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UWW ने दी मंजूरी, अब प्रवीण राणा नहीं, नरसिंह यादव अब जाएंगे रियो
नई दिल्ली: 74 किलो भार वर्ग के पहलवान नरसिंह यादव रियो ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। डोपिंग में फंसने के बाद उनकी जगह प्रवीण राणा का नाम भेजा गया था। उनको नहीं भेजे जाने को लेकर चल रहा सस्पेंस बुधवार को खत्म हो गया।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रृज भूषण सिंह ने इस बात का ऐलान करते हुए बुधवार को कहा कि भारतीय कुश्ती संघ ने यूनाइटेड विश्व कुश्ती (UWW) को दोबारा लिखा था कि प्रवीण राणा की जगह नरसिंह यादव रियो ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। UWW ने इसकी मंजूरी दे दी है।
मोदी से मिले थे नरसिंह
नरसिंह यादव पीएम नरेंद्र मोदी से मंगलवार को मिले थे और उनका शुक्रिया अदा किया था। ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार से ट्रायल की जंग जीतने और डोपिंग के कलंक से खुद को मुक्त कराने की लंबी लड़ाई के बाद अब रियो ओलंपिक में भाग लेने को लेकर नरसिंह यादव का उत्साह लौट आया है। UWW की मंजूरी के साथ-साथ भारतीय ओलिंपिक संघ को भी अपनी रजामंदी देनी थी। अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के नियमों के अनुसार टीम में बदलाव का अधिकार देश की ओलिंपिक समिति को होता है।
नाडा ने किए थे दो टेस्ट
25 जून और 5 जुलाई को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने नरसिंह यादव पर दो टेस्ट किए थे। 23 जुलाई को यह ख़बर सार्वजनिक हो गई कि दोनों टेस्ट में नरसिंह यादव पॉजीटिव पाए गए हैं। रियो में पदक के दावेदार माने जाने वाले पहलवान नरसिंह यादव के लिए मानो दुनिया खत्म हो गई थी। नरसिंह यादव संभले तो उन्हें अहसास हुआ कि वे एक बड़े षड्यंत्र के शिकार हुए हैं। नरसिंह पर आरोप लगा उन्होने METHANDIENONE का सेवन किया है।
दरअसल METHANDIENONE एक एनाबॉलिक स्ट्रायड है जो मसल्स बनाने में काम आता है जबकि रियो के पहले नरसिंह को करीब 8 किलो वजन कम करना था। नाडा के सामने नरसिंह के वकील की दलील थी कि वो वजन बढ़ाने वाला ड्रग्स क्यों लेगा। उनके खाना में किसी ने जानबूझ कर यह मिलाया था । नाडा ने दो दिन की सुनवाई के बाद फैसला नरसिंह के पक्ष में दिया ।