपये रह गया है। नकदी की कमी की वजह से मैनेजमेंट ने अपने स्टॉफ को हटाना शुरू कर दिया है।

priyankajoshi
Published on: 6 April 2017 1:33 PM GMT
बिना शराब के होटलों में पसरा सन्नाटा, व्यवसायियों के लिए बढ़ी मुश्किलें
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मुंबई : हाई-वे से 500 मीटर के अंदर शराब परोसने पर लगी सुप्रीम कोर्ट की रोक से महामार्गों से लगे पब, होटल और रेस्त्रां में सन्नाटा पसरा हुआ है। इनमें से कई होटल-रेस्त्रां में एक-एक लाख रुपये का रोजाना कारोबार होता था, जो अब कुछ हजार रुपये रह गया है। नकदी की कमी की वजह से मैनेजमेंट ने अपने स्टॉफ को हटाना शुरू कर दिया है।

खतरे में रोजगार

विले पार्ले ईस्ट में स्थित 'जयश्री होटल में शाम ढलते ही ग्राहकों का जमावड़ा लग जाता था। वहां अब स्टॉफ रातभर टीवी देखकर किसी नई सुबह की प्रतीक्षा कर रहा है। संकट एकाध दुकान का नहीं, कई हजार दुकानों का है। घर, परिवार, आमदनी, स्टॉफ, रोजगार की सुरक्षा सभी कुछ एकाएक खतरे में पड़ गया है। नई जगह पर दुकान बसाना भी आसान नहीं है।

व्यवसायियों के लिए बढ़ी मुश्किल

बोरिवली ईस्ट में वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे हाइवे पर 'सुष्मिता वाइंस' है। इसके मालिक मंदार सावंत कहते हैं कि उनकी दुकान को हाई-वे से हटाकर रियाइशी इलाको में लगाना असंभव है। उनका कहना है कि 'पहले तो मुझे अपनी ही दुकान का खरीदार ढूंढना होगा। फिर दूसरी दुकान देखनी होगी। रिहाइशी इलाके में हाउजिंग सोसायटी से शराब की दुकान के लिए 'एनओसी लेना काफी टेढ़ी खीर साबित होगा। किसी का नुकसान, किसी का फायदा साबित होता है। भीड़ से निपटने के लिए व्यवस्था करना इन व्यवसायियों के लिए मुश्किल हो रहा है।

किया मूक प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में मुंबई में दहिसर ईस्ट में महाराजा होटल के कंपाउंड में 'आहार के झंडे तले 150 से ज्यादा बार-होटल कर्मचारियों और उनके परिवार ने मूक प्रदर्शन किया।

आत्महत्या करने को होंगे मजबूर

प्रदर्शन में शामिल जयंता शेट्टी जो एक रेस्टोरेंट 'मराठा' की मालकिन हैं। उनका कहना है कि मेरे पति बीमार हैं। उनका मेडिकल बिल हर महीने 25000 रुपए है। इलाज के लिए लोन लिया है, अब कहां से यह लोन चुकाएंगे। वे जिस विकल्प पर विचार कर रही है, वह दिमाग को सुन्न कर देता है। उन्होंने कहा, यदि सरकार ने कुछ नहीं किया तो किसानों की तरह हम भी आत्महत्या करने को मजबूर होंगे।

पर्यटन मंत्री से की मुलाकात

हाईवेज के 500 मीटर के दायरे में स्थित शराब की दुकानों से मचे हाहाकार से निपटने के लिए 'आहार संस्था' के पदाधिकारी गुरुवार को महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल से मिले। यह जानकारी 'आहार संस्था' के प्रेजिडेंट दिलीप दतवानी ने दी है।

क्या कहना है दिलीप का?

दिलीप का कहना है कि संस्था और सरकार दोनों ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से निपटने की रणनीति बना रही है। इसमें एक रणनीति नैशनल और स्टेट हाइवे को डिनोटिफाई करने की है। दूसरे, इसका तोड़ सरकार द्वारा कोर्ट के फैसले के ऊपर अध्यादेश लाकर हो सकता है। कोर्ट का कहना है कि हाई-वे पर ऐक्सिडेंट होते हैं, इसलिए शराब पर रोक लगाना जरूरी है।

कठोर कानून बनाना जरूरी

'आहार' के आदर्श शेट्टी का मानना है कि इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाय कठोर कानून बनाकर, उन्हें लागू करवाना है। दोषियों को सजा देना है। हाई-वे के आसपास बार पर रोक लगाना इसका हल नहीं है।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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